छत्तीसगढ़ ग्रामीण प्रशासन | Chhattisgarh Gramin Prashasan | Chhattisgarh Rural Administration
- 1920 में रायपुर में राष्ट्रीय पंचायत” की शुरूआत जशकरण डागा ने किया था।
- ई – पंचायत की शुरूआत अम्बिकापुर से हुई थी।
- छ.ग. में ग्रामीण त्रिस्तरीय-कार्यरत है।
‘जिला पंचायत ( 27 )
राजनीतिक प्रमुख > जिला पंचायत अध्यक्ष
> जिला पंचायत उपाध्यक्ष
चुनाव > अप्रत्यक्ष
> जिला पंचायत सदस्य
चुनाव > प्रत्यक्ष
प्रशासनिक प्रमुख > CEO(IAS)
जनपद पंचायत (216)
राजनीतिक प्रमुख > जनपद पंचायत अध्यक्ष
> जनपद पंचायत उपाध्यक्ष
चुनाव > अप्रत्यक्ष
>जनपद पंचायत सदस्य
चुनाव > प्रत्यक्ष
प्रशासनिक प्रमुख > CEO(PSC)
ग्राम पंचायत (10971)
राजनीतिक प्रमुख > सरपंच
वार्ड प्रमुख > पंच
चुनाव > प्रत्यक्ष
> उपसरपंच
चुनाव > अप्रत्यक्ष
प्रशासनिक प्रमुख > सचिव ( चतुर्थ श्रेणी )
सरपंच
योग्यता :-
- भारत का नागरिक हो।
- 21 वर्ष उम्र पूर्ण कर चुका हो।
- किसी भी लाभ के पद में ना हो।
- दिवालिया या पागल ना हो।
चुनाव :-
- प्रत्यक्ष होता है।
शपथ :-
- कलेक्टर दिलाता है।
कार्य काल :-
- 5 वर्ष होता है। यदि पद खाली होता है,
- तो 6 माह के भीतर चुनाव होगा।
त्याग पत्र :-
- त्याग पत्र कलेक्टर को देता है।
क्या आप जानते है ? |
जिला पंचायत → 27 जनपद पंचायत → 216 ग्राम पंचायत → 10971 गाँवों की संख्या → 20126 आबादी ग्राम → 19567 अनुसूचित जिले → 13 आंशिक अनुसूचित जिले → 6 अनुसूचित जनपद पंचायत → 85 अनुसूचित ग्राम पंचायत → 5050 |
पंचायती राज
भाग – 9 (संविधान )
अनुच्छेद >> 243 (A) से 243 (0) अनुसूची >> 11 वीं
अनुच्छेद >> 40 में ग्राम पंचायत की व्यवस्था।
अनुच्छेद 243 – परिभाषाएँ
1. अनुच्छेद 243. A (क) > ग्राम सभा |
2. अनुच्छेद 243. B (ख) > ग्राम पंचायत का गठन। |
3. अनुच्छेद 243, C (ग) > पंचायतों की संरचना |
4. अनुच्छेद 243. D (घ) > आरक्षण। |
5. अनुच्छेद 243, E (ड़) > पंचायतों की अवधि |
6. अनुच्छेद 243 F (च) > योग्यता |
7. अनुच्छेद 243, G (छ) > पंचायतों की शक्ति प्राधिकार |
8. अनुच्छेद 243, H (ज) > पंचायतों की विधियों (निधियों) |
9. अनुच्छेद 243 I ( झ ) > वित्त आयोग का गठन |
10. अनुच्छेद 243 J (ञ) > पंचायतों की लेखाओं की संपरीक्षा |
11. अनुच्छेद 243 K ( ट ) > निर्वाचन आयोग |
12. अनुच्छेद 243 L ( ठ ) > संघ राज्यों क्षेत्रों में लागू होना। |
13. अनुच्छेद 243, M(ड) > कतिपय क्षेत्रों में लागू न होना। |
14. अनुच्छेद 243, N (ढ) > विद्यमान विधियों व पंचायतों का बना रहना। |
15. अनुच्छेद 243, 0 (ण) > निर्वाचन सम्बन्धी मामले में न्यायालय के हस्तक्षेप का वर्णन |
परिभाषा 243
इस अनुच्छेद में जिला, ग्रामसभा, मध्द्यावर्ती स्तर (जनपद पंचायत) ग्राम पंचायत, पंचायत क्षेत्र, जनसंख्या को परिभाषित करता है।
