विद्यार्थीओ आज हम आपको छत्तीसगढ़ में खनिज उत्पादन Chhattisgarh Me Khanij Utpadan छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधन Chhattisgarh me Khanij sansadhan छत्तीसगढ़ में खनिज सम्पदा Chhattisgarh me khanij sampada अदि सभी चीजों को बारे में आज विस्तृत जानकारी देंगे , जिससे आप नोट्स भी बना सकते है ।
छत्तीसगढ़ में खनिज
छत्तीसगढ़ में खनिज
- 2020-21 में भारत में उत्पादित खनिज के मूल्य में राज्य का योगदान 17.69 प्रतिशत है.
- छत्तीसगढ़ टिन का देश में एकमात्र उत्पादक राज्य है.
- राज्य में दुनिया की बेहतरीन लौह अयस्क खदानों में से एक बैलाडीला खदान है. छत्तीसगढ़ का लगभग 27% राजस्व, खनिज से प्राप्त होता है।
- कुल खनिज राजस्व का 95% मुख्य खनिजों से प्राप्त होता है.
- मुख्य खनिज राजस्व कोयला, चूना पत्थर, लौह अयस्क, बॉक्साइट से आता है, वर्ष 2020-21 में मुख्य खनिजों से 4676.08 करोड़ रूपए आय हुई, वहीं गौण खनिजों से इस अवधि में 260.95 करोड़ रूपए आय हुई.
- वर्ष 2020-21 में खनिजों से रा 4676.08 करोड़ रूपए आय हुई,
- छत्तीसगढ़ एक खनिज संपन्न राज्य है ।
- छत्तीसगढ़ में 32 प्रकार की खनिजों की खोज की गई है ।
- जिसमे से 21 प्रकार की खनिजों का उत्खनन किया जा रहा है ।
- धात्विक खनिज दक्षिण भाग में पाया जाता है ।
- अधात्विक खनिज उत्तर भाग में पाया जाता है ।
- छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक प्रकार के खनिज बस्तर में पाया जाता है ।
- छत्तीसगढ़ खनिज पट्टो का आबंटन करने वाला देश में प्रथम है ।
- भारत में उतप्दित खनिज के मूल्य में राज्य का योगदान 8.2% है ।
- छत्तीसगढ़ में कुल राजस्वा का 27% राजेस्वर खनिज से प्राप्त होता है ।
सर्वाधिक मूल्य का खनिज :-
- कोयला
- लोहा
सर्वाधिक मूल्य का खनिज भण्डारण :-
- लोहा
- कोयला
- देश में खनिज उत्पादन की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का स्थान :- तीसरा है ।
- देश में खनिज राजस्वा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का स्थान :- दूसरा है ।
- खनिज विकास निगम 7 जून 2001 गठन ।
- प्रदेश में उद्योगों का आधार :- लोहा
- फार्म की रोटी :- कोयला
- फार्म की जलवायु :- बिजली
छत्तीसगढ़ में खनिज भण्डार
- छत्तीसगढ़ खनिज संपदा की दृष्टि से संपन्न है. राज्य में 28 मुख्य प्रकार के खनिजों का भण्डारण है जिसमें 20 प्रकार के खनिजों का खनन, विपणन किया जाता है.
- खनिज उपलब्धता की दृष्टि से छत्तीसगढ़ राज्य का देश में तृतीय स्थान है.
