छत्तीसगढ़ ने अपनाया डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क | District indicator Framework Chhattisgarh

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छत्तीसगढ़ ने अपनाया डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क | District indicator Framework Chhattisgarh

सतत (एस.डी.जी.) लक्ष्य की समयबद्ध प्राप्ति हेतु प्रतिबद्ध है। एस.डी.जी. के सिद्धांत के अनुरूप ही छत्तीसगढ़ सरकार अपनी योजनाओं को क्रियान्वित कर रही है ।

राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किया गया “छत्तीसगढ़ एसडीजी डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फेमवर्क (सीजी डीआईएफ)”, एक ऐसा प्रभावी प्रगति मापक फेमवर्क है जो न केवल एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पथ प्रदर्शक का कार्य करेगा अपितु समस्त जिलों के कलेक्टरों को प्रगति में बाधक चिन्हित क्षेत्रों की पहचान कर साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में भी मदद करेगा ।

इस फेमवर्क के उपयोग से प्रत्येक जिला अपनी स्थानीय क्रियान्वयन प्रतिबद्धता की पहचान कर अपने हितधारकों के बहुमुखी विकास सुनिश्चित करने में निर्णायक भूमिका का निर्वहन करेंगे। इसी प्रकार विभिन्न विभागों हेतु उपयोगी अनुशंसाओं को “टॉस्क फोर्स रिपोर्ट” के रूप में जारी किये जाने से नवीन गतिविधियों का चयन तथा अपेक्षित क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा ।

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी)

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) एक वैश्विक पहल है, जिसमें सम्बन्धित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिति पर प्रदर्शन का आकलन किया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) द्वारा सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट-2021 प्रकाशित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि वैश्विक एसडीजी संकेतक डेटाबेस में डेटा और अनुमानों का उपयोग करके संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (यूएन डीईएसए) द्वारा सालाना रिपोर्ट तैयार की जाती है।

सतत विकास के 17 लक्ष्य

  • एसडीजी 1 – 2030 में वैश्विक गरीबी दर 7% होने का अनुमान है, इसके साथ गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य पाना कठिन होगा।
  •  एसडीजी 2 -5 साल से कम उम्र के 22% बच्चे अविकसित हैं, न वेस्टिंग से पीड़ित हैं, जबकि 5.7% अधिक वजन वाले हैं।
  • एसडीजी 3- कोविड- 19 ने स्वास्थ्य में प्रगति को रोक दिया है। इसने जीवन प्रत्याशा को कम कर दिया है।
  • एसडीजी 4- ग्रेड 1-8 में 9% बच्चे 2020 में न्यूनतम • पढ़ने की दक्षता के स्तर से नीचे आ गए हैं।
  • एसडीजी 5 – 6% राष्ट्रीय सांसद महिलाएं हैं, 36.6% स्थानीय सरकार के प्रतिनिधि हैं जबकि 28.2% प्रबंधकीय पदों पर हैं।
  • एसडीजी 6 – 2 अरब लोगों के पास सुरक्षित पेयजल तक पहुंच नहीं है और 6 अरब लोग सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता से वंचित हैं।
  • एसडीजी 8 – कोविड-19 के कारण 255 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों का नुकसान हुआ है।
  • एसडीजी 9 – 2020 में आर्थिक सुधार के लिए मध्यम और उच्च तकनीक वाले उत्पादों के निर्माण ने योगदान दिया। • एसडीजी 10 – 2020 में प्रति 1,00,000 व्यक्तियों में से 311 शरणार्थी हैं।
  • एसडीजी 11 – दुनिया की आधी शहरी आबादी की सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच है।
  • एसडीजी 12 – 2000 और 2017 के बीच वैश्विक सामग्री पदचिह्न (ग्लोबल मटेरियल फुटप्रिंट) 70% बढ़ गया है
  • एसडीजी 13 – 2020 में वैश्विक औसत तापमान 2 डिग्री सेल्सियस था ।
  • एसडीजी 14 – डेड जोन 2008 में 400 से बढ़कर 2019 में 700 हो गए हैं।
  • एसडीजी 15- 2000-2020 के दौरान 10 करोड़ हेक्टेयर जंगल नष्ट हो गए हैं।
  • एसडीजी 16 – बाल श्रम 2020 में बढ़कर 160 मिलियन हो गया है।
  • एसडीजी 17 – लगभग दुनिया की आधी आबादी अभी भी डिजिटल जागरूकता व शिक्षा से दूर है।

राज्य शासन द्वारा जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में “जिला स्तरीय क्ळ क्रियान्वयन एवं निगरानी समिति ” गठित की गई है। उक्त समिति में संयोजक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं सह-संयोजक, जिला योजना एवं सांख्यिकी अधिकारी है।

“डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फेमवर्क” में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबंधी कुल 82 इंडिकेटर का समावेश किया गया है।

राज्य योजना आयोग द्वारा राज्य के संतुलित विकास .के लिए चयनित विषयों पर कार्यदलों व कार्यसमूहों का • गठन कर राज्य हेतु अत्यंत उपयोगी अनुशंसाओं का संकलन विभागों के उपयोग हेतु किया गया है। कृषि, जल संवर्धन, खाद्य व लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं संबद्ध क्षेत्रों का विकास, उच्च व तकनीकी शिक्षा, वित्त, आदिवासी -विकास, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण व खाद्य सुरक्षा, उद्योग, कौशल विकास तथा रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, कला एवं संस्कृति संवर्धन, पर्यटन एवं ग्रामोद्योग के क्षेत्रों में सुझाव देने विशेषज्ञों, विभागों के प्रतिनिधियों के साथ गहन विचार मंथन कर उक्त अनुशंसाएं दी गई हैं। संबंधित विभाग इन अनुशंसाओं के परीक्षण उपरांत लागू किये जाने की संभावना का आंकलन कर क्रियान्वयन का कार्य सुनिश्चित करेंगे, जिससे कि सभी सेक्टर में अपेक्षा अनुसार प्रभावी प्रतिफल प्राप्त हो सकेंगे।

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