महामाया देवी मंदिर रतनपुर | Mahamaya Devi Mandir Ratanpur

Share your love
4.8/5 - (5votes)

मेरे प्यारे दोस्तों आज हम आपको “महामाया देवी मंदिर रतनपुर की जानकारी देने वाले है। यहाँ जानकारी आपको छत्तीसगढ़ के किसी भी परीक्षा में पूछे जा सकते है , या आप किसी चीज के बारे में रिसर्च करना चाहते है, या आप फिर छत्तीसगढ़ में घूमना चाहते है तो यहाँ जानकारी आपके बहुत ही काम आएगी। इसलिए आप इस लेख को ध्यान से पढ़े और अपनी राय दे।

Mahamaya Devi Mandir Ratanpur | महामाया देवी मंदिर रतनपुर

कहते हैं जो भी माँ महामाया मंदिर की चौखट पर आया वो खाली नहीं गया जितनी अनोखी इस मंदिर की मान्यता है उतनी अनोखी इस मंदिर की कहानी है यहां बैठी मां महामाया देवी के आशीर्वाद से हर संकट दूर हो जाता है कुंवारी लड़कियों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है लोगों के सभी कष्ट दूर हो जाते है देवी मां के इस मंदिर को 51 शक्ति पीठ में एक माना जाता है। ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

 

Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur
Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur

महामाया मंदिर में लगे 48 सीसीटीव कैमरे

महामाया देवी रतनपुर में इस वर्ष 31 हजार से ऊपर मनोकामना ज्योति कलश जलाये जा रहे है माता के दर्शन करने श्रद्धालुओं की लगी रही लंबी कतार एक लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं में माता के दर्शन किये है सुबह 6 बजे से ही महामाया मंदिर में माता के दर्शन के लिए भीड़ उमड़ने लगती है। ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस व प्रशासन की अधिकारियों और कर्मचारियों की डियूटी लगी हुई है मंदिर के ट्रस्ट के अधिकारि व कर्मचारि सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहते है महामाया मंदिर में इस बार 48 सीसीटीव कैमरे से भी नजर रखी जा रही है। ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

 

Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur
Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur

11वी शताब्दी में कराया गया मंदिर का निर्माण

छत्तीसगढ़ में  बिलासपुर से 25 किलोमीटर पर स्थित आदिशक्ति मां महामाया देवी की पवित्र पौराणिक नगरी रतनपुर का इतिहास प्राचीन एवं गौरवशाली है त्रिपुरी के कलचुरियों की एक शाखा ने रतनपुर को अपनी राजधानी बनाकर दीर्घकाल तक छत्तीसगढ़ में शासन किया | ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

राजा रत्नदेव प्रथम ने मणिपुर नामक गांव को रतनपुर नाम देकर अपनी राजधानी बनाया श्री आदिशक्ति मां महामाया देवी मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा 11वी शताब्दी में कराया गया था। ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

मंदिर के निर्माण की है कई किवदंतिया

1045 ई में राजादेव रत्नदेव प्रथम मणिपुर नामक गांव में रात्रि विश्राम एक वट वृक्ष पर किया अर्धरात्रि में जब राजा की आंख खुली तब उन्होंने वट वृक्ष के नीचे आलौकिक प्रकाश देखा यह देखकर चमत्कृत हो गए कि वहां आदिशक्ति श्री महामाया देवी की सभा लगी हुई है| ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

इतना देखकर वे अपनी चेतना खो बैठे सुबह होने पर वे अपनी राजधानी तुम्मान खोल लौट गए और रतनपुर को अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया 1050 ई में श्री महामाया देवी का भव्य मंदिर निर्मित कराया। ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

 

Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur
Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur

माता सती का गिरा था स्कंध

माना जाता है कि सती की मृत्यु से व्यथित भगवान शिव उनके मृत शरीर को लेकर तांडव करते हुए ब्रह्मांड में भटकते रहे इस समय माता के अंग जहां-जहां गिरे, वहीं शक्तिपीठ बन गए इन्हीं स्थानों को शक्तिपीठ रूप में मान्यता मिली महामाया मंदिर में माता का दाहिना स्कंध गिरा था | ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

भगवान शिव ने स्वयं आविर्भूत होकर उसे कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया था इसीलिए इस स्थल को माता के 51 शक्तिपीठों में शामिल किया गया यहां प्रात:काल से देर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है माना जाता है कि नवरात्र में यहां की गई पूजा निष्फल नहीं जाती है। ( Mahamaya Mandir, Ratanpur-Bilaspur )

इन्हे जरूर पढ़े :-

👉 शिवरीनारायण मंदिर : जहा भगवान राम ने खाये थे शबरी के झूठे बेर ।  

👉 माँ बम्लेश्वरी मंदिर : आखिर क्यों तालाब में कूदी थी कामकंदला ?