देश के खनिज उत्पादन में छत्तीसगढ़ का हिस्सा
खनिज | हिस्सेदारी % में वर्ष 2020-21(फरवरी तक) |
कोयला | 21.09% |
लौह अयस्क | 17.61% |
टिन | 100.00% |
बाक्साइट | 3.57% |
चूना पत्थर | 11.70% |
छत्तीसगढ़ के मुख्य खनिज उत्पादक जिले
1. कोयला | कोरबा |
2. लौह अयस्क | दंतेवाड़ा |
3. चूना पत्थर | बलौदा बाजार |
4. डोलोमाइट | बिलासपुर |
5. बॉक्साइट | सरगुजा |
6. टिन | दंतेवाड़ा |
छत्तीसगढ़ के सभी खनिज
कोयला
- अनुमानित भण्डार : 56,036 मिलियन टन
- देश के भंडार का: 18.15% (भण्डारण में देश में तीसरा स्थान)
- देश के उत्पादन का: 21.09%
- शैल समूह : गोंडवाना शैल समूह
- कोयला प्रकार : बिटुमिनस
- खननकर्ता : एस.ई.सी.एल. (मुख्यालय- बिलासपुर)
- खनिज राजस्व : राज्य में सर्वाधिक खनिज राजस्व कोयला से आता है
- सेमी कोकिंग कोल : सोनहट क्षेत्र से
- उत्तम श्रेणी का कोयला : विश्रामपुर, कुरासिया – झिलमिली क्षेत्र
प्राप्ति स्थल :-
1.कोरबा- कोरबा, गेवरा, दीपिका, हसदो – रामपुर, कुसमुंडा,
2.कोरिया- चिरमिरी, कुरासिया, सोनहट, चरचा, झिलमिली
3.सरगुजा-लखनपुर
4.सूरजपुर- विश्रामपुर, रामकोला,
5.रायगढ़ – रायगढ़, खरसिया, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ क्षेत्र
- खनिज राजस्व का 50% कोयला से प्राप्त होता है ।
- सर्वाधिक राजस्व कोयला से मिलता है ।
- छत्तीसगढ़ का कोयला बिटुमिनस प्रकार का है ।
- कोयला गोंडवाना चट्टान से मिलता है ।
- छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में पाया जाता है ।
- कुसमुंडा , गेवरा माइंस , यंत्रीकृत कोयला खान है ।
- छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी भूमिकृत कोयला खान कोरबा में है ।
- मांड नदी , रायगढ़ क्षेत्र सबसे बड़ा भंडार कोयला का है ।
- कोयला को काला हीरा कहते है ।
- कोयला का उत्पाद – 20.43%
- कोयला का भण्डारण – 17.45%
- हसदेव घाटी , रामपुर कोयला क्षेत्र बिलासपुर से सरगुजा तक है ।
- सेमी कोल कोकिंग सोनहत से प्राप्त होता है ।
- सबसे सुरक्षित भूमिगत खदान सोनहत है ।
भारत में | छत्तीसगढ़ में | ||||
क्रमांक | भण्डारण | उत्पादन | क्रमांक | भण्डारण | उत्पादन |
1. | झारखण्ड | झारखण्ड | 1. | रायगढ़ | झारखण्ड |
2. | ओडिशा | छत्तीसगढ़ | 2. | कोरबा | छत्तीसगढ़ |
3. | छत्तीसगढ़ | ओडिशा | 3. | सूरजपुर | ओडिशा |
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में सर्वाधिक कोयला पाया जाता है
- रायगढ़ :- तमनार , खरसिया , रायगढ़ , घरघोड़ा , धरमजयगढ़ , छाल क्षेत्र अदि ।
- कोरबा :- कुसमुंडा , दीपका , गेवरा , मानिकपुर , रामपुर , सैला ।
- सूरजपुर :- बिश्रामपुर , रामकोला ।
- बिलासपुर :- हसदो , रामपुर क्षेत्र ।
- सरगुजा :- मांड छाती , लखनपुर , बीरजुपली ।
- कोरिया :- मनेन्द्रगढ़ , बैकुंठपुर , चिरमिरी ( पूरा कोरिया )
- बलरामपुर :- सामरी पथ , शंकरगढ़ , तातापानी क्षेत्र ।
- जशपुर :- पदारपथ बगीचा क्षेत्र
लौह अयस्क
- अनुमानित भण्डार : 4031 मिलियन टन
- देश के भंडार का : 19.59%
- देश के उत्पादन का : 17.61%
- शैल समूह : धारवाड़
- लौह अयस्क प्रकार : हेमेटाइट
- खननकर्ता : NMDC एवं BSP
- बैलाडीला मालेंगर क्षेत्र : विश्व के श्रेष्ठ लौह भंडार में एक
- प्रथम खनन संयंत्र : किरंदुल , 1968
- बैलाडीला से निर्यात : जापान, चीन (विशाखापट्टनम पोर्ट से)
- दल्ली राजहरा : भिलाई स्टील प्लांट में उपयोग
प्राप्ति स्थल:
1.दंतेवाड़ा- बैलाडीला
2.नारायणपुर- छोटे डोगर
3.बालोद दल्ली राजहरा , डोडीलोहारा क्षेत्र
4.कवर्धा-एकलामा
5.कांकेर -रावघाट , हालालड़ी , अरीडोगरी, चारगाँव, मेटबोलदी
6.राजनांदगांव- बोरिया टिब्बू
- कुल खनिज राजस्व का 823 करोड़ रुपये लोहा से प्राप्त होता है .
