विद्यार्थीओ आज हम आपको छत्तीसगढ़ की नदिया, Chhattisgarh ki Nadiya, छत्तीसगढ़ का अपवाह तंत्र Chhattisgarh ka Apwah Tantra, Rivers of Chhattisgarh , Drainage System of Chhattisgarh का नोट्स देने वाले है ।
छत्तीसगढ़ की नदिया Chhattisgarh Ki Nadiya Rivers of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के अपवाह तंत्र
जहा तक का पानी जिस नदी में आता हो उस क्षेत्र को उस नदी का अपवाह तंत्र कहते है ।
छत्तीसगढ़ में चार अपवाह तंत्र है
क्रमांक | अपवाह तंत्र | क्षेत्रफल |
1. | महानदी अपवाह तंत्र | 75858 वर्ग किमो ( 56% ) |
2. | गोदावरी अपवाह तंत्र | 38694 ( 28% ) |
3. | गंगा नदी अपवाह तंत्र / सोन नदी | 18407 ( 13% ) |
4. | नर्मदा नदी अपवाह तंत्र | 744 ( 0.55% ) |
छत्तीसगढ़ की नदिया सदानीरा नहीं होती है अर्थात यहाँ की नदियों अक्सर सुख जाती है ।
1.महानदी अपवाह तंत्र:-
महानदी:- | उद्गम :- सिहावा पर्वत ( धमतरी ) लम्बाई :- 858 किमो ( छत्तीसगढ़ में 86 किमो ) विसर्जन :- बंगाल की खाड़ी
परियोजना :- 1.गंगरेल बांध धमतरी 2.रुद्री पिकअप बांध ( धमतरी )
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1.गंगरेल बांध ( धमतरी ) |
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2.रुद्री पिकअप बांध |
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महानदी की उत्तर की सहायक नदिया
नदिया | जानकारी |
दूध नदी | उद्गम :- मलाजकुंडम पहाड़ी ( कांकेर ) विसर्जन :- महानदी में परियोजना:-
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शिवनाथ नदी | उद्गम :- पाना बरस पहाड़ी , अम्बागढ़ चौकी ( राजनांदगाव ) ( कोटगुल महाराष्ट्र से विवाद है ) लम्बाई :-290 किमो विसर्जन :- महानदी में परियोजना:- मोगरा बैराज ( 2009 ) अम्बागढ़ चौकी विशेष :-
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हसदेव नदी | उद्गम :- देवगढ़ कैमूर की पहाड़ी सोनहत ( कोरिया ) लम्बाई :- 176 किमो विसर्जन :- महानदी में ( चाम्पा के पास ) सहायक नदी :-
परियोजना:-
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बोरई नदी | उद्गम :- कोरबा से विसर्जन :- महानदी में |
मांड नदी | उद्गम :- मैनपाट ( सरगुजा ) लम्बाई :- 145 KM विसर्जन :- महानदी में |
केलो नदी | उद्गम :- लुड़ेग पहाड़ी लैलूंगा ( रायगढ़ ) विसर्जन :- महानदी में परियोजना:-
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ईब नदी | उद्गम :- बगीचा जशपुर ( पेन्द्रपत ) लम्बाई :-202 KM ( छत्तीसगढ़ 87 Km ) विसर्जन :- ब्राह्मणी नदी – महानदी ( ओडिशा में ) |
महानदी की दक्षिण की सहायक नदिया
नदिया | जानकारी | ||
सिलयारी नदी | उद्गम :- धमतरी विसर्जन :- महानदी में परियोजना :-
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सोंढुर नदी | उद्गम :- गरियाबंद विसर्जन :- महानदी में | ||
पैरी नदी | उद्गम :- भ्रातगढ़ पहाड़ी ( गरियाबंद ) लम्बाई :-90 KM विसर्जन :- महानदी में परियोजना :- सिकासार परियोजना ( 7 mw बिजली उत्पादन ) विशेष :- प्राचीन बंदरगाह के अवशेष मिले है । | ||
सूखा नदी | उद्गम :- गरियाबंद विसर्जन :- महानदी में | ||
जोंक नदी | उद्गम :- पिथौरा ( महासमुंद ) लम्बाई :- 90KM विसर्जन :- महानदी में
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लात नदी | उद्गम :- सरायपाली ( महासमुंद ) विसर्जन :- महानदी में | ||
