स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai
स्वयं सहायता समूह : प्रकार, गठन प्रक्रिया
समान विचारधारा एवं समान आर्थिक स्थिति के लगभग 10-20 सदस्यों द्वारा बनाया गया एक समूह जिसमें सभी सदस्य आपस में एक-दूसरे की सहायता करने का संकल्प लेते हैं, स्वयं सहायता समूह कहलाता है.
स्वयं सहायता समूह ऐसे ग्रामीण गरीबों का समूह है जिन्होंने गरीबी उन्मूलन हेतु स्वयं को स्वैच्छिक रूप से संगठित किया है। वे नियमित रूप से बचत करते हैं और उसे समूह निधि में परिवर्तित करते हैं। समूह के सदस्य इस सामान्य निधि और ऐसी अन्य निधियों का इस्तेमाल निवेश एवं ऋण देने के लिए करते हैं। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
‘स्वयं सहायता समूह’ सदस्यों का अपना बैंक भी है। यह सदस्यों की बचत राशि स्वीकारता है। जरूरतमंद सदस्य को ऋण देता है और लेनदेन का हिसाब रखता है। वर्ष के अंत में लाभ का वितरण सदस्यों के बीच किया जाता है। समूह के सदस्य अपने इस बैंक से ऋण ले सकते हैं।
ये संगठन स्वैच्छिक एवं अनौपचारिक होते हैं। समूह को पंजीकरण कराने की अनिवार्यता नहीं है। किन्तु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, राज्य सहकारिता अधिनियम या साझेदारी प्रतिष्ठान के रूप में स्वयं को पंजीकृत करा सकते हैं। स्वयं सहायता समूहों को ग्राम या ग्राम समूह या प्रखंड या जिला स्तर पर परिसंघ का रूप देकर सुदृढ़ और स्थिर किया जाता है।
समूह निर्माण किसी लक्ष्य से प्रेरित नहीं होना चाहिए बल्कि यह प्रक्रियामूलक दृष्टिकोण का होना चाहिए।
स्वयं सहायता समूह की आवश्यकता एवं उद्देश्य
- आपसी सहयोग एवं संगठन द्वारा आय वृद्धि एवं आत्मनिर्भरता के लिए।
- गरीबों की छोटी-छोटी परन्तु बार-बार ऋण राशि की आवश्यकता पूरी करने, बिना जमानत ऋण देने हेतु
- अल्प वित्त पर बैंकों का परिचालन व्यय कम करने हेतु
- सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन एवं उनसे समुचित लाभ उठाने के लिए शासन विकास के लिए अनेक योजनाएँ कार्यान्वित कर रही है। जिले में दाल-भात केंन्द्र का संचालन, मध्यान्ह भोजन का कार्य, मछली पालन हेतु तालाबों के पट्टे, हैण्ड पम्प के रखरखाव का कार्य, उचित मूल्य के दुकानों का संचालन जैसे अनेक कार्य समूह को सौंपे जाने की योजनाएँ है।
- महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- गरीबी उन्मूलन- लघु उद्यमिता को बढ़ावा, प्रशिक्षण उपलब्ध कराना।
- गरीबों को बैंकिंग सेवाएँ अर्थात् बचत जमा एवं ऋण की सुविधाएँ उपलब्ध कराना
स्वयं सहायता समूह के प्रकार –
आर्थिक आधार पर :-
- BPL सदस्यों का समूह ,
- APL सदस्यों का समूह
लिंग आधार पर :-
- पुरुषों का समूह
- महिलाओं का समूह भारत में ये अधिक सफल रहे हैं।
- मिश्रित समूह
विशेष उद्देश्यों के लिए समूह
- आजीविका मिशन के समूह
- नवा अंजोर के लिए समहित समूह – कम से कम 5 सदस्य हो सकते हैं
- महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों के संचालन संबंधी समूह रेडी टू ईट, पोषण – आहार
- सिंचाई परियोजना के समूह कम से कम 5 सदस्य भी हो सकते हैं।
- जलग्रहण मिशन के समूह
- स्वास्थ्य मिशन संबंधी समूह
- शिक्षा योजनाओं के लिए- मध्यान्ह भोजन, अनौपचारिक शिक्षा
सदस्यता संबंधी प्रावधान
- समूह में सामान्यतः 10-20 सदस्य होने चाहिये। विशेष परिस्थितियों में समूह की संख्या 2 से 5 तक भी हो सकती है। जैसे लघु सिंचाई के लिए छोटे समूह, इन्हें भी अनुदान स्वीकृत हो सकता है।
- समूह सदस्य की उम्र 18 से 58 वर्ष के मध्य हो। 1 परिवार से केवल 1 ही व्यक्ति एक समूह में सदस्य हो सकता है।
