पोला के तिहार | Pola Ke Tihar Chhattisgarh Tija Pora Ke Tihar

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पोला के तिहार – Pola Ke Tihar Chhattisgarh

भारत एक कृषि प्रधान देश है यहाँ कृषि को अच्छा बनाने के लिए मवेशियों का भी सम्मान किया जाता है भारत देश में इन मवेशियों की पूजा की जाती है पोला का त्यौहार भी इन्ही में से एक है । 

जिस दिन किसान गाय बैलो की पूजा करते है पोला का त्यौहार विशेष रूप से मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में मनाया जाता है ।

पोला के दिन किसान अवं अन्य लोग पशुओ विशेष रूप से बैलो की पूजा करते है उन्हें अच्छे से सजाते है पोला को बैल पोला भी कहा जाता है।

इतिहास

विष्णु भगवान जब कान्हा के रूप में धरती पर आये थे जिसे कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है तब जन्म से ही कंस मामा उनके जान के दुश्मन बन गए थे ।

वे जब छोटे थे और यशोदा -वासुदेव के घर पर रहते थे तब कंस ने कई असुरो को उन्हें मारने के लिए भेजा तथा एक बार कंस ने पोलासुर नमक असुर को कान्हा को मारने के लिए भेजा और इसे भी कृष्ण ने अपनी लीला के चलते मार गिराया। 

यह दिन भादो मास की अमावस्या का था उस दिन से यह दिन पोला कहा जाने लग यह दिन बच्चो का दिन कहा जाता है

छत्तीसगढ़ में पोला मनाने का तरीका

इस दिन घोड़े के बैल के साथ चक्की ( हाथ से चलाने वाली चक्की ) की भी पूजा की जाति है पहले के ज़माने घोड़े व बैल आजीविका का मुख्य साधन थे। 

व चक्की से गेहू पीसा जाता था ‘ तरह तरह के पकवान इनको चढ़ाये जाते है जैसे सेव गुजिया मीठे खुरमे आदि बनाये जाते है “ घोड़े के ऊपर थैली रखकर उसमे पकवान रखे जाते है ‘

फिर अगले दिन सुबह घोड़े या बैल को लेकर बच्चे मोहल्ले पड़ोस में घर घर जाते है और सबसे उपहार के तौर पर पैसे लेते है ‘

इसके आलावा पोला के दिन मध्यप्रदेश एवं  छत्तीसगढ़ में गेड़ी का जुलूस निकाला जाता है गेड़ी बांस से बनाया जाता है जिसमे एक लंबे बांस में नीचे १-२ फिट आड़ा करके छोटा बांस लगाया जाता है ।

फिर इस पर बैलेंस करके खड़े होकर चला जाता है गेड़ी कई साइज की बनाती है जिसमे बच्चे बड़े सभी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है यह एक तरह का खेल है जो मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ का पारम्परिक खेल है ।

इन्हे भी एक-एक बार पढ़ ले ताकि पुरानी चीजे आपको Revise हो जाये :-

👉नल वंश छत्तीसगढ़

👉सातवाहन वंश

👉कलचुरी वंश छत्तीसगढ़

👉सोनाखान विद्रोह छत्तीसगढ़

👉चम्पारण छत्तीसगढ़

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Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

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