पं.रविशंकर शुक्ल का जीवन परिचय | Pandit Ravishankar Shukla ka Jeevan Parichay
पं.रविशंकर शुक्ल
पडित रविशकर शुक्ल का जन्म 2 अगस्त 1577 को सागर में हुआ था। इनकी शिक्षा सागर तथा रायपुर में हुई। स्नातक और कानून की शिक्षा प्राप्त, पडित रविशकन शुक्ल की गणना चोटी के वकीलों में होती थी।
1902 में पत्र रविशकर शुक्ल खैरागढ़ रियासत में प्रधाना ध्यापक के पद पर नियुक्त हुए कानून की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद राजनांदगाव में वकालत आरंभ किया। 1921 में इन्होंने कांग्रेस की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की।
हिन्दी भाषा के प्रचार के लिए भी पंडित शुक्ल सदैव सक्रिय रहे। 1922 में नागपुर में संपन्न मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। छत्तीसगढ़ में राजनैतिक तथा सामाजिक चेतना जागृत करने के लिए इन्होंने 1935 में महाकोशल साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरभ किया।
1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के नेतृत्व का भार छत्तीसगढ़ ने आपने समाला था। स्वतंत्रता के पूर्व आप 1945 में राज्य विधानसभा में मध्यप्रात के मुख्यमंत्री और पश्चात अविभाजित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने। पंडित शुक्ल को आधुनिक मध्यप्रदेश का निर्माता कहा जाता है।
भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना का श्रेय इन्हें दिया जाता है। रायपुर में संस्कृत, आयुर्वेद विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए महाविद्यालयों की स्थापना इनकी प्रेरणा से हुई।
31 दिसम्बर 1956 को कर्मठ राजनेता महान शिक्षाविद् तथा दूरदर्शी इस राजनेता का देहावसान हुआ। छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में सामाजिक आर्थिक तथा शैक्षिक क्षेत्र में अभिनव प्रयत्नों के लिए पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान स्थापित किया है। यह सम्मान वर्ष 2001 से स्थापित किया गया।
मध्यप्रदेश के निर्माता पंडित रविशंकर शुक्ल | Pandit Ravi Shankar Shukla Madhyapradesh
मध्य प्रदेश के निर्माता के रूप में विख्यात पं. रविशंकर शुक्ल का जन्म 2 अगस्त सन् 1877 ई. को सागर में हुआ था। उनके पिताजी का नाम जगन्नाथ प्रसाद तथा माताजी का नाम तुलसी देवी था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सागर में हुई। उनके पिताजी. अपने कारोबार के सिलसिले में राजनांदगाँव गए बाद वे रायपुर में आकर बस गए।
रविशंकर शुक्ल ने सन् 1895 ई. में रायपुर में मैट्रिक, सन् 1897 ई. में जबलपुर में इंटरमीडिएट, सन् 1899 ई. में नागपुर में बी. ए., जबलपुर से एल. एल. बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। की नियुक्ति चीफ कमिश्नर के दफ्तर में हुई। सन् 1901. में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ दी।
वे जबलपुर के हितकारिणी स्कूल में शिक्षक बन गए और कानून की शिक्षा ग्रहण करने लगे। सन् 1902 शुक्ल का विवाह भवानी देवी से हुआ। वे खैरागढ़ आ गए। एक हाईस्कूल में प्राचार्य । उन्होंने बस्तर के युवराज रुद्रप्रताप देव, कवर्धा के युवराज यदुनंदन सिंह तथा पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी को पढ़ाया था। ( Pandit Ravi Shankar Shukla Madhyapradesh मध्यप्रदेश के निर्माता पंडित रविशंकर शुक्ल की जीवनी, Pandir ravi shankar shukla chhattisgarh , Producer of Madhya Pradesh Pandit Ravi Shankar Shukla )
सन् 1907 ई. में राजनांदगाँव में वकालत शुरु की। कुछ ही महीनों बाद वे रायपुर आकर वकालत करने लगे। इस बीच उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेना शुरु कर दिया। वे सन् 1910 ई. में प्रयाग कांग्रेस अधिवेशन में सम्मिलित हुए। राष्ट्रसेवा के उद्देश्य से उन्होंने सक्रिय राजनीति में प्रवेश लिया।
सन् 1912 ई. में कान्य कुब्ज महासभा कान्य कुब्ज छात्रावास की स्थापना की तथा कान्य कुब्ज मासिक पत्रिका का प्रकाशन शुरु किया। वे लोकमान्य बाल गंगाधार तिलक के विचारों से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने तिलक और एनीबीसेण्ट द्वारा संचालित होमरुल लीग आंदोलन का समर्थन किया। रोलेक्ट एक्ट और जलियाँवाला बाग हत्याकांड से आहत होकर उन्होंने अपना संपूर्ण समय और शक्ति देश को आजाद कराने के लिए लगाने का संकल्प किया।