- दूसरे नंबर का राजस्व प्रतप्त होता हिअ । ( प्रथम कोयला )
- लोहा दक्षिण भाग में मिलता है ।
- लोहा धारवाड़ छत्तं में मिलता है ।
- छत्तीसगढ़ का लोहा हेमेटाइट प्रकार का है ।
- लोहा का उत्पादन 15.77% होता है ।
- लोहा का भण्डारण 19.59% है ।
- भारत का सबसे बड़ा मशीनीकृत लोहा खदान बैलाडीला , दंतेवाड़ा है ।
- लोहा का खनन NMDC द्वार किया जा रहा है ।
- बैलाडीला के लोहा को जापान द्वारा विशाखापत्तनम के बंदरगाह से जापान ले जाया जा रहा है ।
- प्रथम खनन संयत्र :- किरंदुल ( 1968 )
- द्वितीय खनन संयत्र :- बचेली ( 1980 )
- तृतीया खनन संयत्र :- बैलाडीला ( 1988 )
- बैलाडीला में 14 डिवीज़न लगा हुआ है ।
भारत में | छत्तीसगढ़ में | ||||
क्रमांक | भण्डारण | उत्पादन | क्रमांक | भण्डारण | उत्पादन |
1. | झारखण्ड | कर्णाटक | 1. | दंतेवाड़ा | दंतेवाड़ा |
2. | ओडिशा | छत्तीसगढ़ | 2. | कांकेर | बालोद |
3. | छत्तीसगढ़ | ओडिशा | 3. | कवर्धा | कांकेर |
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में सर्वाधिक कोयला पाया जाता है
- दंतेवाड़ा :- किरंदुल , बचेली , बैलाडीला
- नारायणपुर :- छोटे डोंगरे
- कांकेर :- राजघाट , आरी डोंगरी , कॉलमसार , मेटा बदले
- राजनांदगाव :- बोरिया टिब्बू
- कवर्धा :- एकलमा
- बालोद :- दल्ली राजहरा , डौंडी ( डौंडी लोहरा नहीं )
बॉक्साइट
- देश के उत्पादन का : 3.57%
- शैल समूह : दक्कन ट्रेप
प्राप्ति स्थल:-
1.सरगुजा-मैनपाट,
2.बलरामपुर- सामरीपाट, जमीरापाट क्षेत्र,
3.जशपुर- पण्डरापाट
4.कवर्धा- बोदई, दलदली, केशमारदा, मुंडादादर, समसेटा
5.बस्तर- आसना- तारापुर
6.कोरबा- फुटका पहाड़ क्षेत्र, पवनखोड़ा पहाड़
7.कांकेर- अंतागढ़- केशकाल क्षेत्र
- भारत में बॉक्साइट उत्पादन में 5 वा स्थान है ।
- बॉक्साइट एल्युमीनियम का अयस्क है ।
- यहाँ दक्कन ट्रैप व् खेदार छत्तनो में पाया जाता है ।
- यह मैनपाट सरगुजा क्षेत्र में पाया जाता है ।
- बॉक्साइट का भण्डारण :- 4% होता है ।
- बॉक्साइट का उत्पादन :- 7% होता है ।
bauxite mine in chhattisgarh - मैनपाट से बालको को कच्चा मॉल जाती है
प्रमुख खदाने
क्रमांक | जिला | जिले के अंदर स्थान |
1. | सरगुजा | मैनपाट, पेरला ,पर्पटिया, उरंगा ,डांड के सार क्षेत्र । |
2. | बलरामपुर | सामरी पैट , जमीर पैट |
3. | जशपुर | पंडरा पाट, पेंड्रा पाट |
4. | कोरबा | पुटका पहर , पवन खेड़ा , केरवा पहाड़ |
5. | कवर्धा | दलदली |
6. | बस्तर | क़ुदरवाही , तरपुट , आसना |
7. | कोंडागांव | केशकाल घाटी . |
क्या आप जानते है :- भारत में खनिजों का क्रम :- प्रथम :- तीन , डोलोमाइट , अलेक्जेंड्राइट दूसरा :- लोहा , कोयला पांचवा :- बॉक्साइट सातवा :- चुना पत्थर |
चूना पत्थर
- देश के उत्पादन का : 11.70%
- शैल समूह : धारवाड़
प्राप्ति स्थल:-
1.रायपुर- तिल्दा, मांढर, बैकुण्ठ
2.बलौदाबाजार- भाटापारा, गैतरा, झिपन, करही, अमलीडीह, चंडी, बिलाईगढ़
3.जांजगीर-चांपा अकलतरा, अरसमेटा, बरगंवा, चिल्हाटी
4.दुर्ग- नंदिनी- खुंदिनी, सेमरिया, अछोली, जामुल पथरिया
5.रायगढ़- खरसिया, सारंगढ़, झापरडीह क्षेत्र
6.बस्तर- मांझी डोंगरी, देवरापाल, पोतनारबाराजी
7.राजनांदगाँव- चारभाठा क्षेत्र
- चुना पत्थर छत्तीसगढ़ के मध्य भाग में पाया जाता है ।
- यहाँ कडप्पा चट्टान में मिलता है ।