1. ग्राम सभा 243-A:-
अधिसूचना :-
- ग्राम पंचायतों की सीमा में परिवर्तन की अधिसूचना राज्यपाल करता है।
मतदाता :-
- अनुच्छेद 326 के तहत् जिस व्यक्ति का उम्र 18 वर्ष से अधिक है उसे मत देने का अधिकार है।
- गांव के मतदाता सूची नामित व्यक्ति ही मतदाता होता है।
- भारत का कोई भी नागरिक किसी एक ग्राम व वार्ड का मतदाता होता है।
सदस्य :-
- ग्राम पंचायत के मतदाता ही सदस्य होते है।
- भारत में किसी भी पद का प्रत्याशी हो व ग्राम व वार्ड का सदस्य होगा।
कार्यकाल :-
- ग्राम सभा एक स्थायी निकाय है।
गणपूर्ति / कोरम :-
- बैठक में सदस्यों की जरूरी उपस्थिति को कोरम कहते है।
- कुल सदस्य का 1/10 होना चाहिए।
- कुल सदस्य का 1/3 महिलाएँ होना चाहिए।
- गणपूर्ति का जिम्मेदारी सरपंच व पंचों का होता है।
- कोरम पूर्ण न होने बैठक आगामी तिथि के लिए स्थगित कर दी जाती है।
सम्मेलन (बैठक ):-
- एक वर्ष में कम से कम 6 बार बैठक होना चाहिए।
- 23 जनवरी (सुभाषचद्र बोस जयंती)
- 14 अप्रैल (अम्बेडकर जयंती)
- 20 अगस्त (राजीव गांधी जयंती)
- 2 अक्टूबर (गांधी जयंती)
- जून में बैठक किया जा सकता है।
- नवम्बर में बैठक किया जा सकता है।
- मतदाता संख्या के 1/3 सदस्य द्वारा लिखित में मांग करने पर 30 दिन के भीतर ग्राम सभा बुलाना पड़ेगा।
- अधिकारियों द्वारा आदेश देने पर 30 दिन के भीतर ग्राम सभा, का आयोजन करना आवश्यक है।
- ग्राम सभा का आयोजन सरपंच करता है।
- ग्राम सभा की जानकारी 7 दिन पूर्व दिया जाता है। (विशेष दशा में 3 दिन)
- ग्राम सभा की बैठक के कार्यवाही पंचायत सचिव लिखता है।
- ग्राम सभा की सलाना बैठक दिसम्बर में आयोजित होती है।
- ग्राम सभा की साधारण बैठक में ग्राम पंचायत का बजट पारित किया जाता है।
संयुक्त बैठक :-
- ग्राम सभाओं के बीच विवाद की स्थिति निर्मित होने पर ग्राम पंचायत की समस्त ग्राम सभाओं का संयुक्त बैठक बुलाया जायेगा।
- लिया गया निर्णय प्रत्येक ग्राम सभा द्वारा लिया गया निर्णय कहा जाएगा।
वार्षिक बैठक :-
- यह ग्राम पंचायत के मुख्यालय में आयोजित होता है।
- वित्तीय वर्ष समाप्त होने के तीन माह पूर्व आयोजित होता
- निम्न मुद्दों पर चर्चा किया जाएगा।
- वार्षिक लेखाओं का विवरण
- प्रस्तावित विकास पर।
- अंतिम सम परीक्षा पर
- वार्षिक बजट पर।
- पंचायत के कार्यों पर
- सामाजिक अंकेक्षण का कार्य ग्राम सभा करता है।
नोट :-1.मुद्दों पर निर्णय बहुमत से लिया जाता है।
2.उपरोक्त मुद्द्दो पर कोरम का पूर्ण होना आवश्यक है।
अध्यक्षता :-
- ग्राम सभा की अध्यक्षता सरपंच करता है।
- सरपंच अनुपस्थित है तो उपसरपंच अध्यक्षता करता है।
- दोनों अनुपस्थित है तो ग्राम सभा को अध्यक्ष चुनने का अधिकार है।
- अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में अध्यक्ष हमेशा ST से होगा।
- अनुसूचित क्षेत्रों में अध्यक्ष सरपंच होता है।