सन् 1920 ई. में कोलकाता कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया और स्वाधीनता आंदोलन को मध्यप्रांत में प्रसारित किया। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार एवं स्वयं खादी वस्त्र धारण करना प्रारंभ किया। राष्ट्रीय शिक्षा के प्रचार के लिए उन्होंने जनवरी सन् 1921 ई. में रायपुर में राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना करवायी।( Pandit Ravi Shankar Shukla Madhyapradesh मध्यप्रदेश के निर्माता पंडित रविशंकर शुक्ल की जीवनी, Pandir ravi shankar shukla chhattisgarh , Producer of Madhya Pradesh Pandit Ravi Shankar Shukla )
मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन का पाँचवा अधिवेशन 4 मार्च सन् 1922 को नागपुर में शुक्ल जी की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने इसमें हिन्दी को देश की राजभाषा बनाने का विचार प्रमुखता के साथ रखा। उन्होंने ‘आयरलैण्ड का इतिहास’ लिखा जो ‘उत्थान’ में धारावाहिक रूप में प्रकाशित – हुआ 11927 से 1936 ई. तक शुक्ल जी रायपुर जिला परिषद् के अध्यक्ष रहे। सन् 1924 में वे पहली बार प्रांतीय विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
सन् 1926 में उन्हें नागपुर विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी का सदस्य मनोनीत किया गया। गाँधीजी द्वारा चलाए गए नमक सत्याग्रह तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन का रायपुर में नेतृत्व उन्होंने किया और कई बार जेल की यातनाएँ सहीं। नवम्बर सन् 1933 ई. में गाँधीजी के छत्तीसगढ़ प्रवास में वे शुक्ल जी के बूढ़ापारा स्थित निवास में ठहरे थे। ( Pandit Ravi Shankar Shukla Madhyapradesh मध्यप्रदेश के निर्माता पंडित रविशंकर शुक्ल की जीवनी, Pandir ravi shankar shukla chhattisgarh , Producer of Madhya Pradesh Pandit Ravi Shankar Shukla )
1935, ई. में उन्होंने साप्ताहिक महाकौशल का प्रकाशन आरंभ किया। शुक्ल जी 1936 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए तथा डॉ. खरे मंत्रिमंडल में शिक्षामंत्री बने। गाँधीजी के आदेश पर उन्होंने सन् 1939 ई. में मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया। सन् 1940 ई. में व्यक्तिगत सत्याग्रह 1942 ई. में भारत छोड़ो आंदोलन का छत्तीसगढ़ में शुक्लजी ने ही नेतृत्व किया।
1942 ई. को उन्हें मलकापुर रेलवे स्टेशन में गिरफ्तार 13 जून सन् 1945 ई. को उन्हें जेल से रिहा किया गया।1946 ई. के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रांत में कांग्रेस को भारी बहुमत पं. शुक्ल के नेतृत्व में मंत्रीमंडल का गठन किया गया। 15 अगस्त सन् 1947 ई. को आजादी के अवसर पर शुक्ल जी ने नागपुर के सीताबर्डी के किले में तिरंगा झण्डा फहराया। सन् 1956 ई. तक वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। देश की स्वतंत्रता के बाद शुक्ल जी ने छत्तीसगढ़ की सभी चैदह रियासतों का मध्य प्रदेश में विलय कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने सागर में हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, रायपुर में संस्कृत, विज्ञान और आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संविधान सभा के सदस्य के रुप में महत्वपूर्ण योगदान दिया।( Pandit Ravi Shankar Shukla Madhyapradesh मध्यप्रदेश के निर्माता पंडित रविशंकर शुक्ल की जीवनी, Pandir ravi shankar shukla chhattisgarh , Producer of Madhya Pradesh Pandit Ravi Shankar Shukla )
1 नवम्बर सन् 1956 ई. को नए राज्य मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक योजनाएँ बनाई 31 बनाई। दिसम्बर 1956 को हृदयाघात से देहावसान हो गया। कालान्तर में रायपुर में स्थापित विश्वविद्यालय का नामकरण । छग शासन ने उनकी स्मृति में सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षिक क्षेत्र में अभिनव प्रयत्नों के लिए पं. रविशंकर शुक्ल सम्मान स्थापित किया है।( Pandit Ravi Shankar Shukla Madhyapradesh मध्यप्रदेश के निर्माता पंडित रविशंकर शुक्ल की जीवनी, Pandir ravi shankar shukla chhattisgarh , Producer of Madhya Pradesh Pandit Ravi Shankar Shukla )
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