- चुना पत्थर का भण्डारण :-4.84%
- चुना पत्थर का उत्पादन :-9.07%
- भारत में चुना पत्थर उत्पादन में 7 वा स्थान है ।
- चुन पत्थर डोलोमाइट का अयस्क है
- चुना पत्थर अवसादी चट्टान है ।
- चुना पत्थर सीमेंट का कच्चा मॉल है ।
- चुना पत्थर का सर्वाधिक भण्डारण बलोदा बाजार में है ।
प्रमुख खदाने
क्रमांक | जिला | जिले के अंदर स्थान |
1. | बलोदा बाजार | झिपन बारही, भाटापारा , सोनाडीह , हिरना |
2. | रायपुर | बैकूडन, मांढर, तिल्दा, केसला , देवगों , कुर्रा , |
3. | दुर्ग | नंदनी – खुदनी ( BSP को पूर्ति ) जामुल । |
4. | राजनांदगाव | चारभाठा ,भटगांव ,टेकापार, कल्कसा । |
5. | कवर्धा | रंजीतपुर , |
6. | बिलासपुर | चिल्हारी |
7. | जांजगीर चंपा | अकलतरा , ढाबाडीह , अरसमेटा |
8. | रायगढ़ | खरसिया |
9. | बस्तर | मांझी डोगरी , कांगेर घाटी , तिरिआ मच कोटा |
हीरा
- अनुमानित भण्डार : 13 लाख कैरेट
- देश के भंडार का : 4.07%
- शैल : गरियाबंद, बस्तर के किम्बरलाइट पाईप
प्राप्ति स्थल :-
1.गरियाबंद- ग्रेवल जोन, पायलीखण्ड, जांगड़ा, कोदोमाली, कोसमगुड़ा, बेहराडीह टेम्पल क्षेत्र
2.बस्तर- तोकापाल क्षेत्र
- हीरा किम्बरलाइट चट्टानों में पाया जाता है ।
- यहाँ कार्बन का अपर रूप है ।
- हीरा का सर्वाधि क भंडार गरियाबंद जिला में है ।
- भारत के हीरा भण्डारण में छत्तीसगढ़ का 28% योगदान है ।
- हीरा का उत्पादन राज्य खनिज विकास निगम द्वारा किया जाता है ।
- हीरा का भण्डारण :- 13 लाख कैरेट .
- हीरा का उत्पादन :- 4% होता है ।
- मैनपुर हीरा खदान को खुलने में लगभग 8 वर्षो का समय लगेगा .
गरियाबंद :- मैनपुर , बेहराडीह , कोसम मुदा , कोदोमली , पायलीखंड , जगदा
बस्तर :- तोकापाल नवीन क्षेत्र
महासमुंद :- पिथौरा
रायगढ़ :- सारंगढ़
सोना
- भूमिगत भण्डार:-
1.बलौदाबाजार- सोनाखान क्षेत्र,
2.कांकेर- मिचगाँव, सोनादेही,
3.महासमुंद – रेहटीखोल-लिमुआगुड़ा
4.जशपुर- बरजोर-तपकरा क्षेत्र,
5.रायगढ़ – सोनझरिया आदि - नदियों में प्राप्ति : शबरी नदी, ईब, अमोर नदी
- सोना का भण्डारण :- 1 मिलियन टन है ।
- सोना अयस्क व सोना धातु दोनों का खनन हो रहा है ।
बलौदाबाजार :- सोनाखान , देवरी
महासमुंद :- रेहरीखोल , लिंगधा , मंदापहान
कांकेर :- सोना देहि , माचगाओं
राजनांदगाव :- टप्पा
रायगढ़ :- सोन झरिया ( सबसे बड़ा सोने की खदान )
जशपुर :- बनजोर, तपकरा
कोरण्डम
- बीजापुर : भोपालपट्टनम, कुचनूर
- सुकमा : कोंटा, सोनाकुकनार
अन्य नाम :-
1.नीला कोरण्डम- नीलम (उपयोग- रत्न, आभूषण में)
2.लाल कोरण्डम- माणिक्य (उपयोग- रत्न, आभूषण में)
- ऑक्साइड : एल्युमिनियम का आक्साइड, दूसरा सबसे कठोर तत्व
- संयंत्र : कटिंग, पॉलिशिंग संयंत्र, बस्तर
प्राप्ति स्थल;-
1.बीजापुर-कुचनूर, उल्लूर, चिकुदापल्ली, भोपालपट्टनम, घांगल
2.सुकमा – सोना कुकनार, कोंटा
- कोरण्डम एल्युमीनियम का अयस्क है ।
- कोरंडम पारदर्शिता होता है । ( सीसा की तरह होता है )
- कठोरता में दूसरा अधातु है । ( प्रथम हिरा )
- कोरण्डम को नीलम व माणिक ( लाल कोरंडम ) कहते है ।
बीजापुर :- भोपालपट्टनम , कुचनूर , ढंगोल , सेन्द्र , उसूर
सुकमा :- सोना कूकनर , कोंटा
अलेक्जेन्ड्राइट
- क्षेत्र : सैदमुड़ा, लाटापारा तह. देवभोग जि. गरियाबंद
- विशेष : बहुमूल्य दुर्लभ खनिज, प्राकृतिक हीरा मात्र साइबेरिया (रूस) में ही मिलता है.