- समूह के सदस्य एक ही मोहल्ले, पारे, टोले या ग्राम के होने चाहिए।
- समूह के सदस्य समान आर्थिक स्थिति, सामान विचारधारा एवं समान आर्थिक गतिविधि करने वाले होने चाहिए।
- समूह गठन के पश्चात् भी समूह की राय से नए सदस्य प्रवेश कर सकते हैं।
- कम से कम 80% सदस्य BPL परिवार से होना आवश्यक है।
स्वयं सहायता समूह गठन एवं संचालन प्रक्रिया
समूह गठन की प्रक्रिया एवं चरण
- समुदाय के साथ विभिन्न वित्तीय सेवाओं की स्थिति, आवश्यकता एवं संभावनाओं को जानना एवं समुदाय में संवेदनशीलता एवं जागरूकता का निर्माण
- 2-3 प्रारंभिक बैठकों में समूह की आवश्यकता, उद्देश्य एवं महत्व पर लोगों की समझ विकसित करने के पश्चात् समूह पुर्नगठन गठन किया जाए।
- समूह का गठन समान सामाजिक-आर्थिक स्तर, समान पारा/टोला, समान उद्देश्य को ध्यान में रखकर किया जाये। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- महिला समूहों के गठन को प्राथमिकता दी जाये।
- सभी सदस्यों से एक समान न्यूनतम रू.10 सदस्यता शुल्क लिया जाए।
- नेतृत्व क्षमता विकास हेतु सभी सदस्यों को वार्षिक या अर्द्धवार्षिक आधार पर समूह में नेतृत्व का अवसर प्रदान किया जाए।
- समूह का नामकरण समूह गठन के समय या प्रथम माह में समूह का नामकरण कर लिया जाना चाहिए।
- नियमावली का निर्माण- समूह को अपने लिए एक आचार संहिता बनाना चाहिए। समूह के नियम सभी सदस्यों की सहमति से तय किए जायें।
- समूह को प्रत्येक बैठक के लिए कार्यसूची तय करने और कार्यसूची के अनुसार चर्चा करने में सक्षम होना चाहिए। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- सदस्यों को नियमित बचत के जरिए अपना समूह निधि बनाना चाहिए। समूह बैठकों में सभी नियमित सदस्यों से न्यूनतम स्वैच्छिक बचत राशि संग्रहित करना चाहिए।
- समूह निधि का इस्तेमाल सदस्यों को आंतरिक ऋण देने के लिए किया जाना चाहिए। समूह वित्तीय प्रबंधन मानदंड विकसित करे, जिसमें कर्ज स्वीकृति प्रक्रिया, वापसी विवरण और व्याज दर या उल्लेख हो।
- सदस्यों को सहभागितापूर्ण निर्णय प्रक्रिया द्वारा कर्ज संबंधी निर्णय लेने चाहिए। समूह को कर्ज संबंधी आवेदनों की प्राथमिकता तय करने, वापसी समय-सारणी निर्धारित करने, दिए गए कर्जों पर समुचित ब्याज दर निर्धारित करने तथा कर्जदार से कर्ज की किस्त वापसी पर कड़ी नजर रखने में सक्षम होना चाहिए।
- बैंक में बचत खाता खोलना– समूह एक समूह खाता रखेगा, समूह गठन के 3-6 माह के भीतर यथासंभव अपने सेवा क्षेत्र की बैंक शाखा में बचत खाता खोलना चाहिए। संचालन के लिये तीन समूह सदस्यों का चयन किया जायेगा। किन्हीं दो सदस्यों के हस्ताक्षर से बैंक से राशि का आहरण किया जा सकेगा।
- समूह कुछ बुनियादी रिकार्ड रखेगा, जैसे- कार्यवृत्त पुस्तिका, हाजिरी पंजी, कर्ज पंजी, सामान्य बही, रोकड़ पुस्तिका, बैंक पास बुक तथा व्यक्तिगत पास बुक
आंतरिक ऋण
- 3-4 माह की निरंतर बचत के बाद समूह को आंतरिक ऋण प्रारंभ करने हेतु प्रोत्साहित किया जाये। समूह की कुल पूंजी का 70% भाग आंतरिक ऋण पर चक्रीयकृत रहे।
- समूह से सदस्य को ऋण लेने की पात्रता सदस्य द्वारा समूह में की गई बचत पर निर्भर होगी।
- ऋण पर ब्याज देय होगा। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- ऋण व्यक्तिगत दैनिक आवश्यकताओं के लिए भी दिया जा सकेगा।
- उत्पादक गतिविधियों हेतु ऋण लेने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
- पूर्व ऋण की अदायगी के पश्चात् ही दूसरा ऋण प्रदाय किया जायेगा। सदस्यों को आकस्मिक कार्य हेतु आकस्मिक कोष की राशि से ऋण दिया जा सकेगा।
