दुर्ग के बारे में जानकारी | Durg ke Bare me Jankari | Durg ka Itihas

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दुर्ग के बारे में जानकारी | Durg ke Bare me Jankari | Durg ka Itihas

1.दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ राज्य के हृदय स्थल ( है दुर्ग को ह्रदय स्थल कहा जाता है ) पर शिवनाथ नदी के पूर्व में स्थित है 

2. दुर्ग जिला  20° 51′ उत्तर अक्षांश से लेकर के  21° 32′ उत्तर अक्षांश तक और 81° 8′ पूर्व देशांतर से 81° 37′ पूर्व देशांतर तक फैला हुआ है।

3.दुर्ग का कुल क्षेत्रफल 271862 हेक्टेयर है जो की ठीक थक है यहाँ की जनसँख्या के हिसाब से ।

4.दुर्ग  जिले के बीचो बीच से राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक – 06 (मुम्बई – नागपुर – कोलकाता राजमार्ग) गुजरता है।

5.दुर्ग  में ही रेल्वे की दक्षिण-पूर्व रेल सेवा यहां उपलब्ध है। और यहाँ का रेलवे स्टेशन बहुत ही बढ़िया है और सारी सुविधाएं उपलब्ध है ।

6.दुर्ग जिले का सबसे नजदीक का  हवाई अड्‌डा रायपुर एयरपोर्ट है जो दुर्ग से लगभग 60 किलो मीटर दूर स्थित है । फिर आप रायपुर से ट्रैन से दुर्ग आ सकते है ।

जिला ऊपरी शिवनाथ – महानदी घाटी के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित है। जिले का अधिकतम हिस्सा छत्तीसगढ़ का मैदानी हिस्सा है। दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास का अग्रदूत है।

जहां भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ न सिर्फ जिले बल्कि संपूर्ण प्रदेश का चौतरफा औद्योगिक विकास हुआ है। इसके साथ ही दुर्ग जिला सांस्कृतिक विविधता, सामाजिक सामंजस्य, संसाधनों के अर्थपूर्ण उपयोग एवं विभिन्न जातियों एवं धर्मो के लोगों के बीच आपसी सौहार्द्र के लिये भी जाना जाता है।

दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव है। पुरातनकाल से अब तक दुर्ग जिले का इतिहास और वर्तमान अपने आप में प्राचीन मूल्यों और आधुनिकता का अद्‌भुत समन्वय है। यहां एक ओर तो सांस्कृतिक मूल्य गहराई से जुड़े हुए हैं तो वही निरंतर पल्लवित होती उद्यमिता इसे एक औद्योगिक जिले के रूप में स्थापित करती है।

  • दुर्ग जिले का वर्तमान स्‍वरूप 1 जनवरी सन् 2012 से है।
  • जिले का कुल क्षेत्रफल 271862 हेक्‍टेयर हैैै।
  • जनगणना 2011 के अनुसार जिले की कुल जनसंख्‍या 17,21,948 है। जिसमें ग्रामीण जनसंख्‍या 6,17,248 (35.84%) एवं शहरी जनसंख्‍या 11,04,700 (64.16%) है।
  • दुर्ग जिले की सीमाएं पड़ोसी जिलों राजनांदगांव, रायपुर, बेमेतरा, बालोद, धमतरी को स्पर्श करती हैं।
  • जिले की अधिकांश सीमाएं खारून और शिवनाथ नदी से बनी हुई है।


नदियां

जिले की सामान्य ढलान उत्तर-पूर्व की ओर है और इसी दिशा में जिले प्रमुख नदियां प्रवाहित होती है

शिवनाथ:-

शिवनाथ जिले की सबसे महत्वपूर्ण नदी है। और यह महानदी नदी की सहायक नदी है। यह राजनांदगांव जिले में 625 मीटर ऊचीं पानाबरस की पहाडि़यों से निकलती है और दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है। यह अधिकतर जिले के मध्य में बहते हुये जिले को दो भागों में बांटती है।

इसका तल बलुआ और चट्‌टान रहित है। यह उत्‍तर पुर्व की ओर खुज्‍जी, राजनांदगांव, दुर्ग, धमधा और नांदघाट से होते हुए बिलासपुर जिले के शिवरीनारायण के पास महानदी से मिल जाती है। शिवनाथ नदी की अनेक सहायक नदियां हैं जैसे- खारून, तान्दुला, खरखरा, हाफ, संकरी, आमनेर, सोनबरसा, सुरही, जुझरा, घुघरी, गब्दा, करूना, लोरी आदि। शिवनाथ नदी जिले में लगभग 250 कि.मी. की दूरी तय करती है।

