छत्तीसगढ़ वन संसाधन Chhattisgarh Van Sansadhan Chhattisgarh Me Van Sansadhan
वन प्रशासन( घटते क्रम में )
वन मंत्रालय ( वन विकास निगम का गठन 30 अप्रैल 2001)
सचिवालय ( PCCF )->Principal chief conservator of forests
निदेशालय ( CCF)->Chief conservator of forests
DFO ->District forest officer ( IFS की ट्रेनिंग लाल बहादुर शास्त्री अकादमी , मसूरी उत्तराखंड में होता है )
SDO-> sub divisional officer
रेंजर
डिप्टी रेंजर ( ट्रेनिंग – जगदलपुर में होता है )
फारेस्ट गॉर्ड ( ट्रेनिंग – सक्ति, महासमुंद , जगदलपुर में होता है )
वन
- छत्तीसगढ़ में मानसूनी पतझर वनस्पति पाए जाते है .
- छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 135194 वर्ग कीमो है .
- छत्तीसगढ़ के कुल वन क्षेत्रफल 59772 वर्ग कीमो है . 44.21%
- छत्तीसगढ़ के कुल क्षेत्रफल का 43.80% है .
- देश के कुल क्षेत्रफल का 7.46% है .
- वन क्षेत्रफल के हिसाब से छत्तीसगढ़ देश में तीसरा स्थान है .
- १.मध्यप्रदेश
- २.अरुणाचल प्रदेश
- ३.छत्तीसगढ़
- जिला में सर्वाधिक वन -> बीजापुर
- जिला में काम वन -> रायपुर
- % में सर्वाधिक वन -> रायपुर
छत्तीसगढ़ में वन मंडल , वृत्त
- परियोजना मंडल:– छत्तीसगढ़ में वन परियोजना मंडल ८ है .
- हर्बल वन मंडल:- हर्बल वन मंडलो की संख्या 7 है । 1.बिलासपुर 2.मरवाही 3.कोरिआ 4.धरमजयगढ़ 5.धमतरी 6.भानुप्रतापुर 7.जगदलपुर ।
- सयुंक्त वन प्रबंधन:- सयुंक्त वन प्रबंधन के अंतर्गत 23.3 लाख हेक्टेयर छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत है ।
- वन मंडल:- छत्तीसगढ़ में वन मंडलो की संख्या 34 है ।
- उपवन मंडल :- छत्तीसगढ़ में वन मंडलो की संख्या 82 है ।
- वन वृत्त :- छत्तीसगाह में वन वृत्त 7 है । सरगुजा , बिलासपुर ( सबसे बड़ा ) , रायपुर , दुर्ग ( सबसे छोटा ), कांकेर , बस्तर , रायगढ़
हर्बल स्टेट घोषित
- 4 july 2001 को छत्तीसगढ़ को हर्बल स्टेट घोसित किया गया .
- 6 पेड़ो को राष्ट्रीयकृत वनोपज का दर्जा दिया गया ।
- 1.साल 2.सागौन 3.साजा 4.शीशम 5.खैर 6.बीजा
- छत्तीसगढ़ में 13 पेड़ो को मुख्या वनोपज का दर्जा मिला है ।
छत्तीसगढ़ में वनो का वर्गीकरण
आरक्षित वन (वनाच्छादित) | संरक्षित वन | अवर्गीकृत व खुला वन | |
क्षेत्रफल | 25782 वर्ग कीमो | 24036 वर्ग कीमो | 9954 वर्ग कीमो |
प्रतिशत | 43.13% | 40.21% | 16.66% |
पहचान | मानवीय गतिविधिया पूर्णतः प्रवेश वर्जित है । | लाइसेंस के द्वारा वनो का दोहन किया जा सकता है । | गरीबो का चला जलता है । |
पेड़ो का वर्गीकरण
प्रकार | साल वन | सागौन वन | मिश्रित वन | कार्य अयोग्य |
प्रतिशत | 40.56% | 9.42% | 43.53% | 6.50% |
क्षेत्रफल | 260180 | 24245 | 5633 | 3876 |
जीवो को बचने के लिए वर्गीकरण
बायोस्फियर रिज़र्व | राष्ट्रीय उद्यान | अभ्यारण्य |
1 | 3 | 11 |
जीवो , मृदा एवं वनस्पतियो का संरक्षण एवं सवर्धन होता है । | जीवो व वनस्पतियो का संरक्षण एवं सवर्धन होता है । | सिर्फ जीवो का संरक्षण एवं सवर्धन होता है । |
छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यान
केन्द्र स्तर पर वन्य जीवों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की जाती |
- राष्ट्रीय उद्यान वन्य जीवों के संवर्धन के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है।
- राष्ट्रीय उद्यान, आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