कोडार नदी | उद्गम :- बसना ( महासमुंद ) विसर्जन :- कोई छोटी नदी फिर महानदी में परियोजना :- शहीद वीर नारायण सिंह परियोजना ( महासमुंद ) |
2.शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र:-
उद्गम :- पाना बरस पहाड़ी , अम्बागढ़ चौकी ( राजनांदगाव ) ( कोटगुल महाराष्ट्र से विवाद है )
लम्बाई :-290 किमो
विसर्जन :- महानदी में
परियोजना:- मोगरा बैराज ( 2009 ) अम्बागढ़ चौकी
विशेष :-
- छत्तीसगढ़ में बहाने वाली सबसे लम्बी नदी ।
- महानदी की सबसे लम्बी सहायक नदी है ।
- इस नदी में मदकूद्वीप है , जिसे छत्तीसगढ़ का मञ्जुली द्वीप कहते है ।
शिवनाथ की उत्तर की सहायक नदिया
नदिया | जानकारी |
झुरा नदी | उद्गम :- चार भाता पहाड़ी ( राजनांदगाव ) विसर्जन :- शिवनाथ नदी में परियोजना :- सूखा नाला बैराज ( डोंगरगाव ) |
आमनेर नदी | उद्गम :- खैरागढ़ पहाड़ी ( राजनांदगाव ) विसर्जन :- शिवनाथ नदी |
हॉप नदी | उद्गम :- कन्दवानी ( कवर्धा ) लम्बाई :- 54Km विसर्जन :- शिवनाथ परियोजना :- सुतियापात परियोजना |
मनियारी नदी | उद्गम :- खोदरी पहाड़ी ( मुंगेली ) लम्बाई :- 134 KM विसर्जन :- शिवनाथ सहायक नदी :- घोंघा , छोटी नर्मदा , आगर , टेसुआ परियोजना :- खुड़िया बांध ( राजीव गाँधी परियोजना ) कहते है । विशेष :- मुंगेली व बिलासपुर के बिच सीमा रेखा बनती है । |
अरपा नदी | उद्गम :- खोंगसरा पहाड़ी पेंड्रा ( बिलासपुर ) लम्बाई :- १००कम, (147KM विवाद है ) विसर्जन :- शिवनाथ सहायक नदी :- खारंग नदी परियोजना :- भैंसाझार परियोजना विशेष :- बिलासपुर शहर को दो भागो में बताते है । |
खारंग नदी | उद्गम :- मरवाही ( बिलासपुर ) विसर्जन :- अरपा नदी परियोजना :-
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लीलागर नदी | उद्गम :- कटघोरा ( कोरबा ) लम्बाई :- 135CM विसर्जन :- शिवनाथ विशेष :- इसे प्राचीन काल में निडिला नदी कहते थे . |
छत्तीसगढ़ में चार संगम
क्र, | नदी | शहर | संगम नदी |
1. | महानदी | राजिम | सोंढुर + पैरी + महानदी |
2. | महानदी | शिवरीनारायण | जोंक + शिवनाथ + महानदी |
3. | महानदी | चंद्रपुर | लात + मांड + महानदी |
4. | आमनेर | खैरागढ़ | पिपरिया + मुस्का + आमनेर |
शिवनाथ की दक्षिण की सहायक नदिया
नदिया | जानकारी | ||||||||||||
खरखरा नदी | उद्गम :- सम्बलपुर , डौंडीलोहारा ( बालोद ) लम्बाई :- 54Km विसर्जन:- शिवनाथ नदी परियोजना :-
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तांदुला नदी | उद्गम :- भानुप्रतापपुर ( कांकेर ) लम्बाई :- 64Km विसर्जन :- शिवनाथ परियोजना :-
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खारुन नदी | उद्गम :- पटेचुवा पहाड़ी ( बालोद ) लम्बाई :- 84Km विसर्जन :- शिवनाथ विशेष :- इसी नदी में रायपुर में लक्ष्मण झुल्ला बनाया गया है । | ||||||||||||
जमुनिया नदी | उद्गम :- रायपुर क्षेत्र विसर्जन :- शिवनाथ
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सोन नदी की दक्षिण की सहायक नदिया
बनास नदी | उद्गम :- भरतपुर ( कोरिया ) विसर्जन :- सोननदी |
गोपत नदी | उद्गम :- सोनहत ( कोरिया ) विसर्जन:- सोननदी । |
रिहन्द नदी | उद्गम :- छुरिमादितिंगा की पहाड़ी ( सरगुजा ) लम्बाई :- 145Km विसर्जन :- सोननदी विशेष :- सरगुजा की जीवन रेखा नदी सहायक नदी :- घुनघुट्टा , गोबरी , मरेनि , महान , सूर्य परियोजना :- गोविन्द वल्लभ पंत परियोजना ( उत्तर प्रदेश ) |