स्थगन :-
- बैठक में कोरम पूर्ति नहीं होती है तो अध्यक्ष बैठक को स्थगित कर देता है और आगामी बैठक की तिथि निर्धारित करता है।
- स्थगित के बाद की बैठक में कोरम पूर्ति आवश्यक नहीं होती है। किन्तु ये विषय पर चर्चा नहीं हो सकती।
- वह विषय 5 है :-
1. वार्षिक बजट
2. हार्दिक लेखा संपरीक्षा
3. वार्षिक कार्य योजना
4. हित ग्राहियों का चयन
5. प्रशासनिक रिपोर्ट।
कार्यवाही :-
- ग्राम सभा की लगातार तीन बैठक में कोरम पूर्ति न होने पर सरपंच व पंच के खिलाफ नोटिस जारी किया जाता है और दो आगामी ग्राम सभा में कोरम पूर्ति का आदेश दिया जाता है।
- फिर भी फोरम पूर्ति नहीं हो पाती तब सरपंच व पंच के ऊपर कार्यवाही किया जाता है।
- सरपंच व पंच को एक बार स्पष्टीकरण का अवसर दिया जाता है।
2. ग्राम पंचायत का गठन 243-B:-
पंचायतों का गठन राज्यपाल करता है।
ग्राम पंचायत :-
- छ.ग. में 1000 आबादी पर एक ग्राम पंचायत होता है।
- एक ग्राम पंचायत में अनेक ग्राम आश्रित होते है।
जनपद पंचायत :-
- प्रत्येक 15,000 आबादी पर एक जनपद पंचायत होता है।
जिला पंचायत :-
- प्रत्येक 30,000 आबादी पर एक जिला पंचायत सदस्य होता है।
- एक जिला में एक जिला पंचायत होगा।
वार्ड:-
- प्रत्येक ग्राम पंचायत वार्ड में बटा रहता है।
- वार्ड की संख्या का निर्धारण कलेक्टर करता है।
- लगभग सभी वार्ड की संख्या बराबर रहता है।
पंचायतो में सदस्यों की संख्या
क्र | पद | अधिकतम | न्यूनतम |
1. | जिला पंचायत अध्यक्ष | 1 | 1 |
2. | जिला पंचायत उपाध्यक्ष | 1 | 1 |
3. | जिला पंचायत सदस्य | 35 | 10 |
4. | जनपद पंचायत अध्यक्ष | 1 | 1 |
5. | जनपद पंचायत उपाध्यक्ष | 1 | 1 |
6. | जनपद पंचायत सदस् | 25 | 10 |
7. | सरपंच | 1 | 1 |
8. | उपसरपंच | 1 | 1 |
9. | पंच | 20 | 10 |
3.पंचायतों की संरचना 243-C:-
- प्रत्येक ग्राम में ग्राम पंचायत होना अनिवार्य नहीं है।
- प्रत्येक ग्राम की संरचना सरपंच व पंच से मिलकर बनता है।
- किसी ग्राम व वार्ड में पद खाली रह जाता है तो 6 महीने के अंदर पद भरे जायेगे।
- किसी कारण वह पद नहीं कर पाया तो पंच अपने में से सरपंच नियुक्त करेगा और यह सरपंच चुनाव होते तक समस्त सरपंच का कार्य करेगा।
- किसी भी परिस्थिति में ग्राम पंचायत की कार्यवाही को रोका नहीं जा सकता।
- छ.ग. में पंचायत समिति व जिला परिषद नहीं है।
- छ.ग. में इनके जगह पर ग्राम पंचायत व जिला पंचायत है।
- छ.ग. के सभी पंचायत कार्पोरेट बॉडी (निगमित निकाय) है।
- पंचायतो के क्रियाकलापों का मूल्यांकन व मार्ग दर्शन जिला पंचायत करता है।
4.आरक्षण 243-D:-
- महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया है।
- ST/SC को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दिया गया है।
- OBC को 25% आरक्षण दिया जाता है .