- ऋण आवश्यकता को ध्यान में रखते हुये समूह बिजनेस प्लान विकसित किया जायेगा। जिसमें बाह्य स्त्रोतों से धन की व्यवस्था एवं उपलब्ध संसाधनों के उपयुक्त उपयोग को नियोजित किया जायेगा।
ऋण का पुनर्भुगतान
- ऋण वापसी की समयावधि 1-12 माह होगी।
- समूह के सदस्य द्वारा ऋण का पुनर्भुगतान पूर्व निर्धारित/समान किश्तों में किया जायेगा।
- ऋण का समय पर पुनर्भुगतान न होने पर प्रति किश्त रू. 5रू. से 10 रू. दण्ड लेने का प्रावधान किया जा सकेगा। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- समूह विभिन्न संस्थाओं जैसे-बैंक/ ग्रामकोष से लिये ऋण का पुर्नभुगतान तय समय सीमा में करेगा।
- ऋण के पुर्नभुगतान में यदि किसी सदस्य द्वारा कम राशि जमा की जाती है तो इस दशा में उस माह की किश्त का ब्याज पहले जमा करेंगे और शेष राशि को मूलधन से कम किया जाएगा।
- समूह प्रेरक की जिम्मेदारी ऋण पुर्नभुगतान हेतु सदस्य को प्रोत्साहित करना एवं आवश्यक लेखा-जोखा रखने की होगी। साथ ही राशि को समय पर बैंक में जमा कराने हेतु भी वह जिम्मेदार होगा।
बाह्य ऋण
- समूह प्रथम बार ग्रामसभा से बचत राशि का 5 गुना या अधिकतम रू. 10,000 तक पूंजीगत सहयोग ले सकता है तत्पश्चात् समूह द्वारा ग्राम सभा को समय पर लौटाई गई पूंजीगत राशि के आधार पर ग्राम सभा द्वारा समूह को भविष्य में भी सॉफ्ट लोन पूंजीगत सहयोग दिया जा सकेगा। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- ग्राम सभा द्वारा समूह से दिये गये पूंजीगत सहयोग पर 6-8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर ली जा सकेगी।
- समूह के माध्यम से यदि किसी सदस्य को किसी योजनांतर्गत अनुदान प्राप्त होता है तो समूह द्वारा अनुदान का 10 प्रतिशत तक समूह सेवा शुल्क लिया जा सकेगा।
स्वयं सहायता समूह और बैंक
- नाबार्ड के द्वारा स्वयं सहायता समूह बैंक लिंकेज प्रोग्राम शुरू किया जिसके तहत् स्वयं सहायता समूह बैंक में अपना एक सामूहिक खाता खोल सकते है। खाते में जमा कर सकते एवं बैंकों से ऋण सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
- SHG का बैंक खाता संचालन के लिये 3 सदस्यों का चयन किया जाता है जिनमें किन्हीं 2 के हस्ताक्षर से बैंक से राशि का निकाल सकते हैं। Vya. ADEO 2017
- उल्लेखनीय है कि SHG द्वारा बैंक में मात्र बचत खाता खोलना लिंकेज नहीं माना गया है, यह एक परिचय मात्र है। लिंकेज का पूर्ण स्वरुप है- बैंक से समूह को कर्ज का लेन-देन एवं दोनों के बीच व्यावहारिक सम्बन्ध ।
ऋण देने के तरीके
- बैंक वित्त उपलब्ध कराने के दो तरीके हैं.
1. सीधे स्वयं सहायता समूह (SHG), या
2. समूह को ऋण देने के लिये वीए/NGO को अधिक मात्रा में ऋण देकर
स्वयं सहायता समूहों को बैंक से ऋण प्राप्त करने हेतु मापदण्ड
- SHG कम-से-कम 6 माह से सक्रिय हो । ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
- SHG के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष का चयन लोकतांत्रिक तरीके से हुआ हो।
- SHG के सदस्यों की पृष्ठभूमि एवं हित एकसमान हो।
- समूह सदस्यों को एक दूसरे की सहायता करने और मिलकर काम करने के लिये बनाया गया होना चाहिये,
- दूसरे बैंक का डिफाल्टर न हो।
- SHG के पास बचत एवं दिए गए ऋण का दस्तावेजी प्रमाण होना चाहिए।
- बैंक लिंकेज/ऋण लेने के लिए समूह के पास निम्नलिखित रिकार्ड अद्यतन होना चाहिए:
1.बैठक पुस्तक/रजिस्टर
2.जमा बही/ पुस्तक ऋण खाता बही
3.कैशबुक
ऋण की मात्रा :
- बैंक द्वारा SHG को बचत और ऋण का अनुपात 1:1 से 1:4 तक हो सकता है. अर्थात् SHG को उनके बचत के बराबर या चार गुना तक ऋण दिया जा सकता है।
प्रतिभूति :
- बैंक के धन से सृजित आस्ति का दृष्टिबंधन.
