छत्तीसगढ़ जनजाति विवाह गीत | Chhattisgarh Janjati Vivah Geet

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जनजातीय विवाह 

  • जनजातीय गोत्र बहिर्विवाह  का पालन करते है ।
  • एकल विवाह ( मोनोगेमि ) बहुविवाह ( पोलोगेमी ) दोनों मान्य है ।
  • सह गोत्री विवाह नहीं किया जाता है ।
क्र विवाह  जनजाति  महत्वा 
1. पयसोतूर/ अपहरण गोंड लड़कियों  का अपहरण करके विवाह किया जाता है ।
2. लमसेन सेवा चारधिया गोंड लड़का  पूरा  उम्र  लड़की के घर में गुजारता  है ।
3. पठौनी विवाह गोंड लड़की बारात  लेकर  लड़का के घर जाति है ।
4. दूध लौटावा विवाह गोंड ममेरे फुफेरे  के बच्चो  का विवाह होता है ।
5. भगेली विवाह माड़िया लड़की प्रेमी के घर रात में आकर रहने लगती   है ।
6. तीर विवाह बिंझवार लड़की का विवाह तीर के साथ किया जाता है ।
7. गन्धर्वा विवाह/ हरिबोल परजा/ धुरवा परजा धुरवा का यहाँ प्रेम विवाह है ।
8. हठ विवाह सभी  जनजाति सभी जनजाति लड़की  प्रेमी के घर में घुस जाति है ।
9. पैठुल विवाह बैगा एक प्रकार से प्रेम  विवाह है ।
10. ढुकु विवाह कोरवा एक प्रकार से प्रेम  विवाह है ।
11. क्रय विवाह सभी  जनजाति लड़के  को उपहार  देकर  विवाह होता है ।
12. उर/ ऊना विवाह सभी  जनजाति विधवा  विवाह होता है ।
13. पाटो विवाह सभी  जनजाति पुनर्विवाह होता है ।
14. गुरावत/विनिमय सभी  जनजाति भाई बहनो  के बीच विनिमय होता है ।
15. पोता विवाह कोरकू अपने ही जाति में विवाह करना

जनजाति गीत 

क्र गीत  जानकारी
1. छेरता गीत बस्तर अंचल छेर-छेरा (पौष पूर्णिमा) पर्व पर लड़को द्वारा किया जाता है  ।
2. तारा गीत बस्तर अंचल छेर-छेरा (पौष पूर्णिमा) पर्व पर लड़कियों  द्वारा किया जाता है  ।
3. रीलो गीत मुड़िया जनजाति द्वारा विवाह के अवसर पर गया जाता है ।
4. कोटनी गीत मुड़िया जनजाति को छोड़कर अन्य जनजाति द्वारा विवाह के अवसर पर गाया जाता है ।
5. करमा गीत कर्म देव  को  प्रसन्न  व  नै  फसल की ख़ुशी  में जनजाति द्वारा गया जाता है .
6. चैत्य परब गीत बस्तर अंचल में चैत्र माह में गाया जाने वाला श्रीनगर प्रधान गीत है
7. लेजा  गीत हल्बी जनजाति द्वारा किसी भी अवसर में गाया जाता है ।
8. धनकुल/जगार गीत   हल्बी, भतरी, जनजाति द्वारा भादो, तीज  में गाया  जाता है ।  .

यहाँ हल्बी भाषा में होता है ।

9. भैना गीत   यहाँ भैना जनजाति द्वारा तंत्र मंत्र पर आधारित गीत है ।

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