- ST/SC/OBC ना होने पर कलेक्टर द्वारा सामान्य में बदलेगा।
- शहर व ग्राम में जनसंख्या आरक्षण होता है। (5 वर्ष में बदलेगा)
- संसद व विधायक में क्षेत्र आरक्षण होता है। ( कभी नहीं बदलेगा)
5.कार्यकाल 243-E:-
- प्रत्येक ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है।
- प्रथम सम्मेलन (शपथ) से चुनाव तक
- सरपंच का पद किसी कारण वश खाली हो जाता है तो 6 महिने के भीतर चुनाव होगा।
- नया सरपंच बचे हुऐ कार्यकाल के लिए आयेगा।
- किसी कारण वश चुनाव नहीं हो पाया तो पंच अपने में से किसी एक को सरपंच नियुक्त करेगा।
6.अभ्यर्थी की अहर्ता (योग्यता) 243-F:-
- भारत का नागरिक हो 21 वर्ष पूर्ण कर हो
- लाभ के पद में ना हो।
- दिवालिया व पागल ना हो।
- एक नागरिक किसी भी जगह व कई स्थान से चुनाव लड़ सकता है। लेकिन एक ही पद ग्रहण करेगा।
नोट → एक नागरिक दो ग्राम पंचायतों से सरपंच चुनाव नहीं लड़ सकता है।
7.पंचायतों की शक्ति व प्राधिकार 243-G:-
29 विषय पर शक्ति
1. कृषि करने हुए।
2. भूमि सुधार एवं भूमि संरक्षण
3. लघु सिंचाई जल प्रबंधन
4. पशुपालन, दुग्ध उद्योग और कुटकुट पालन
5. मत्स्यपालन।
6. सामाजिक वानिकी और कृषि वानिकी।
7. लघु वनोपज
8. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग
9. खादी ग्राम तथा कुटीर उद्योग
10. ग्रामीण आवास
11. पेयजल
12. ईधन तथा चारा ।
13. आधारभूत संरचना।
14. ग्रामीण विद्युतीकरण ।
15. ऊर्जा स्त्रोत
16. गरीबी उन्मूलन योजना।
17. शिक्षा18 तकनीकी प्रशिक्षण तथा व्यवसायिक शिक्षा
19. प्रौढ़ तथा अनौपचारिक शिक्षा।
20. पुस्तकालय
21. सांस्कृतिक क्रियाकलाप
22. बाजार तथा मेले।
23. प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र |
24. परिवार कल्याण
25. महिला एवं बाल विकास।
26. विकलांगों के लिए समाज कल्याण
27. ST/ST कल्याण
28. लोक वितरण पद्धति।
29. सामुदायिक आस्तियों का संधारण ग्राम पंचायत
8. पंचायतों की निधियाँ 243-H:-
- पंचायतों के लिए राज्य की संचित निधि में से ऐसे सहायता अनुदान देने के लिए उपबंध करता है।
- सीमाओं के अधीन रहते हुए कर, शुल्क, पथकर, फीसें संग्रहित करने के लिए पंचायत प्राधिकृत कर सकता है।
- सभी धनो को जमा करना व धन प्रत्याहरण करने के लिए निधियों गठन पंचायत कर सकता है।
9. वित्त आयोग का गठन 243-I:-
- राज्य के राज्यपाल प्रत्येक पाँचवे वर्ष के अवसान पर पंचायतों के वित्तीय
- स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक वित्त आयोग का गठन करेगा। सभी करों का राज्य व पंचायतों के बीच वितरण करता है।
- पंचायतों द्वारा लगाये गये कर व वसूले गये कर का नियोजन करता है। राज्य के संचित निधि से पंचायतों को अनुदान देना।
- पंचायतों के वित्त संबंधी मामलों को राज्य पाल विधानसभा में रखवाते है। 1) राज्यपाल हर 5 साल में एक वित्त आयोग का गठन करता है