- कोई जमानत / प्रतिभूति नहीं मांगी जाएगी.
प्रतिभूति दस्तावेज :
- सभी सदस्यों द्वारा सम्मिलित करार.
- सदस्यों द्वारा प्राधिकृत करार
अदायगी
- बैंक समूह से वार्ता करके ऋण की वापसी की अवधि तय करेगा जो 3 से 7 साल तक की हो सकती है.
- बैंक SHG के लिए प्रति सप्ताह या माह की दर से ऋण वसूली तय कर सकता है।
स्वयं सहायता समूहों का श्रेणीकरण
पहला चरण (निर्माण चरण )– समूह के निर्माण-चरण में छह महीने या ज्यादा लग सकते हैं।
दूसरा चरण – दूसरे चरण में प्रवेश के लिए श्रेणीकरण किया जाएगा। श्रेणीकरण प्रक्रिया में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण को कारगर भूमिका होगी। श्रेणीकरण कार्य किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाना वांछनीय है। ( स्वयं सहायता समूह क्या है ? Swayam Sahayata Samuh Kya hai , सेल्फ हेल्प ग्रुप क्या है Self help group kya hai )
तीसरा चरण- लगभग छह माह से मौजूद और आर्थिक रूप से सक्षम समूह स्वयं सहायता समूह तीसरे चरण में प्रवेश कर जाते हैं।
चक्रीय निधि- इस चरण में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण तथा बैंकों से चक्रीय निधि प्राप्त होती है।
सब्सिडी- जिला ग्रामीण विकास अभिकरण जारी करता है। जो समूह निधि के बराबर होगी तथा यह न्यूनतम रू. 500 और अधिकतम रू. 10,000 होगी।
NRLM एवं स्व-सहायता समूह
स्व-सहायता समूह को वित्तीय सहायता
- NRLM संस्थाओं के लिए चक्रीय निधि और पूंजीगत सब्सिडी निधि उपलब्ध कराएगा। जिसके लिए उन्हें ग्रेडिंग की प्रक्रिया से गुजरना होगा।
- क्रियाशील स्व-सहायता समूहों का मूल्यांकन बैठक पंजी, स्व-सहायता समूह का कैश बुक/रोकड़ पंजी तथा बैंक पासबुक से किया जाता है। Vya. ADEO 2017
स्व-सहायता समूह को चक्रीय (रिवाल्विंग) सहायता
- NRLM प्रति स्व-सहायता समूह 15,000 रू. चक्रीय निधि सहायता का प्रावधान।
- चक्रीय निधि प्राप्त करने के लिए स्व-सहायता समूह की पात्रता शर्तें निम्न हैं
1.कम से कम पिछले 6 महीनों से स्व-सहायता समूह को सक्रिय हो ।
2.स्व-सहायता समूह को ‘पंचसूत्र’ का निष्पादन करना चाहिए।
3.’पंचसूत्र’ के निष्पादन के आधार पर ग्रेड-I पार करना चाहिए।
4.समूह को माइक्रो इन्वेस्टमेंट प्लान तैयार करने में प्रशिक्षण मिलना चाहिए।
5.गैर-गहन ब्लॉकों में, गुणवत्ता मानदंड पर ग्रेडिंग का अनुपालन।
स्वसहायता समूहों के लिए पंच सूत्र
1. नियमित साप्ताहिक बैठक
2. नियमित साप्ताहिक बचत
3. नियमित आंतरिक लेन-देन (कर्ज आदि)
4. नियमित ऋण वापसी
5. नियमित साप्ताहिक लेखा संधारण
पूंजीगत सब्सिडी निधि
गहन ब्लॉकों में पूंजीगत सब्सिडी निधि
- एक वर्ष के भीतर गहन ब्लॅकों में प्राथमिक परिसंघ बन जाएंगे।
- समूह के ट्रेक रिकॉर्ड, माइक्रो क्रेडिट प्लान / माइक्रो इन्वेस्टमेंट प्लान के आधार पर स्व-सहायता समूह को पूंजीगत सब्सिडी (सीएस) मुहैया कराई जाएगी। जिसमें अत्यंत निर्धनों और सर्वाधिक अपेक्षित समूहों को प्राथमिकता।
- प्राथमिक ग्रामीण परिसंघ बन जाने के बाद परिसंघ के जरिए स्व-सहायता समूह को सीएस निधियाँ दी जाएगी