- वर्तमान में छग. में 3 राष्ट्रीय उद्यान स्थापित है।
1.इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान (Indravati National Park)
- स्थापना- 1978 (छ.ग. का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान)
- स्थान- बीजापुर
- क्षेत्रणल- 1258 वर्ग किमी कोर क्षेत्र (कुत क्षेत्र 2799 वर्ग किमी)
- प्रमुख जीव. – बाघ (टाईगर)
- छ.ग. का एकमात्र कूटरू गेम सेंचुरी (बीजापुर) इसी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान के मध्य में इंद्रावती नदी प्रवाहित होती है।
- राज्य का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान जिसे प्रोजेक्ट टाईगर (1983) घोषित किया गया है।
- प्रदेश सरकार ने 2009 में यहां टाइगर रिजर्व लागू किया।
2.गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (Guru Ghasidas National Park)
- स्थापना. -1981
- पुराना नाम – संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान
- स्थान. – कोरिया व सूरजपुर
- क्षेत्रफल. – 1441 वर्ग किमी. (सबसे विस्तृत है)
- प्रमुख जीव. नीलगाय, बाघ, तेंदुआ, सांमर आदि।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से छग. का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान।
- गठन के समय संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से गठित हुआ था और वर्ष 2000 में संजय गांधी से गुरू घासीदास कर दिया गया
3.कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (Kanger Valley National Park)
- स्थापना – 22 जुलाई 1982
- स्थान – बस्तर
- क्षेत्रफल – 200वर्ग किमो
- प्रमुख जिव – पहाड़ी मैना उड़ान गिलहरी
- यह राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
- इस उद्यान में भैसदारहा नामक स्थान पर प्रकिर्तिक रूप से मगरमच्छ पाए जाते है।
- वर्ष 1982 में इसे एशिया का पहला बायोस्फियर घोषित किया गया था लेकिन वर्तमान में यह लागु नहीं है।
- कांगेर घाटी के बीचो बिच कांगेर नदी बहती है इस कारण इसका नाम कांगेर घाटी पड़ा।
- छग की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का संरक्षर किया गया है।
- कांगेर घाटी में उड़ान गिलहरी एवं रिसस बन्दर पाए जाते है।
- कांगेर घाटी में कुटुम्ब्सर गुफा स्थित है जिसमे अंधी मछली पाई जाती है। ( मछली का नाम-शंकराइज)
छत्तीसगढ़ के अभ्यारण्य
क्र . | अभ्यारण्य | जिला | स्थापना वर्ष | क्षेत्रफल | |
1. | तमोरपिंग्ला (सबसे बड़ा ) ( सर्वाधिक नीलगाय ) | सूरजपुर | 1978 | 608 वर्ग किमी | |
2. | सेमरसोत | बलरामपुर | 1978 | 430 वर्ग किमी | |
3. | बादलखोल (सबसे छोटा) | जसपुर | 1975 | 105 वर्ग किमी | |
4. | गोमरदा | रायगढ़ | 1975 | 278 वर्ग किमी | |
5. | बारनवापारा ( सर्वाधिक सर्प ) | महासमुंड़ | 1976 | 245 वर्ग किमी | |
6. | उदंती ( सर्वाधिक वन भैसा व मोर ) ( मादा वन भैसा – दीपआशा ) | गरियाबंद | 1983 | 230 वर्ग किमी | |
7. | सीतानदी (सबसे प्राचीन) ( सर्वाधिक तेंदुआ ) | धमतरी | 1974 | 559 वर्ग किमी | |
8. | अचानकमार ( सर्वाधिक बाघ ) | मुंगेली | 1975 | 553 वर्ग किमी | |
9. | भोरमदेव (सबसे नवीन) ( सर्वाधिक गेंको ) | कवर्धा | 2001 | 163 वर्ग किमी | |
10. | भैरमगढ़ | बीजापुर | 1983 | 139 वर्ग किमी | |
11. | पामेड़ | बीजापुर | 1983 | 262 वर्ग किमी |
छत्तीसगढ़ में बायोस्फियर रिज़र्व
- यूनेस्को द्वारा 1979 में विश्व में प्रारम्भ हुआ था .
