छत्तीसगढ़ में जीवो का संरक्षण | Chhattisgarh Me Jivo ka Sanrakshan

5/5 - (1vote)

छत्तीसगढ़ में जीवो का संरक्षण Chhattisgarh Me Jivo ka Sanrakshan

 

क्रमांक  संरक्षण  स्थान 
1. पक्षी विहार
  1. गिधवा पक्षी विहार
  2. नांदघाट बेमेतरा ( प्रथम )
  3. रंगही  बिलासपुर ( दूसरा )
2. मगरमकछ संरक्षण
  1. कोटमी सोनार ( चम्पा )
  2. भैसा दरहा  ( बस्तर )
  3. जाटलूर ( नारायणपुर )
3. तितली पार्क
  • तितली पार्क बस्तर
  • 1( छत्तीसगढ़ का प्रथम तितली पार्क )
  • 2.( कांगेर घाटी में स्थापित है )
  • 3.( कर्नाटक से तितली लाया गया है )
4. जंगल सफारी ( रायपुर )
  • छत्तीसगढ़ में एकमात्र जंगल सफारी है ।
5. गजराज संरक्षण
  • जशपुर , बलरामपुर , सरगुजा , रामगढ़ , कोरबा , झारखंड से आते है ।
6. भालू ( जामवंत ) संरक्षण
  • मारवाही
  • कटघोरा
  • मनेन्द्रगढ़


मुख्य बिंदु

  1. बारनवापारा अभ्यारण्य को ब्रिटिश लोग विकसित किये है। 
  2. अजगर (पायथन – रेटिक लेटिंग) सरगुजा में पाया गया है । 
  3. छ.ग. में सबसे अधिक बाँस-लाठी बास (नरबॉस) है। 
  4. छ.ग. में बॉस 6556 वर्ग km. व लघु वनोपज राजस्व 20% है। 
  5. देश के कुल तेन्दुपत्ता का 17% छ.ग. में उत्पादित होता है। 
  6. तेन्दुपत्ता को ग्रीन गोल्ड (हरा सोना) कहते है। 
  7. एक राष्ट्रीयकृत वनोपज है तेन्दुपत्ता। 
  8. तेन्दुपत्ता का समर्थन मूल्य 2500 रू. प्रति बोरा लिया जाता है। 
  9.  एक मानक बोरा में 50,000 तेन्दू पत्तियाँ रखी जाती हैं। 
  10. बूटा  कटाई व शायरी कर्तन तेन्दुपत्ता संग्रहण को कहते है। 
  11. लाव – पलाश, कुसुम, अरगह पेड़ में अधिक होती है। 
  12. लाख उत्पादन में देश में दूसरा स्थान है छत्तीसगढ़ का । 
  13. छ.ग. में खैर पेड़ से कत्था बनाया जाता है। 
  14. रतनजोत (बकरडा) से बायोडीजल बनता है छ.ग. में । 
  15. ‘छ.ग. में कोसा अर्जुनी पेड़ में अधिक पाया जाता है। 
  16. कोसा का अन्य नाम – 1. रैली 2. लरिया, 3. बरक 
  17. रेशम परियोजना जापान बैंक के द्वारा बिलासपुर संभाग में चलाया जा रहा है। 
  18. छ.ग. में उष्ण कटिबंधीय शुष्क वन 51.65% है। 
  19. छ.ग. में उष्णकटिबंधीय आई वन 47.35% है। 
  20. साल पेड़ का उच्च किस्म केशकाल में पाया जाता है। 
  21. झूमिंग व पेड़ा पद्धति जंगल काटकर सुखेन को छोड़ना होता है। 
  22. मालिक मकबूजा कांड का संबंध वृक्षों के नियम विरुद्ध कटाई से है। 
  23. वन अपराध की सूचना देने पर पुरस्कार 1500 रू. मिलता है। 
  24. अवैध शिकार की सूचना देने पर पुरस्कार है 5 से 10 हजार तक। 
  25. एशिया का सबसे बड़ा इमली मंडी जगदलपुर है। 
  26. छ.ग. राज्य औषधि बोर्ड का गठन 28 जुलाई 2004 को हुआ था।
  27. 2010 में “हरियर छ.ग. योजना” चालू किया गया है छ.ग. में । 
  28. छ.ग. में 2008 में निशुल्क चरण पादुका योजना चालू हुआ है। 
  29. दीयासलाई (माचिस) सेमल (सेमर) के पेड़ से बनाया जाता है। 
  30. सागौन के पेड़ से गोद नहीं बनता है। 
  31. छ.ग. शासन वन विभाग द्वारा सामाजिक वानिकी का संचालन करता है।

    इन्हे जरूर पढ़े :-

    👉छत्तीसगढ़ वन संसाधन 

    👉जशपुर सामरी पाट प्रदेश

    👉सरगुजा बेसिन बघेलखण्ड

    👉बस्तर का पठार

    👉महानदी बेसिन छत्तीसगढ़ का मैदान

Leave a Comment