👉 नगपुरा जैन मंदिर : राजा गज सिंह ने 108 जैन मुर्तिया बनाने की प्रतिज्ञा क्यों ली ? 

👉 भोरमदेव मंदिर : दाढ़ी-मुछ वाले योगी की मूर्ति के पेट पर क्या लिखा है ? 

👉 माता कौशल्या मंदिर : वह धरती जिसने भगवान राम की माता कौशल्या को जन्म दिया !

||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||

दोस्तों हो सकता है की इसमें कुछ गलतिया हो सकती है तो आप नीचे Comment में जरूर बताये , साथ ही साथ आप अपने सुझाव भी हमें दे सकते है। दोस्तों आप हमें Facebook, Youtube, Twitter , Linkedin पर भी फॉलो कर सकते है। 

दोस्तों हमारी इस Website Iamchhattisgarh.in पर अगर आप पहली बार आये है तो मै आपको बता देना चाहूंगा की , हमारी इस वेबसाइट पर आपको छत्तीसगढ़ से सम्बंधित सभी जानकारिया जैसे की छत्तीसगढ़ स्थानों, पर्यटन, मंदिरों, इतिहास, अभिलेखागार स्थानों, नदियों और हर वो जानकारी जो हमारे छत्तीसगढ़ से सम्बंधित हो ।

दोस्तों हम धीरे-धीरे  कोशिश करेंगे की जैसे ही छत्तीसगढ़ का Topic ख़त्म हो जाये तो हम इस में पूरा भारत , विश्व, संविधान , इतिहास  सभी जानकारिया आपके लिए लिखेंगे । जो आगे आपको बहुत काम आएगी । 

आप हमारे इस वेबसाइट पर हर तरह की जानकारियों को काटेगोरिएस वाइज पढ़ सकते है:-

Chhattisgarh Tourism :- इसमें आपको हर वो जानकारी दी जाएगी जहा पर आपको छत्तीसगढ़ में घूमने जरूर जाना चाहिए । इसमें वे सभी स्थल होंगे जहा पर आप अपने छुटियो में अपने परिवार सहित घुमने जरूर जाये ,और दुसरो को भी इन जगहों के बारे में बताये की वे भी घूमने जाये , ताकि हमारे राज्य की  इनकम बढ़ सके । 

Chhattisgarh Temples :- छत्तीसगढ़ के सभी मंदिरो के बारे में जानकारिया आपको इस Category में मिल जाएगी ,पुरे छत्तीसगढ़ के एक-एक मंदिर चाहे वो कोई छोटा से छोटा मंदिर हो या बड़ा से बड़ा हमसे नहीं बच सकता ( मजाक था ) है । 

Chhattisgarh History :- छत्तीसगढ़ के वे अनसुने इतिहास जिसे अपने नहीं पढ़ा या नहीं सुना । इसकी सम्पूर्ण जानकारी आपको इसी में मिल जाएगी । 

Chhattisgarh Archelogy :- इसमें हम आपको छत्तीसगढ़ के पुरातत्तव की चीजे , पुराने महल , पुराने अभिलेख, आदि सभी चीजों की जानकारी आपको इस Category में मिलेगी। 

Chhattisgarh Wildlife: छत्तीसगढ़ के जंगल ,जीव , नदिया , तालाब , जलप्रपात , झील ,अदि सभी प्राकृतिक चीजों की जानकारी आपको इस Category में मिल जाएगी ।  

तो आप इसे शेयर अवस्य करे नहीं तो मै सपने में आपसे शेयर करवाने आऊंगा , क्योकि खुदा की बाते गलत हो सकती है मेरी नहीं । ( मजाक था )

Share your love
Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

Articles: 1117

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *