तारापुर विद्रोह छत्तीसगढ़ Tarapur Vidroh Chhattisgarh
- तारापुर विद्रोह या फिर कहे की तारापुर संघर्ष 1842 से लेकर 1854 तक तारापुर, बस्तर में हुआ था ।
इसके शासक भूपाल देव राजपूत जी थे ।
- इस विद्रोह के नेतृत्वकर्ता भी दलगंजन सिंह राजपूत जी ही थे । दलगंजन सिंह राजपूत जी तारापुर के जमींदार भी थे ।
- यहाँ दलगंजन सिंह कोई और नहीं भूपाल देव राजपूत के भाई ही थे ।
- इन सभी लोगो और भूपाल देव , दलगंजन सिंह के विरोध में था या कहे जो विपक्षी था जिससे इन सभी की लड़ाई था वह था अंग्रेज अधिकारी ।
- इस विद्रोह का मुख्य कारण था की यहाँ के लोग का की तारापुर में अत्यधिक टकोली( कर ) Tax का बढ़ा दिया जाना जिससे यहाँ के लोग बहुत ही परेशान हो गए थे ।
- एक और मुख्य कारन था की वह पर दीवान जगबंधु और सैनिक अब्दुल शेख का आतंक था जिससे लोग और भी परेशान थे ।
- इस विद्रोह का शांत करने की जिम्मेदारी मेजर विल्लियम्स को दिया गया था । मेजर विल्लियम्स ईसाई धर्मान्तरण करने के लिए भी जाना जाता था इससे वह के लोग और भी परेशान हो गए ।
- यहाँ के लोगो को जगबंधु का सहयोगी जगन्नाथ बहिदार ने ही सबको विद्रोह के लिए भड़काया ।
- विद्रोह से परेशान होकर अंग्रेजो को परिणाम स्वरुप बढे हुए टकोली ( कर ) को वापस से हटाना ही पड़ा ।
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