- प्राप्ति स्थल : गरियाबंद- सेंदमुड़ा क्षेत्र एवं बस्तर जिला
- भारत में सिर्फ छत्तीसगढ़ में मिलता है ।
- इसे गरीबो का अभिसप्त रत्न कहते है ।
- इसे गरीबो का सोना कहते है । ( सोने से काम नहीं गम जाये तो गम नहीं )
गरियाबंद :- देवभोग , सेन्दमुड़ा , लाटापारा
टिन
- भण्डारण : 37.60%
- उत्पादन : 100% (एकमात्र टिन उत्पादक राज्य)
- खननकर्ता : एनएमडीसी
- टिन संयंत्र : रायपुर में ( BARC द्वारा) एवं जगदलपुर में
प्राप्ति स्थल:-
दंतेवाड़ा– बचेली, कटेकल्याण, तोंगपाल
सुकमा–गोविन्दपाल, चीतलनार एवं कोंटा क्षेत्र
- भारत में टीन उत्पादन में छत्तीसगढ़ का प्रथा स्थान है ।
- टीन कैसिटराइट छत्तं में पाया जाता है । ( पल्सर चट्टान से )
- टीन का उत्पादन नंदक द्वारा किया जा रहा है ।
- टीन का भण्डारण व उत्पादन में दंतेवाड़ा का प्रथम स्थान है ।
- टीन भारत में सिर्फ छत्तीसगढ़ में पाया जाता है ।
- टीन का भण्डारण :- 100% है ।
- टीन का उत्पादन :- 37% होता है ।
डोलोमाइट
- बिलासपुर- हिर्रीमाइन्स क्षेत्र
- बस्तर- कमली तिरिया
- जांजगीर-चांपा- बाराद्वार, चांपा, डभरा, अकलतरा क्षेत्र
- भारत में डोलोमाइट उत्पादन में छत्तीसगढ़ का प्रथम स्थान है ।
- डोलोमाइट कडप्पा छत्तं में पाया जाता है ।
- यह मैग्नीशियम व् कैल्शियम का अयस्क है ।
- डोलोमाइट का सर्वाधिक भण्डारण हिर्रीमेंस ( बिलासपुर ) में हिअ ।
- डोलोमाइट का भण्डारण :- 11% है ।
- डोलोमाइट का उत्पादन :- 39% है ।
- हिर्री माइंस से BSP में kacha मॉल जाता है ।
जांजगीर चाम्पा:- अकलतरा , डीरा , बाराद्वार , पचरी
बस्तर :- कमली , माचकोट , कुरंडी , जीरगाओं , तिरिया
बिलासपुर :- बिल्हा , हिररिमाइस
बलोदा बाजार :- भाटापारा , पाटपारा
क्वार्टजाईट
- राजनांदगाँव – पनियाजोब एवं बोरतालाब
- बालोद- दानीटोला
यूरेनियम
- सूरजपुर-प्रतापपुर
- राजनांदगाँव- मोहला मानपुर क्षेत्र,भण्डारिटोला
- दंतेवाड़ा- बचेली
- रायगढ़ :- लैलूंगा
- यह एक परमणु खनिज है ।
- यहाँ विष्फोटक पदार्थ है ।
ग्रेफाइट
- यह धातु व अधातु दोनों होता है ।
- इसका प्रयोग पेंसिल में होता है ।
- बस्तर :- केरलापाल
ताम्बा
- बस्तर :- लोहांडीगुड़ा क्षेत्र
पेट्रोल
- बलरामपुर:- पूरा बलरामपुर जिला पाया जाता है ।
अभ्रक
- इसका प्रयोग चमकने वालो चीजों में किया जाता है ।
- बस्तर :- दरभाघाटी , गोलापल्ली, जीरमघाटी
- जशपुर :- जशपुर नगर क्षेत्र
ग्रेनाइट
- यह नीस चट्टान से प्राप्त होता है ।
- स्थान:- बस्तर , सरगुजा , कांकेर , राजनांदगाव , महासमुंद , रायपुर , में पाया जाता है ।
फ्लोराइट
- जिस क्षेत्र में फ्लोराइट पाया जाता है उस क्षेत्र के आदमी का दांत पीला हो जाता है , फ्लोराइट का यही पहचान है ।
- राजनांदगाव :- चंडीडोंगरी क्षेत्र ।
- महासमुंद :- चुरकुट्टा , मकरमुत्ता व घाट कछार
मैगनीज
- बिलासपुर :- बिलासपुर
