मुरिया मुड़िया विद्रोह छत्तीसगढ़ | Muriya Vidroh | Mudiya Vidroh Chhattisgarh
- मुरिया/माड़िया विदोर्ह या फिर कहे की मुरिया संघर्ष 1876 को बस्तर ,बीजापुर में हुआ था ।
- इसके शासक भैरम देव राजपूत जी थे ।
- इस विद्रोह के नेतृत्वकर्ता झारा सिरहा जी ही थे ।
- इन सभी लोगो और झारा सिरहा के विरोध में था या कहे जो विपक्षी था जिससे इन सभी की लड़ाई था वह था अंग्रेज ।
- इस विद्रोह का मुख्य उद्देश्य यह था की यहाँ के लोग दीवान गोपीनाथ कपरदार और मुंशी आदित्य प्रसाद को हटाना चाहते थे । क्योकि अंग्रेज इनकी मदद से पुरे बस्तर में फुट डालो और राज करो की निति से सभी को आपस में लाडवा रहे थे ।
- इस विद्रोह में यहाँ के लोगो का प्रतिक चिन्ह था – आम के वृक्ष की टहनी थी ।
- इस विद्रोह के दमनकर्ता जॉर्ज मैके था , इसकी जिम्मेद्दारी थी इस विद्रोह को ख़त्म करना लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका ।
- अंततः 2 मार्च 1876 को बस्तर में काला दिवस मनाया गया था ।
- जिससे परेशान होकर आखिरकार जॉर्ज मैके ने 8 मार्च 1876 को बस्तर में मुरिया दरबार कर सबकी शर्ते मन ली ।
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