खारुन:-

खारून नदी जिला बालोद कें पेटेचुवा से शुरू होकर दुर्ग जिले के पूर्वी भागों में बहती है। यह नदी उत्तर की ओर बहती है और सोमनाथ में शिवनाथ नदी से मिल जाती है। यह नदी रायपुर और दुर्ग जिले की सीमा निर्धारित करता है। इस नदी की लंबाई करीब 120 किलोमीटर दूर है।


खनिज संसाधन

जिले में उच्च गुणवत्ता वाले चूना पत्थर का समृद्ध भंडार है। चूना पत्थर का उत्खनन मुख्‍यत: नंदिनी, सेमरिया, खुदंनी, पिथौरा, सहगांव, देउरझाल, अहिवारा, अछोली, मातरागोटा, घोटवानी और मेडेसरा में किया जाता है।

इस प्रकार उत्‍पादित चूना पत्थर का उपयोग जिले में ही स्‍थापित भिलाई इस्‍पात संयंत द्वारा इस्पात उत्पादन के लिए एवं ACC जामुल और जे. के. लक्ष्‍मी फैक्‍टरी द्वारा सीमेंट उत्पादन के लिये किया जाता है।


मौसम

जिले की जलवायु उष्णकटिबंधीय प्रकार की है। गर्मियों में तापमान 45-46 डीग्री सेन्‍टीग्रेड तक पहुंच जाता है। मार्च के महीने से तापमान में वृद्धि शुरू होकर मई महिने तक होती है।

मई और महिनों की तुलना में सबसे अधिक गर्म होता है। दुर्ग जिले की वार्षिक औसत वर्षा 1052 मिमी है। वर्ष के दौरान सबसे अधिक वर्षा मानसून के महीनों जून से सितंबर के दौरान होता है। जुलाई सर्वाधिक वर्षा का महीना है।


इतिहास

  • जिला दुर्ग का गठन 1 जनवरी, 1906 को रायपुर और बिलासपुर जिलों के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर किया गया था। उस समय आज के राजनंदगांव और कबीरधाम (कवर्धा) जिले भी दुर्ग जिले का हिस्सा थे।
  • 26 जनवरी, 1973 को जिला दुर्ग को विभाजन किया गया और राजनंदगांव जिला अस्तित्व में आया। 6 जुलाई, 1998 को जिला राजनंदगांव भी विभाजित किया गया और नया कबीरधाम जिला अस्तित्व में आया।
  • 1906 से पहले, दुर्ग रायपुर जिले का एक तहसील था।
  • 1906 में दुर्ग जिले के गठन के समय, इसमें दुर्ग, बेमेतरा और बालोद तीन तहसीलें थी।
  • जिला फिर से 1 जनवरी 2012 को विभाजित किया गया है और दो नए जिलें बेमेतरा और बालोद अस्तित्व में आये।

कैसे पहुंचें:-

दुर्ग पहुंचना बहुत आसान है। यह परिवहन के सभी प्रमुख माध्‍यमों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

1.हवाईजहाज से:-

निकटतम हवाई अड्डा रायपुर (54 किलोमीटर) में है जो दिल्ली, मुंबई, नागपुर, कोलकाता, भुवनेश्वर, चेन्नई, रांची और विशाखापत्तनम से जुड़ा हुआ है।

2.रेल द्वारा:-

यह मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे लाइन पर स्थित है। दुर्ग रेलवे स्टेशन मुंबई से 1101 किमी, हावड़ा से 867 किमी, नई दिल्ली से 1354 किमी और नागपुर से 275 किमी दूर है।

3.संड़क मार्ग द्वारा:-

दुर्ग सीधे नागपुर और रायपुर (छत्तीसगढ़ की राजधानी) से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या – 6 (जी ई रोड) पर स्थित है। बस, टैक्‍सी, टेम्‍पों और ऑटो सड़क परिवहन के मुख्य साधन हैं।

इन्हे भी एक-एक बार पढ़ ले ताकि पुरानी चीजे आपको Revise हो जाये :-

👉छत्तीसगढ़ संभाग एवं जिलो का गठन

👉छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास केंद्र

👉बालोद जिला छत्तीसगढ़

👉गोरेला पेंड्रा मरवाही छत्तीसगढ़

👉बेमेतरा जिला छत्तीसगढ़

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Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

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