कोई विद्रोह छत्तीसगढ़ Koi Vidroh Chhattisgarh
कोई विद्रोह (1859)-
1.यह जनजाति विद्रोह कोई जनजातियों द्वारा 1859 में साल वृक्षों के कटाई के विरूद्ध में किया गया था। कोई विद्रोही बस्तर में हुआ था ।
2.उस समय बस्तर के शासक भैरमदेव सिंह राजपूत जी थे।
3.इस विद्रोह के नेतृत्वकर्ता थे नारगुल दोरला ( यह पोटेकाला के जमींदार थे )
4.नारगुल दोरला जी के सहयोगी थे रामभोई ,जगराजु ।
5.बस्तर के जमींदारों ने जिसमे से थे कट्टापल्ली , भेजी , फोटकेल इन सभी लोगो ने सामूहिक निर्णय लिया कि साल वृक्षों की कटाई नहीं होने दिया जाएगा।
6.लेकिन ब्रिटिश शासन ने इस निर्णय के विरोध में कटाई करने वालो के साथ बंदूकधारी सिपाही भेज दिए जनजाति इससे आक्रोशित हो गए और उन्होंने कटाई करने वालों पर हमला कर दिया।
7.इस विद्रोह में नारा दिया गया “एक साल वृक्ष के पिछे एक व्यक्ति का सिर ।
8.परिणामतः ब्रिटिश शासन में ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर साल वृक्षों की कटाई बंद कर दी।
9. यहाँ आंदोलन सफल रहा और इसमें विद्रोहियों की जीत हुए और अंग्रेजो की हार हुई थी ।
10.किसी तरह से अंग्रेज अधिकारी ग्लास्स्फोर्ड ने विद्रोहियों को समझा बुझाकर शांत करवाया ।
11.यहाँ आंदोलन पर्यावरण को बचाने वाला लिए एक प्रथम कदम था ।
12.यहाँ बस्तर का पहला विद्रोह था जिसमे अंग्रेजो को हार का सामना करना पड़ा ।
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