- 1885 में कांगेर घाटी को विश्व का प्रथम बायोस्फियर रिज़र्व घोषित किया गया था । ( अब नहीं है )
- छत्तीसगढ़ में एकमात्र बायोस्फियर रिज़र्व अचानकमार + लोरमी ( बिलासपुर ) में स्थित है ।
- यह 2005 में घोसित हुआ था ।
- यहाँ विलुप्त प्रजाति माउस डिअर देखा गया था ।
टाइगर रिज़र्व
क्र | इंद्रावती | बीजापुर | 2799 (एरिया) |
1. | अचानकमार | मुंगेली , बिलासपुर | 914 (एरिया) |
2. | उदंती सीतानदी | गरियाबंद , धमतरी | 1843 (एरिया) |
3. | गुरुघासीदास – तमोरपिंग्ला | कोरिया , सूरजपुर |
स्टेट ऑफ़ फारेस्ट रिपोर्ट – 2021
देश में सर्वाधिक वन आवरण वाले शीर्ष 3 राज्य 1. मध्य प्रदेश : 77493 वर्ग कि.मी. 2. अरूणाचल प्रदेश : 66431 वर्ग कि.मी. 3. छत्तीसगढ़ : 55716.6 वर्ग कि.मी.
- ISFR 2021 के अनुसार देश का कुल वनावरण 7,13,789 वर्ग कि.मी. है जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 21.71% है।
- ISFR-2021 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुल बनावरण 55716.6 वर्ग कि.मी. है जो छत्तीसगढ़ की कुल भूमि का 41.21% है. यह देश के कुल वनावरण का 7.80% है।
- ISFR 2021 के अनुसार छत्तीसगढ़ में कुल वन क्षेत्र 59816 वर्ग कि.मी. है जो छत्तीसगढ़ की कुल भूमि का 44.25% है. यह देश के कुल वन क्षेत्र का 7.71% है।
एक नजर में छत्तीसगढ़ में वन एवं वृक्ष आवरण
विवरण | क्षेत्र Sq.km. | प्रतिशत में |
वन क्षेत्र – | 59816 | 44.25% |
वनावरण – | 55716.6 | 41.21% |
राज्य में रिकॉर्डेड वन
- राज्य में रिकॉर्डेड वन का क्षेत्रफल : 59816 वर्ग कि.मी.
- प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का प्रतिशत : 44.25%
- देश के कुल वन क्षेत्र का प्रतिशत : 7.71%
परीक्षाओं में पूछे गए महत्वपूर्ण तथ्य : वन
- छत्तीसगढ़ का सर्वोत्तम सागौन खुरसेल घाटी में पाया जाता है।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित कुटुमसर गुफा, तीरथगढ़ जलप्रपात के निकट स्थित है।
- कटघोरा, कोरबा, धरमजयगढ़ तथा सरगुजा वनमंडलों को मिलाकर लेमरू हाथी रिजर्व निर्मित किया जा रहा है।
- ISFR-2019 के अनुसार छत्तीसगढ़ के 41.14% भू-भाग पर वनावरण था। ISFR- 2021 के अनुसार यह आंकड़ा 41.21% है।
- छत्तीसगढ़ राज्य के कुल वनोच्छादन में 43.13% आरक्षित वन हैं।
- वन आवरण के आधार पर छत्तीसगढ़ का भारत में तीसरा स्थान है।
- प्रथम छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम रायपुर में स्थापित किया गया।
- अचानकमार, इंन्द्रावती, सीतानदी- उदन्ती राज्य के टाइगर रिजर्व हैं जबकि गुरू घासीदास – तमोर पिंगला प्रदेश का नवीनतम टाइगर रिजर्व हैं।
- वन क्षेत्र की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का देश में तीसरा स्थान है।
- छत्तीसगढ़ के कुल वन क्षेत्रफल के 40.56% भू भाग पर साल वन पाया जाता है।
- साल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है।
- बस्तर को साल वनों का द्वीप कहा जाता है कोमलनार एवं मंगनार क्षेत्र के साल वृक्ष नेपाल की तराई के साल वृक्षों के समान माने जाते हैं।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य तमोरपिंगला है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी, यह बलरामपुर जिले में है।
- तेंदूपत्ता को हरा सोना कहा जाता है।
- एक मानक बोरा में 50000 तेंदूपत्ता रखे जाते हैं।
- प्रजातीय आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य के वनों में पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष सागौन एवं साल है।
- बस्तर को साल वनों का द्वीप कहा जाता है कोमलनार एवं मंगनार क्षेत्र के साल वृक्ष नेपाल की तराई के साल वृक्षों के समान माने जाते हैं।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य तमोरपिंगला है। इसकी स्थापना 1978 में हुई थी, यह बलरामपुर जिले में है।
- साल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है।
- तेंदूपत्ता को हरा सोना कहा जाता है।
- एक मानक बोरा में 50000 तेंदूपता रखे जाते हैं।
- प्रजातीय आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य के वनों में पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष सागौन एवं साल हैं।
- छत्तीसगढ़ में साल प्रजाति के वन अधिकतर क्षेत्रों में विस्तृत हैं। राज्य के कुल वन क्षेत्रफल में इनका प्रतिशत 40.56 है।