- कांकेर :- कांकेर
एस्बेस्टस
- बस्तर एवं दुर्ग
गरमपानी
- यह खनिज तेल है।
- यहाँ 30MW बिजली उत्पादन किया जा रहा है ।
- यहाँ तातापानी बलरामपुर में पाया जाता है ।
खनिजों का क्रम
क्र | भण्डारण | उत्पादन | राजस्वा जिला |
1. | कोयला | कोयला | कोरबा |
2. | चुना | लोहा | दंतेवाड़ा |
3. | लोहा | चुना | बालोद |
4. | डोलोमाइट | डोलोमाइट | रायगढ़ |
गारनेट
- बीजापुर :- भोपालपट्टनम
- गरियाबंद :- लाटापारा , कदुएवं , धूपकोट , गेहिकासा
सीसा
- बिलासपुर :- बिलासपुर
- राजनांदगाव :- राजनादनागाओं
- दुर्ग :- दुर्ग
संगमरमर
- बस्तर एवं सुकमा
चाँदी
- राजनांदगाव :- टप्पा
कवार्टीज़
- दंतेवाड़ा : दंतेवाड़ा
- राजनांदगाव :- राजनांदगाव
मैथन
- कोरिया :- जिला में नवीन गैस भंडार प्राप्त होता है ।
छत्तीसगढ़ के उत्पादक क्षेत्र
क्र. | खनिज | छत्तीसगढ़ के उत्पादित क्षेत्र |
1. | मैगनीज | बिलासपुर, कांकेर , बस्तर , दंतेवाड़ा |
2. | बॉक्साइट | रायपुर, सरगुजा, बिलासपुर, कोरबा रायगढ़ ,बस्तर ,राजनांदगाव ,कबीरधाम |
3. | कोयला | कोरिया ,सरगुजा ,रायपुर, बिलासपुर रायगढ़ ,जसपुर |
4. | लौह अयस्क | सरगुजा, कांकेर ,बस्तर ,दंतेवाड़ा ,दुर्ग |
5. | ताम्बा | बस्तर, कांकेर ,राजनांदगाव ,दंतेवाड़ा बिलासपुर ,रायगढ़, कवर्धा |
6. | चुना पत्थर | रायपुर ,बिलासपुर, दुर्ग ,जांजगीर चंपा रायगढ़ ,जशपुर ,कांकेर, दंतेवाड़ा, बस्तर |
7. | डोलोमाइट | बिलासपुर ,दुर्ग ,रायपुर, बस्तर, रायगढ़ जांजगीर चंपा ,दंतेवाड़ा |
8. | अभ्रक | जगदलपुर ,बस्तर ,जसपुर, बिलासपुर |
9. | यूरेनियम | सरगुजा ,दुर्ग ,बिलासपुर |
10. | ग्रेफाइट | केरलापाल (बस्तर) |
11. | सीसा | बिचौली (दुर्ग), रायपुर, दंतेवाड़ा |
12. | हीरा | रायपुर ,बस्तर |
13. | सिलीमेनाइट | बस्तर ,दंतेवाड़ा |
14. | एस्बेस्टॉस | बस्तर ,दुर्ग |
15. | टीन | रायपुर |
16. | कोरण्डम | कुचनूर (बस्तर), रायपुर, दंतेवाड़ा |
17. | रंदेलुसाइट | नेतापुर (बस्तर) |
18. | गेरू | सरगुजा ,बस्तर, रायगढ़, राजनांदगाव |
19. | फ्लोराइट | राजनांदगाव ,रायगढ़ ,रायपुर |
20. | क्वार्टजाइट | राजनांदगाव, दंतेवाड़ा ,दुर्ग ,रायगढ़ |
21. | टीन अयस्क | बस्तर ,दंतेवाड़ा |
22. | क्वार्ट्ज़ | बस्तर ,बिलासपुर, दंतेवाड़ा |
23. | फेल्डस्पार | बिलासपुर, रायगढ़ |
24. | सोना | बस्तर ,सरगुजा ,राजनांदगाव, कांकेर ,दुर्ग ,जशपुर |
25. | बेरिल | बस्तर ,सरगुजा ,रायगढ़ ,रायपुर |
26. | टाल्क | बस्तर ,दुर्ग ,राजनांदगाव, सरगुजा |
27. | संगमरमर | बस्तर |
28. | चीनी मिट्टी | राजनांदगाव |
29. | क्ले | बस्तर ,बिलासपुर ,रायगढ़ |
30. | खनिज तेल | सरगुजा |
छत्तीसगढ़ खनिज से अब तक परीक्षा में पूछे गए प्रश्न
- छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक लौह अयस्क का उत्पादन दंतेवाड़ा जिले में होता है.
छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 27% राजस्व खनिजों के दोहन से खनिज राजस्व के रूप में प्राप्त हुआ है।
छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम की स्थापना 7 जून 2001 को की गई थी। इसका मुख्यालय रायपुर में स्थित है।
छत्तीसगढ़ राज्य में उत्खनित होने वाले खनिजों में कोयला मात्रा तथा मूल्य दोनों की दृष्टि से सबसे प्रमुख खनिज है।
दंतेवाड़ा जिला अपनी 6 खदानों से टिन का उत्पादन कर रहा है। छत्तीसगढ़ भारत में टिन का उत्पादन करने वाला एकमात्र राज्य है।
कोयला, लौह-अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर तथा टिन अपस्क छत्तीसगढ़ के मुख्य खनिज चूना पत्थर क्षेत्र कठिया पचरी रायपुर जिले में स्थित है।
लौह-अयस्क का उत्पादन में छत्तीसगढ़ का भारत में हिस्सा अधिक है। छत्तीसगढ़ टिन उत्पादन में देश का इकलौता राज्य है।
छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों में जिला खनिज संस्थान न्यास का गठन किया गया है।
खनन तथा उत्खनन क्षेत्र की भागीदारी इस राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में स्थिर कीमतों पर सबसे अधिक कमौ 2020-21 में आयी।
देश के कुल टिन उत्पादन का 100% उत्तीसगढ़ से उत्पादित होता है।
झीपन चूना पत्थर क्षेत्र सिमगा तहसील में स्थित है।
वर्ष 2017-18 में छत्तीसगढ़ के खनिज संपदा की राजस्व आय में मुख्य खनिज का 87.73 प्रतिशत हिस्सा है.
कोयला, चूना पत्थर, लौह-अयस्क, बॉक्साइट तथा टिन राज्य के गौण खनिज है।
गरियाबंद का पायलीखंड क्षेत्र हौरे के लिए, लाटापारा अलेक्जेंड्राइट के लिए और बलौदा बाजार का सोनाखान सोना प्राप्ति हेतु प्रसिद्ध है।
मैंगनीज खनिज का उत्खनन छत्तीसगढ़ में नहीं किया जाता। नवीनतम जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा के मुलमुला, सेंदरा, मूलिहाटोला तथा गरियाबंद जिले के हुए तथा परसोली क्षेत्र में मैंगनीज के भंडार पाए गए हैं।
इस राज्य में सर्वाधिक भंडार कोयले का है।
भिलाई स्टील प्लांट को लौह अयस्क को आपूर्ति बालोद जिले के दल्लीराजहरा खदानों से की जाती है।
छत्तीसगढ़ राज्य में उत्खनित होने वाले खनिजों में कोयला मात्रा तथा मूल्य दोनों में सबसे प्रमुख है।
छत्तीसगढ़ में ताम्र अयस्क के भंडार सूक्ष्म मात्रा में बीजापुर जिले के गिलगिचा, मोडेनार तथा इट्टेपाल क्षेत्र में पाए गए हैं। इनका उत्खनन व्यावसायिक तौर पर नहीं किया जा रहा है।
कोरबा जिले के गेवरा, दीपका एवं कुसमुंडा कोयला खदानों के लिए प्रसिद्ध हैं।
भारत के कुल लौह अयस्क भंडार का लगभग 19.59% (पांचवां भाग) छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है।
छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे अधिक उत्पादन कोयले का होता है। वर्ष 2017-18 में कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा स्थान था।
हीरा गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र में पाया जाता है, जबकि देवभोग क्षेत्र में अलेक्जेंड्राइट रत्न प्राप्त होता है।
दंतेवाड़ा जिले में लौह अयस्क के निक्षेप है। बिलासपुर डोलोमाइट तथा कोरबा और कोरिया जिले कोयले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले का मलाजखंड ताम्र अयस्क के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
टिन के उत्पादन में भारत में छत्तीसगढ़ का पहला स्थान है, छत्तीसगढ़ टिन का उत्पादन करने वाला एकमात्र राज्य है।
बालोद जिले के दल्लीराजहरा में हेमेटाइट खनिज पाया जाता है। हेमेटाइट लोहे का एक अयस्क है। उत्पादक राज्य है। दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण, पाड़ापुर, बचेली तथा
छत्तीसगढ़ टिन का एकमात्र सुकमा जिले के चिउरवाड़ा, गोविंदपाल, चिंतलनार, तोंगपाल आदि स्थानों से टिन की प्राप्ति होती है।
दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला क्षेत्र से लौह अयस्क, कटेकल्याण तथा बचेली से टिन और दरभा घाटी क्षेत्र से माइका की प्राप्ति होती है।
