छत्तीसगढ़ के देवी देवता | Chhattisgarh Ke Devi Devta | Deities of chhattisgarh

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छत्तीसगढ़ के देवी देवता | Chhattisgarh Ke Devi Devta | Deities of chhattisgarh


छत्तीसगढ़ के देवी-देवता

चूरापाट  बेर वृक्ष में चूड़ी-फुंदरी बाँधा जाता है।
ठाकुर देव  प्रत्येक गाँव में ग्राम देवता का प्रतीक है।
संहाड़ा देव  1.बैल आकार की मूर्ति जिसकी पूजा की जाती है।

2.प्रथम बार जनी गाय व भैंस का दूध चढ़ाया जाता है।

आंगन पाट  रास्ते में स्थापित काली मूर्ति जिस पर बैलगाड़ी के चक्के में लगाया जाने वाला तेल चढ़ाया जाता है।
चिथड़ा देव  रिंगनी वृक्ष की शाखा पर चिथड़े कपड़े मनौती के चढ़ाते है।
मेड़ो देव  प्रत्येक गाँव के सरहद पर ग्राम रक्षक माना जाता है।
मारो देव / भवानी चौरा  महामारियों से ग्राम की रक्षा करने वाला देवता होता है।
सत बहिनी  सात देवियां ग्राम की रक्षा करती है .
भैइसा सुर  खेतों का रक्षक होता है।


छत्तीसगढ़ जनजातियों के देवी देवता 

क्र जनजाति छत्तीसगढ़ी देवी देवता
1. गोंड दूल्हा देव , सलना देवी , मेघनाथ
2. बैगा बूढ़ा देव , ठाकुर देव( साजा वृक्ष )
3. उराव सरना देवी , धर्मेश देव ( साल वृक्ष )
4. मुड़िया लिंगोपेन ( घोटुल )
5. भतरा शिकार देवी ( माटी देव )
6. बिंझवार विंध्यवासिनी देवी , 12 भाई बेटकर
7. कमर छोटे भाई , बड़े भाई
8. कवर सगरा खंड
9. कोरवा खुड़िया रानी , गोरिया देव
10. येरुंग पेंग 7 देवतावो का पूजा
11. सारंग पेंग 6 देवतावो का पूजा
12. सयुंग पेंग 5 देवतावो का पूजा
13. नालूंग  पेंग 4 देवतावो का पूजा
14. करम सैनी कर्मा लोक नृत्य की इष्ट देवी
15. शिव हर तालिका का देवता
16. आंगा देव मंडई का देवता शिव
17. दंतेश्वरी देवी दशहरा  की देवी
18. कोरकू सिगरी देवी
19. परधान परसा पेन
20. खड़िया बंदा देव
21. भरिया बाघेश्वर देव , भीमसेन देव
22. परजा / धुरवा निशान मुंडा
23. गरबा बूढी देवी , ठकुरानी माता

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