कनहर नदी | उद्गम :- बर्खोनी चोटी ( जशपुर ) लम्बाई :- 116Km विसर्जन :- सोन नदी सहायक नदी :- गजफुला , चानन , सिंदूर , पेंजन |
नर्मदा व वेनगंगा की सहायक नदिया
बंजर नदी | उद्गम :- कवर्धा विसर्जन :- नर्मदा नदी विशेष :- पश्चिम की और बहाने वाली छत्तीसगढ़ की सबसे लम्बी नदी । |
तारा नदी | उद्गम :- दक्षिण ( कवर्धा ) विसर्जन :- नर्मदा नदी |
बाघ नदी | उद्गम :- कुलझरी पहाड़ी छुईखदान ( राजनांदगाव ) विसर्जन :- वेनगंगा नदी |
इंद्रावती नदी अपवाह तंत्र:-
उद्गम :- मुंगेर की पहाड़ी कालाहांडी ( ओडिशा )
लम्बाई :- 264Km
विसर्जन :- भद्रकाली के पास गोदावरी नदी
विशेष :-
1.बस्तर की जीवन रसखा नदी है
2.इसका प्राचीन नाम मन्दाकिनी है
परियोजनाएँ :-
->बोध घाट परियोजना
->विश्व बैंक बोध घाट परियोजना से 350 करोड़ वापस ले लिया है
इंद्रावती नदी की उत्तर की सहायक नदिया
नारंगी नदी | उद्गम :- मकड़ी ( कोंडागांव ) विसर्जन :- इंद्रावती नदी |
बोर्डिंग नदी | उद्गम :- केशकाल घाटी ( कोंडागांव ) विसर्जन :- इंद्रावती नदी |
गुडरा नदी | उद्गम :- नारायणपुर विसर्जन :- इंद्रावती नदी |
निबरा नदी | उद्गम :- नारायणपुर विसर्जन :- इंद्रावती नदी |
कोटरी नदी | उद्गम :- मोहला मानपुर ( राजनांदगाव ) विसर्जन :- 135KM विसर्जन :- इंद्रावती नदी विशेष :- इंद्रावती की सबसे बड़ी सहायक नदी । परियोजना :- परलकोट डेम ( गेंद सिंह परियोजना ) |
छत्तीसगढ़ के नदियों की लम्बाई
नदियों के नाम | लम्बाई ( किमो में ) |
महानदी | 286 |
शिवनाथ | 290 |
इंद्रावती | 264 |
ईब | 202 |
हसदेव | 176 |
शबरी | 173 |
मांड | 155 |
रिहन्द | 145 |
कोटरी | 135 |
लीलागर | 135 |
मनियारी | 134 |
कनहर | 116 |
अरपा | 100 |
पैरी | 90 |
जोंक | 90 |
खारुन | 84 |
तांदुला | 64 |
इंद्रावती नदी की दक्षिण की सहायक नदिया
शंखिनी नदी | उद्गम :- नंदिराज बैलाडीला ( दंतेवाड़ा ) विषर्जन :- डंकिनी नदी विशेष :- शांखिनी , डंकिनी नदी का पानी रक्ताभ लाल है । छत्तीसगढ़ की सबसे गन्दा प्रदूषित नदी है । |
डंकिनी नदी | उद्गम :- डाँगीरी पहाड़ी ( दंतेवाड़ा ) विषर्जन :- शंखिनी नदी , में फिर |
तालपेरु नदी | उद्गम :- बीजापुर विषर्जन :- इंद्रावती नदी |
चिन्ताबाबू नदी | उद्गम :- बीजापुर विषर्जन :- इंद्रावती नदी |
शबरी नदी | उद्गम :- कोरपुट ( ओडिशा ) लम्बाई :- 173KM विषर्जन :- गोदावरी नदी सहायक नदी :- कांगेर व मलेंगार नदी ->कांकेर नदी की सहायक नदी मुड़गाबहार नदी है । विशेष :- जल परियोजना कोंटा बन्दरगाह स्थित है । -> कांगेर नदी में भैसदारः में मगरमच्छ का संरक्षण किया जा रहा है । |
सात राज्यों के बीच सिमा रेखा बनती नदिया
बाघ नदी | महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के बीच सिमा रेखा बनती है । |
इंद्रावती नदी | महाराष्ट्र व बीजापुर के बीच सिमा रेखा बनती है । |
नेउर नदी | मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के बीच सिमा रेखा बनती है । |
कनहर नदी | झारखंड व छत्तीसगढ़ के बीच सिमा रेखा बनती है । |
गोदावरी नदी | तेलंगाना व छत्तीसगढ़ के बीच सिमा रेखा बनती है । |
शबरी नदी | आँध्रप्रदेश व छत्तीसगढ़ के बीच सिमा रेखा बनती है । |
मनियारी नदी | बिलासपुर व मुंगेली के बीच सिमा रेखा बनती है |
