छत्तीसगढ़ में जीवो का संरक्षण Chhattisgarh Me Jivo ka Sanrakshan
क्रमांक | संरक्षण | स्थान |
1. | पक्षी विहार |
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2. | मगरमकछ संरक्षण |
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3. | तितली पार्क |
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4. | जंगल सफारी ( रायपुर ) |
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5. | गजराज संरक्षण |
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6. | भालू ( जामवंत ) संरक्षण |
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मुख्य बिंदु
- बारनवापारा अभ्यारण्य को ब्रिटिश लोग विकसित किये है।
- अजगर (पायथन – रेटिक लेटिंग) सरगुजा में पाया गया है ।
- छ.ग. में सबसे अधिक बाँस-लाठी बास (नरबॉस) है।
- छ.ग. में बॉस 6556 वर्ग km. व लघु वनोपज राजस्व 20% है।
- देश के कुल तेन्दुपत्ता का 17% छ.ग. में उत्पादित होता है।
- तेन्दुपत्ता को ग्रीन गोल्ड (हरा सोना) कहते है।
- एक राष्ट्रीयकृत वनोपज है तेन्दुपत्ता।
- तेन्दुपत्ता का समर्थन मूल्य 2500 रू. प्रति बोरा लिया जाता है।
- एक मानक बोरा में 50,000 तेन्दू पत्तियाँ रखी जाती हैं।
- बूटा कटाई व शायरी कर्तन तेन्दुपत्ता संग्रहण को कहते है।
- लाव – पलाश, कुसुम, अरगह पेड़ में अधिक होती है।
- लाख उत्पादन में देश में दूसरा स्थान है छत्तीसगढ़ का ।
- छ.ग. में खैर पेड़ से कत्था बनाया जाता है।
- रतनजोत (बकरडा) से बायोडीजल बनता है छ.ग. में ।
- ‘छ.ग. में कोसा अर्जुनी पेड़ में अधिक पाया जाता है।
- कोसा का अन्य नाम – 1. रैली 2. लरिया, 3. बरक
- रेशम परियोजना जापान बैंक के द्वारा बिलासपुर संभाग में चलाया जा रहा है।
- छ.ग. में उष्ण कटिबंधीय शुष्क वन 51.65% है।
- छ.ग. में उष्णकटिबंधीय आई वन 47.35% है।
- साल पेड़ का उच्च किस्म केशकाल में पाया जाता है।
- झूमिंग व पेड़ा पद्धति जंगल काटकर सुखेन को छोड़ना होता है।
- मालिक मकबूजा कांड का संबंध वृक्षों के नियम विरुद्ध कटाई से है।
- वन अपराध की सूचना देने पर पुरस्कार 1500 रू. मिलता है।
- अवैध शिकार की सूचना देने पर पुरस्कार है 5 से 10 हजार तक।
- एशिया का सबसे बड़ा इमली मंडी जगदलपुर है।
- छ.ग. राज्य औषधि बोर्ड का गठन 28 जुलाई 2004 को हुआ था।
- 2010 में “हरियर छ.ग. योजना” चालू किया गया है छ.ग. में ।
- छ.ग. में 2008 में निशुल्क चरण पादुका योजना चालू हुआ है।
- दीयासलाई (माचिस) सेमल (सेमर) के पेड़ से बनाया जाता है।
- सागौन के पेड़ से गोद नहीं बनता है।
- छ.ग. शासन वन विभाग द्वारा सामाजिक वानिकी का संचालन करता है।
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