छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थापना | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गठन | Chhattisgarh me Congress ka Gathan
छत्तीसगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राष्ट्रीय एकता काल (1857-1885) :-
- 1857 के क्रांति में हार के बाद आपसी एकता की भावना जागृत हुआ।
- सभी समझ गये आपसी मदभेद के कारण हम 1857 की क्रांति हार गये।
मुम्बई में कांग्रेस अधिवेशन (1889 ) :-
इसमें छ.ग. के 5 लोग शामिल हुए थे –
1. माधव राव सप्रे
2. वामन राव लाखे
3. राम दयाल तिवारी
4. बद्रीनाथ साव
5. C.M. ठककर
नागपुर में कांग्रेस अधिवेशन (1891 ) :-
- इस अधिवेशन में भी छ.ग. के नेताओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
- इस अधिवेशन का अध्यक्ष मद्रास के वकील P. आनंदा चाल थे।
समित्र मण्डल (1905) :-
- पं. सुन्दरलाल शर्मा ने समित्र मण्डल का गठन किया।
छ.ग. में कांग्रेस का स्थापना (1906) :-
- 1906 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का स्थापना किया गया।
- 1906 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गठन किया गया ।
- इसी दौरान पं. सुन्दर लाल शर्मा ने कांग्रेस की सदस्यता लिया।
- कांग्रेस में शामिल होने वाले छ.ग. से प्रथम व्यक्ति थे।
- इसके गठनकर्ता थे -सी ऍम ठक्कर
सूरत अधिवेशन (1907) :-
छ.ग. के कांग्रेस दो भागों में बँट गया 1. गरमदल 2. नरमदल
➤ नरमदल के नेता :-
1. पं. सुन्दरलाल शर्मा
2. डॉ. शिव राम मुंजे
3. डॉ. हरि सिंह गौर
4. डॉ. मधोलकर
➤गरम दल के नेता :-
1. पं. रविशंकर शुक्ल
2. माधवराव सप्रे
3. दादा साहब खापर्डे
रायपुर प्रांतीय सम्मेलन (1907) :-
- अध्यक्षता > डॉ. केलकर
- स्वागताध्यक्ष > डॉ. हरि सिह गौर।
- > खापर्डे ने सम्मेलन का प्रारम्भ वन्देमातरम् से करने का सुझाव दिया।
- > इसको नरम दल ने विरोध तथा खापर्डे नाराज होकर चले गए।
प्रथम छात्र हड़ताल (1907) :-
- स्थान > स्टेट हाई स्कूल राजनांदगाँव।
- नेतृत्व > ठाकुर प्यारे लाल सिंह |
माधव राव सप्रे को जेल (1908) :-
- सप्रे ने तिलक के मराठा व केसरी पत्रिका से प्रभावित हुआ।
- 1907 में हिन्द केसरी प्रकाशित किया।
- इस पत्रिका ने देश का पुर्देव व बम्ब गोले शब्द का प्रयोग किया। इस कारण जेल गए।
सरस्वती पुस्तकालय (1909) :-
- स्थान > राजनांदगाँव
- स्थापना > ठाकुर प्यारे लाल सिंह
- उदेस्य > राष्ट्रीय चेतना के लिए।
- वर्तमान > डिजिटल लायब्रेरी बनाया गया है।
काव्यकुंब्ज सभा (1912) :-
- पं. रविशंकर शुक्ल ने काव्यकुंब्ज सभा का गठन किया था।
माल गुजारों का सम्मेलन (1915) :-
- रायपुर के टाउन हाल में 250 माल गुजारों ने सम्मेलन किया था।
होमरूल आंदोलन (1917) :-
- छ.ग. में केवल तिलकवादी आंदोलन सक्रिय था।
- 1918 में तिलक व गोपाल कृष्ण गोखले रायपुर आये थे।
- विभिन्न शहरों में होमरूल लीग का स्थापना हुआ था।
- लीग का सम्मेलन 1918 में रायपुर में हुआ तथा सदस्य 1700 से अधिक थे।
- रायपुर > पं. रविशंकर शुक्ल, मूलचंद बागड़ी, सप्रे, लक्ष्मण राव उदगीरकर थे।
- बिलासपुर > ई. राघवेन्द्र राव, कुंज बिहारी अग्निहोत्री, गजधर राव, अंबिका प्रसाद वर्मा, मुन्नी लाल स्वामी, गोविंद तिवारी अदि थे .
- दुर्ग > घनश्याम सिंह गुप्त
- राजनांदगाँव > ठाकुर प्यारे लाल सिंह
रायपुर में प्रांतीय सम्मेलन (1918) :-
- ई. राघवेन्द्र राव व C.M. ठक्कर को कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया।
- इस सम्मेलन में गोपाल कृष्ण गोखले उपस्थित थे।
नोट:- पं. सुन्दर लाल शर्मा ने 1918 में छ.ग. का स्पष्ट कल्पना किया था।
रोलेक्ट एक्ट का विरोध (1919) :-
- छ.ग. के रायपुर, बिलासपुर दुर्ग, राजनांदगाँव, धमतरी, व चांपा आदि में इस काले कानून का विरोध किया गया।
- रायपुर में जुलूस > माधवराव सप्रे, पं. रविशंकर शुक्ल, महंत लक्ष्मी नारायण, वामनराव लाखे ने किया।
- बिलासपुर में जुलूस > ई. राघवेन्द्रराव, छेदीलाल गुप्ता, यदुनंदन प्रसाद, शिव दुलारे ने किया।
- राजनांदगांव में जुलूस ठाकुर प्यारे लाल व खापर्डे ने किया।
नोट :- काले वस्त्र धारण कर रैली निकाली गई।
B.N.C. मिल हड़ताल (1920) :-
- स्थान > मील चाल (राजनांदगाँव)
- नेतृत्व > त्यागमूर्ति अर्जुन ठाकुर प्यारे लाल सिंह
- कारण > मजदूरों का विभिन्न प्रकार से शोषण
- हड़ताल > यह हड़ताल 36 दिनों तक चला था।
- आगमन > इस हड़ताल में राष्ट्रीय नेता V.V. गिरी आये थे व हड़ताल समाप्त किया।
- विशेष > छ.ग. का सबसे बड़ा मजदूर आंदोलन था।
- यह आंदोलन 3 बार हुआ था।