10.पंचायतों का लेखाओं व संपरीक्षा 243-J:-
- विधानसभा पंचायतों में लेखाओं व संपरीक्षा का नियम बना सकता है।
- सामाजिक क्षण का कार्य ग्राम सभा करता है।
11. निर्वाचन आयोग 243-K:-
निर्वाचन आयोग
1.केन्द्रीय निर्वाचन आयोग
1.राष्ट्रपति
2.उपराष्ट्रपति
3.सांसद
4 विधायक
2.राज्य निर्वाचन आयोग
1. जिला पंचायत
2. जनपद पंचायत
3. ग्राम पंचायत
4. नगर निगम
5. नगर पालिका
6. नगर पंचायत
निर्वाचन की अधिसूचना:-
- निर्वाचन की घोषणा विदित प्राधिकारी द्वारा किया जाता है।
- पंचायतों का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग करता है।
चुनाव प्रक्रिया :-
- चुनाव संपन्न होने के बाद 30 दिन के भीतर बैठक बुलाया जायेगा। जिसकी अध्यक्षता विहित प्राधिकारी करेगा।
- इसी बैठक में शपथ ग्रहण समारोह किया जायेगा।
- पंचो में से एक उपसरपंच का चुनाव किया जाता है।
- सरपंच सामान्य वर्ग का है तो उपसरपंच ST/SC/OBC का होगा।
- सरपंच सांसद व विधायक का सदस्य है, तो सरपंच का पद रिक्त माना जायेगा। यह पंच के रूप में कार्य करेगा।
1.एक साथ सदस्यता :-
- एक व्यक्ति एक ही पद ग्रहण कर सकता है।
- एक व्यक्ति पंच व सरपंच का चुनाव एक साथ लड़ सकता है।
- एक व्यक्ति सरपंच व जनपद सदस्य का चुनाव एक साथ लड़ सकता है।
- एक व्यक्ति जनपद सदस्य व जिला पंचायत सदस्य चुनाव एक साथ लड़ सकता है।
- एक व्यक्ति सरपंच व जिला पंचायत सदस्य चुनाव एक साथ लड़ सकता है।
नोट :-एक व्यक्ति दो ग्राम पंचायतों से सरपंच चुनाव नहीं लड़ सकता है।
2.बार्हिगामी सरपंच :-
- पूर्व सरपंच को बार्हिगामी सरपंच कहते है।
- पंचायत के कागज, प्रत्यक्ष सम्पत्ति, नये सरपंच को सौंपना होता है।
- यदि किसी कारणवश नहीं सौंपता तो विहित प्राधिकारी कार्यवाही कर पास बुक आदि, कागजात ले लेता है। और 6 वर्षों के लिए चुनाव लड़ने के लिए प्रतिबंध कर देता है।
3.अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार :-
- जब पदाधिकारी सरकारी भूमि का अतिक्रमण किया हो।
- 6 माह में आधे से अधिक पंचायतों के बैठकों में अनुपस्थित रहता है।
- पंचायत की तीन लगातार बैठकों में अनुपस्थित रहा हो।
- पंचायत में विधि के अनुसार कार्य ना कर रहा हो।
अविश्वास प्रस्ताव :-
- सरपंच व उपसरपंच को अविश्वास प्रस्ताव से ही हटाया जा सकता है।
- कुल मतदाता पंचों का 3/4 बहुमत से लाया जा सकता है और 2/3 बहुमत से पारित किया जाता है।
- अविश्वास प्रस्ताव वाले सम्मेलन का अध्यक्षता विहित प्राधिकारी करता है। (सरपंच नहीं)
- तथा उस सम्मेलन में सरपंच व पंच को भाग लेने का अधिकार होता है।
- पंच को गुप्त मतदान द्वारा हटाया जा सकता है।
- सरपंच के प्रथम वर्ष में अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते।
- कार्यकाल समाप्ति के 6 माह पूर्व अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते है।
- पूर्व अविश्वास प्रस्ताव के 1 वर्ष के भीतर नहीं ला सकते है।
- सरपंच अविश्वास प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं है तो 7 दिन के भीतर कलेक्टर को सूचित करेगा।
- कलेक्टर 30 दिन के भीतर अपना अंतिम फैसला देगा।
पुनर्विचार का अधिकार :-
- पंचायत 3/4 सदस्यों के द्वारा अनुरोध किया जाए विहित प्राधिकारी के निदेशानुसार पर
- सरपंच व पंचायत द्वारा अपने ही निर्णय पर पंचायत पुनर्विचार कर सकती है।
जमानत राशि
क्र | पद | सामान्य | आरक्षित | मतपत्र का रंग |
1. | जिला पंचायत | 500 रू. | 500 रू. | गुलाबी |
2. | जनपद सदस्य | 500 रू. | 250 रू. | पीला |
3. | सरपंच | 200 रू | 100 रू. | नीला |
4. | पंच | 40 रू. | 20 रू. | सफेद |
12.संघ राज्यों के क्षेत्रो में लागु होना :-
भारत में 7 संघ राज्य है जिसमे 6 संघ राज्य में पंचायती व्यस्था है .
- चंडीगढ़
- दमन द्वीप
- दादर नगर हवेली
- लक्ष्यद्वीप
- पॉन्डिचेरी
- अंदमान निकोबार
नोट :- दिल्ली में पंचायती वयस्था नहीं है
12.कतिपय क्षेत्रो में लागु न होना ग्राम पंचायत जहा नहीं है ( 243-M) :-
राज्य जैसे की जम्मू कश्मीर , केंद्रशासित जैसे दिल्ली , पूर्वोत्तर भारत जैसे मिजोरम , नागालैंड , मेघालय में ग्राम पंचायत नहीं है
14.विधमान विधियों व पंचायतो का बना रहता है ( 243-N) :-
15.निर्वाचन सम्बन्धी मामलो में न्यायालय के हस्तक्षेप का वर्णन ( 243-O) :-
- परिसीमन मामलों में न्यायालयों में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता .
नोट :- चुनाव मामलो को छोड़कर पंचायतो के झगड़ो पर राज्य सर्कार अंतिम निर्णय लेगा .
रिकाल सिस्टम (प्रत्यावर्तित):-
- पंचायतों के धारियों को बुलाने की प्रक्रिया को रिकॉल सिस्टम कहते है।
- कलेक्टर को सूचित कर ग्राम सभा के 13 सदस्यों के द्वारा लाया जा सकता है।
- यह गुप्ता द्वारा पूर्ण किया जाता है।
- पदाधिकारियों को (2,1/2) वर्ष कार्यकाल के बाद ही वापस बुलाया जा सकता है।
त्यागपत्र :-
1.कलेक्टर ⇒ मुख्य सचिव को
सरपंच ⇒ कलेक्टर
उपसरपंच⇒ सरपंच
जनपद अध्यक्ष⇒ उपसरपंच
जिला पंचायत अध्यक्ष ⇒ जनपद अध्यक्ष
2.पंच ⇒ सरपंच को
जनपद सदस्य ⇒ अध्यक्ष को
जिला पंचायत सदस्य ⇒ अध्यक्ष
पदेन सदस्य:-
- सांसद जो जिला पंचायत का सदस्य है, वह अधिकतम 2 समिति का पदेन सदस्य होगा।
- विधायक जो जनपद पंचायत का सदस्य है, वह सभी समितियों का पदेन सदस्य होगा।
- जिला पंचायत व जनपद पंचायत के सदस्य अपने में से समितियों के सदस्यों का निर्वाचन करते है।
जनपद पंचायत और जिला पंचायत:-
- जिस प्रकार ग्राम पंचायत की व्यवस्था है उसी प्रकार जिला पंचायत जनपद पंचायत की व्यवस्था संभवतः अलग से पड़ने की जरूरत नहीं है और जो जरूरत का है उसे ग्राम पंचायत व्यवस्था में लिख दिये है।
नोट :-फिर भी आप संतुष्ट नहीं है, तो लोग प्रशासन का पुस्तक पढ़े .
सिफारिश समितियाँ (5)
बलवंत राय मेहता समिति :-1957
- 1957 में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का सिफारिश किया।
- छ.ग. में यही व्यवस्था लागू है।
- प्रत्यक्ष निर्वाचन की सलाह दिया और लागू है।
- 2-10-1959 को नागौर जिला राजस्थान से प्रारंभ किया गया।
- जिस राज्य की जनसंख्या 20 लाख से कम हो उस राज्य में जनपद पंचायत नहीं होगा (1993 में अपनाया गया)।
अशोक मेहता समिति :-1971
- बलवंत राय मेहता का बेटा या अशोक मेहता
- 1977 में द्विस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश किया था।
- 1. मण्डल पंचायत (ग्राम पंचायत) –
- 2. जिला परिषद् (जिला पंचायत)
- इसे भारत में नहीं अपनाया गया।
सरकारीया आयोग :-1985
- 1985 में नियमित चुनाव पर बल दिया।
राव समिति :-1985
- इसे डॉ. G.V.K. राय द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
- 1985 में नियमित चुनाव के लिए सिफारिश किया।
सिंधवी समिति :- 1986
- इसे लक्ष्मीमल सिंघवी द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
- 1986 में पंचायतों को आर्थिक सहायता के लिए सिफारिश किया।
नोट :- पंचायती राज राज्य सूची का विषय है
पंचायती राज अधिनियम-1993
- अधिनियमित पंचायती राज की शुरुआत मध्यप्रदेश से हुआ। और मध्यप्रदेश के छ.ग. में अम्बागढ़ चौकी से प्रारंभ किया गया था।
- 24 जनवरी 1994 को राज्यपाल का मुहर लगा
- 25 जनवरी को राजपत्र में अंकित हुआ
- 18 जून 2001 को छ.ग. राजपत्र में अंकित हुआ (राजपत्र क्र. 134)
- जहाँ जहाँ मध्यप्रदेश लिखा था वहीं वहाँ छ.ग. शब्द स्थापित किया गया।
- 1 नवम्बर 2000 से सम्पूर्ण छ.ग. में लागू।
छत्तीसगढ़ राज्य अधिनियम
1. टोनही प्रताड़ना अधिनियम → 2005
2. शिक्षा अधिनियम → 2009
3.लोक सेवा गारंटी अधिनियम → 2011
4. खाद्य सुरक्षा अधिनियम → 2011
छत्तीसगढ़ विशेष
क्र | छ.ग. में मुहर (सन् 2000) | छ.ग. विशेष दिवस |
1. | राष्ट्रपति > श्री K.R. नारायण | 1 नवम्बर > स्थापना दिवस 2007 |
2. | उपराष्ट्रपति > श्री कृष्ण कांत | 28 नवम्बर > भाषा दिवस 2007 |
3. | प्रधानमंत्री > अटल बिहारी वाजपेयी | 25 दिसम्बर > सुशासन दिवस |
4. | मुख्यमंत्री > दिग्विजय सिंह | 14 फरवरी > मातृ-पितृ दिवस |
5. | पंचवर्षीय > 9 वीं |