लीलागर नदी | बिलासपुर व जाजगीर के बीच सिमा रेखा बनती है । |
जल विवाद
पेलवाराम परियोजना ( गोदावरी नदी पर ) | सीमंत्र , ओडिशा , व छत्तीसगढ़ के बीच विवाद । |
रिहन्द बांध | उत्तर प्रदेश व छत्तीसगढ़ के बीच विवाद । |
कनहर जल विवाद | झारखंड व छत्तीसगढ़ के बीच विवाद । |
महानदी जल विवाद | ओडिशा व छत्तीसगढ़ के बीच विवाद । |
किंकरी बांध | ओडिशा व छत्तीसगढ़ के बीच विवाद । |
बाघ नदी बांध | महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के बीच विवाद । |
परीक्षाओं में पूछे गए महत्वपूर्ण तथ्य : नदी, सिंचाई
- नया रायपुर में जलापूर्ति हेतु महानदी में टीला नामक स्थान पर एनीकट बनाया गया है.
- कोरबा जिले के कटघोरा के निकट बांगो ग्राम में हसदेव नदी पर राज्य की सबसे ऊँची मिनीमाता बहुउद्देशीय परियोजना निर्मित है।
- महानदी अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ राज्य के 56.15% जल का संग्रहण करता है।
- वर्ष 2018-19 में कुल सिंचित क्षेत्र में नहरों का योगदान 36% था।
- नदी एवं जलप्रपात हसदो अमृतधारा, बनास-रामदा, इन्द्रावती-चित्रकोट, कांगेर-तीरथगढ़
- छत्तीसगढ़ में नहरों तथा नलकूप को सिंचाई का सुनिश्चित स्रोत माना जाता है।
- कोरबा जिले में हसदो नदी पर निर्मित बांध छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता के नाम पर है।
- इंद्रावती नदी मुंगेर की पहाड़ियों (कालाहांडी, उड़ीसा) से निकलती है तथा बीजापुर जिले के भद्रकाली में गोदावरी से मिल जाती है।
- बस्तर की जीवन रेखा इंद्रावती, गोदावरी की सहायक तथा दंडकारण्य पठार की प्रमुख नदी है। यह बस्तर संभाग को दो भागों में बांटती है।
- अभियान लक्ष्य भागीरथी के अंतर्गत कुल 106 परियोजनाएं पूर्ण करने के लिए चिन्हित की गई हैं।
- शिवनाथ की सहायक मनियारी नदी का उद्गम लोरमी पठार के सिंहावल क्षेत्र से हुआ है। यह मुंगेली, बिलासपुर जिले से बहते हुए तालागांव के निकट शिवनाथ नदी में मिल जाती है।
- हसदेव का उद्गम सोनहत क्षेत्र के कैपूर की पहाड़ियों से है। यह नदी कोरिया, कोरबा एवं जांजगीर-चांपा जिला से बहती हुई शिवरीनारायण के समीप ग्राम केरा सिलादेही के पास महानदी में मिल जाती है।
- महानदी पर निर्मित गंगरेल बांध का अन्य नाम रविशंकर जलाशय भी है। यह महानदी परियोजना समूह का सबसे बड़ा बांध है। यहां 10 मेगावाट क्षमता की जल विद्युत उत्पादन की एक इकाई भी स्थापित की गई है।
- मिनीमाता हसदेव बांगो बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना वर्ष 2011 में पूर्ण की गई थी।
- इंद्रावती नदी गोदावरी की एक सहायक नदी है जबकि शिवनाथ, जॉक और पैरी महानदी की सहायक नदियां हैं।
- मुरूमसिल्ली जलाशय का निर्माण 1923 में महानदी की सहायक सिलियारी नदी पर धमतरी जिले में किया गया था।
- कलमा बैराज जांजगीर-चांपा जिले में महानदी पर निर्मित किया गया है।
- रिहंद सोन नदी की सहायक है। इसका उद्गम अंबिकापुर तहसील के मतिरिंगा पहाड़ी से हुआ है।
- महानदी पर धमतरी जिले के गंगरेल नामक ग्राम में रविशंकर सागर परियोजना स्थित है।
- 2000 में शासकीय स्त्रोतों से 13.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित थी, दिसंबर 2018 तक कुल 21.02 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित की जा चुकी है। इस प्रकार राज्य निर्माण से 2018 तक 7.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता का निर्माण किया गया है।
- रविशंकर सागर जलाशय धमतरी जिले के गंगरेल नामक स्थान पर महानदी पर निर्मित है।
- अरपा का उद्गम खोडरी-खोंगसरा (बिलासपुर-पेंड्रा पठार) से हुआ है तथा यह ग्राम मानिकचौरी के समीप शिवनाथ से मिल जाती है।
- इस राज्य में गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदी इंद्रावती है जबकि हसदो नदी महानदी अपवाह तंत्र के अंतर्गत शामिल हैं।
- मध्य छत्तीसगढ़ में विस्तृत महानदी का मैदान का निर्माण महानदी तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा किया गया है। महानदी के मैदान में प्रमुख रूप से धान की फसल ली जाती है।
- रायपुर खारून नदीतट पर, बिलासपुर अरपा नदीतट पर, दुर्ग शिवनाथ नदीतट तथा जगदलपुर इंद्रावती नदी के तट पर बसा है।
- रायगढ़ नगर केलो नदी के किनारे बसा हुआ है जबकि सिरपुर, शिवरीनारायण और राजिम महानदी के तट पर बसे हुए नगर हैं। खुड़िया बांध (राजीव गांधी परियोजना) मनियारी नदी पर, खूंटाघाट बांध (संजय गांधी परियोजना) खारंग नदी पर तथा मिनीमाता बांगो बहुद्देशीय परियोजना हसदो नदी पर स्थित है। बोधघाट परियोजना इंद्रावती नदी पर दंतेवाड़ा जिले में प्रस्तावित है।
- इंद्रावती नदी बस्तर कांकेर क्षेत्र में प्रवाहित होती है जबकि शिवनाथ, हसदो और अरपा छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं।
- खारुन रायपुर में, अरपा बिलासपुर में और हसदो कोरबा तथा चांपा में प्रवाहित होती है। शबरी नदी सुकमा जिले में प्रवाहित होती है।
- रिहंद नदी सरगुजा तथा सूरजपुर जिलों में, इंद्रावती बस्तर संभाग में, हसदो और शिवनाथ नदियां छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्र में बहती हैं।
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान बीजापुर जिले में स्थित है।
- प्रदेश में प्रवाहित होने वाली सबसे लंबी नदी शिवनाथ है।
- 1978 में महानदी पर धमतरी जिले के गंगरेल ग्राम के निकट रविशंकर जलाशय का निर्माण किया गया था।
- यह महानदी परियोजना का सबसे बड़ा बांध है, यहां 10 मेगावाट क्षमता की जल विद्युत उत्पादन इकाई भी स्थापित है।
- शिवनाथ छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लंबी (290 किमी.) नदी है।
- खारून शिवनाथ की एक सहायक नदी है। कोटरी इंद्रावती की सहायक नदी है तथा हसदो और पैरी महानदी की सहायक नदियां हैं।
- रविशंकर जलाशय या गंगरेल जलाशय महानदी पर धमतरी जिले के गंगरेल नामक ग्राम में अवस्थित है।
- कोरबा जिला हसदो नदी के तट पर स्थित है।
- महानदी छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा के नाम से जानी जाती है।
- अमनेर, मस्का और पिपरिया का संगम राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ में है।
- महानदी परियोजना छत्तीसगढ़ की बड़ी सिंचाई परियोजना है। इस परियोजना के पूर्ण होने पर 3.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकेंगी।
- मिनीमाता बांगो जलाशय नदी पर कोरबा जिले में निर्मित किया गया है। यह राज्य की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना है।
- महानदी पर उड़ीसा में हीराकुंड बांध निर्मित है, जबकि मिनीमाता बांगो बांध कोरबा जिले में हसदो नदी पर स्थित है।
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