प्रश्न गत विकल्पों में से बस्तर जिले में कोयले के निक्षेप नहीं हैं। बस्तर (वर्तमान दंतेवाड़ा) जिले से लौह अयस्क तथा टिन की प्राप्ति होती है।
छत्तीसगढ़ में हीरे के भंडार गरियाबंद जिले के मैनपुर क्षेत्र के अंतर्गत बेहराडीह, पायलीखंड, जांगड़ा, कोदोमाली कोसमबुढ़ा क्षेत्र में पाया जाता है।
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी भूमिगत कोयला खदान मुकुंद घाट कोरवा में स्थित है।
कोरबा जिले में सबसे अधिक कोयला खदानें स्थित है।
छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा भूगर्भीय एवं यांत्रिक कोयला खदान मुकुन्द घाट है, जो कोरबा जिले में स्थित है।
दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण, पाड़ापुर, बचेली टिन अयस्क के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।
कांकेर जिले में हीरे के निक्षेप नहीं पाए जाते हैं। कांकेर जिले के रावघाट, चारगांव, मेटाबोदली आदि क्षेत्र लौह अयस्क के लिए तथा तरादुल और कुमकुरुम क्षेत्र बॉक्साइट के उत्पाद के लिए प्रसिद्ध हैं।
दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की खदानों से प्रचूर मात्रा में लौह अयस्क का उत्पादन किया जाता है, इसके अतिरिक्त दंतेवाड़ा जिले से दिन भी प्राप्त होता है।
अति महत्वपूर्ण परमाणु खनिज यूरेनियम सूरजपुर जिले के प्रतापपुर क्षेत्र तथा राजनांदगांव के मोहला क्षेत्र में पाया जाता है। प्रश्नकाल के दौरान सूरजपुर जिला सरगुजा जिले का भाग था .
छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) की स्थापना 7 जून 2001 को कंपनीज एक्ट के तहत हुई थी। इसका मुख्यालय रायपुर में है।
दंतेवाड़ा जिले की बैलाडीला खदानें लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां पाए जाने वाले श्रेष्ठ किस्म के लौह अयस्क का उत्खनन राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के द्वारा किया जाता बैलाडीला लौह अयस्क क्षेत्र भंडारण की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा क्षेत्र है
भारत के कुल कोयला भंडार का लगभग 80% झारखंड उड़ीसा छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। छत्तीसगढ़ का भारत के कुल कोयला भंडार में 18.15% का योगदान है।
छत्तीसगढ़ में भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए वर्ष 1955 में सोवियत संघ के साथ अनुबंध हुआ था। इस संयंत्र में 1950 में उत्पादन आरंभ किया था।
टिन अयस्क के उत्पादन में छत्तीसगढ़ भारत का एकमात्र राज्य है। छत्तीसगढ़ में भारत के कुल टिन भंडार का 35.83% स्थित है.
प्रदेश में फ्लूओराइट के निक्षेप राजनांदगांव जिले के चांदोडोंगरी, केरवापानी, महासमुंद जिले के माकरमुत्ता, चुराकुट्टा आदि स्थानों पर है।
छत्तीसगढ़ राज्य में उत्खनित होने वाले खनिजों में कोयला मात्रा तथा मूल्य दोनों की दृष्टि से सबसे प्रमुख खनिज है।
सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र में बॉक्साइट खनिज के निक्षेप हैं। यहां प्राप्त होने वाले बॉक्साइट की आपूर्ति बालकों को की जा रही है।
कांकेर जिले के रावघाट में लौह अयस्क पाया जाता है जो भंडारण के हिसाब से छत्तीसगढ़ का तीसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क का निक्षेप है।
बॉक्साइट (एल्युमीनियम) अयस्क मैनपाट क्षेत्र से प्राप्त होता है। गरियाबंद जिले के बेहराडीह में हीरा तथा दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला में लौह अयस्क प्राप्त होता है।
चूना पत्थर अवसादी प्रकार का शैल है।
दुर्लभ एवं बहुमूल्य रत्न खनिज अलेक्जेंड्राइट गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र के लाटापारा तथा सेंदमुड़ा क्षेत्र में पाया जाता है।
गरियाबंद के मैनपुर क्षेत्र के पायलीखंड, जांगड़ा, बेहराडीह, कोदोमाली, कोसमबुड़ों हीरे की उपस्थिति के कारण सुर्खियों में थे।
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