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान (बीजापुर), कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (बस्तर) तथा गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान (कोरिया, सूरजपुर) इस राज्य में स्थित राष्ट्रीय उद्यान हैं। संजय राष्ट्रीय का अविभाजित मध्यप्रदेश में था, जिसका कुछ हिस्सा वर्तमान छत्तीसगढ़ में आता है।, छत्तीसगढ़ के हिस्से को नया राज्य बनने के बाद 2002 में नाम बदलकर गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान गया है।
- सूरजपुर तथा कोरिया जिले में विस्तृत गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल राज्य के अन्य राष्ट्रीय उद्यानों से अधिक है , इसका कुल क्षेत्रफल 1441 वर्ग किलोमीटर है।
- बलौदाबाजार जिले में स्थित बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य का नाम उस क्षेत्र में स्थित वन्य ग्रामों के नाम पर रखा गया है।
- वनाच्छादन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य का भारत में तीसरा स्थान है।
- अचानकमार अभ्यारण को एशिया का प्रथम बायोस्फियर रिजर्व घोषित किया गया था।
- इंद्रावती को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा 1982 में प्राप्त हुआ था तथा 1983 से यह प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत सम्मिलित है। वर्ष 2009 में राज्य शासन द्वारा उसे टाइगर रिजर्व भी घोषित किया गया है।
- वनाच्छादन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य का भारत में तीसरा स्थान है।
- हाल ही में भारतीय मूषक हिरण (मौशिओला इंडिका) गरियाबंद जिले के सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में देखा गया।
- गेको एक सरीसृप है, जिसकी एक नई प्रजाति भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण्य में पाई गई है।
- प्रजाति वर्गीकरण को दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य में साल वनों का विस्तार सर्वाधिक 40.56% है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान है।
- राज्य का प्रथम वन्य जीव अभ्यारण्य सीतानदी, धमतरी जिले में स्थित है। इसको स्थापना वर्ष 1974 में हुई थी।
- गोमरदा अभ्यारण रायगढ़ जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी।
- छत्तीसगढ़ राज्य में तीन राष्ट्रीय उद्यान तथा 11 वन्य जीव अभ्यारण्य में स्थित हैं।
- गरियाबंद जिले में उदंती अभ्यारण्य, इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान, पामेड अभ्यारण्य तथा भैरमगढ़ अभ्यारण्य बीजापुर जिले में स्थित है।
- बस्तर जिले के कांगेर घाटी क्षेत्र में भैसादरहा नामक झील स्थित है। यह मगरमच्छों के प्राकृतिक शरण स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
- बस्तर जिले को साल वनों का द्वीप कहा जाता है।
- ISPR-2021 के अनुसार छत्तीसगढ़ में रिकॉर्ड वनक्षेत्र 59816 वर्ग किलोमीटर तथा वनावरण 55716.7 वर्ग किलोमीटर है।
- छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अभ्यारण्य तमोरपिंगला है। यह सूरजपुर जिले में स्थित है।
- सेमरसोत अभ्यारण्य बलरामपुर जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1978 में की गई थी।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा अभ्यारण्य तमोरपिंगला (सूरजपुर) तथा सबसे छोटा अभ्यारण्य बादलखोल (जशपुर) है।
- बोजापुर जिले में स्थित राष्ट्रीय उद्यान का नाम इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी।
- गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कोरिया तथा सूरजपुर जिला में विस्तृत है। इसका पूर्व नाम संजय राष्ट्रीय उद्यान था।
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान बस्तर जिले में स्थित है। इसकी स्थापना 1982 में हुई थी, यह राज्य का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है।
- 1975 में स्थापित बादलखोल अभ्यारण्य जशपुर जिले में स्थित है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे छोटा वन्यजीव अभ्यारण्य है।
- कुटरु गेम सेन्चुरी बीजापुर जिले में स्थित है।
- अचानकमार अमरकंटक एक बायोस्फीयर रिजर्व, गुरु घासीदास एक राष्ट्रीय उद्यान सीतानदी तथा सेमरसोत वन्य जीव अभ्यारण्य है।
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1983 से प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत है। राज्य शासन द्वारा 2009 से इसे टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है।
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