- सीएस प्राप्त करने के लिए परिसंघ की पात्रता शर्तें इस प्रकार हैं:
1.बैंक में बचत खाता के साथ प्राथमिक परिसंघ कम से कम 6 महीने से सक्रिय होना चाहिए,
2.मानक खाता और एक प्रशिक्षित बुक कीपर मौजूद होना चाहिए।
3.पात्र स्व-सहायता समूह के लिए एमआईपी बना ली गई हो, और
4.कम से कम एक तिहाई समूह सदस्यों ने बैंकों से ऋण लिया हो और इनमें से कम से कम 90% लोगों ने ऐसे ऋणों का पुनर्भुगतान किया हो या बैंकों से यह आश्वासन दिया गया हो कि एक निर्धारित समयावधि के भीतर अच्छे प्रबंधन सिद्धांतों का पालन करने वाले स्व-सहायता समूह को निधियाँ दी जाएंगी। - कुछ राज्यों में, दूसरे स्तर में स्व-सहायता समूह परिसंघ भी बनाए गए हैं। ये निधियाँ प्रदान करने के लिए उन पर भी विचार किया जा सकता है यदि वे सुव्यवस्थित तरीके से बनाए गए हों और प्राथमिक परिसंघों के स्व-सहायता समूह सदस्य इस समझौते के लिए लिखित रूप से अपनी सहमति देते हैं।
गैर-गहन ब्लॉकों में पूंजीगत सब्सिडी निधि
1.स्व-सहायता समूह परिसंघों की गैर-मौजूदगी में सीएस निधियाँ सीधे स्व-सहायता समूह को मिल जाएंगी पूंजीगत सब्सिडी निधि बैंक ऋण से जुड़ कर निम्नलिखित पात्रता शर्तें पूरी करने वाले स्व-सहायता समूह को रिलीज की जाएगी:
पूंजीगत सब्सिडी के लिए स्व-सहायता समूह पात्रता शर्ते
- कम से कम 12 महीने से सक्रिय हो,
- चक्रीय निधि प्राप्ति की बाद कम से कम 6 महीने बीत गए हों,
- वित्त बैंकों से संतोषप्रद रैंकिंग मिली हो,
- दूसरी ग्रेडिंग हासिल की हो,
- बैंक से न्यूनतम 1 बार ऋण लिया हो और उसका पुनर्भुगतान किया हो,
- पहले सीएस प्राप्त नहीं किया हो, और
- शुरू किए जाने वाले क्रियाकलापों के लिए सुस्पष्ट प्रस्ताव बनाए गए हों।
2.स्व-सहायता समूह की दूसरी ग्रेडिंग के लिए ग्रेडिंग मानदंड और प्रक्रिया राज्य बनाएंगे।
3.बैंक कम से कम 1: 2 का सब्सिडी- ऋण अनुपात रखेंगे। पात्र BPL स्व-सहायता समूह चुनने / प्राथमिकता क्रम तय करने के लिए कुछ निर्देशात्मक मानदंड हैं:
- आयु और स्व-सहायता समूह की ग्रेडिंग
- स्व-सहायता समूह की व्यवहार्यता
- सभी गाँवों में इक्विटी
- ऋण : सब्सिडी अनुपात जितना अधिक होगा, पात्रता उतनी बेहतर बनेगी
- NGO और अन्य CSO के जरिए स्व-सहायता समूह को मौके पर सहायता।
4.जैसे ही कोई ब्लॉक गहन ब्लॉक बन जाता है, गहन ब्लॉकों के लिए प्रयुक्त पद्धति लागू की जाएगी।
5.किसी भी परिस्थिति में बीपीएल स्व-सहायता समूह के लिए तथा स्व-सहायता समूह में व्यक्तियों के लिए पूंजीगत सब्सिडी की अधिकतम सीमा नहीं बढ़ेगी।
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33.छत्तीसगढ़ के प्रमुख चित्रकार एवं शिल्पकार | क्लिक करे |
34.छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास | क्लिक करे |
35.छत्तीसगढ़ का मध्यकालीन इतिहास | क्लिक करे |
36.छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास | क्लिक करे |
39.छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोह | क्लिक करे |
40.छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता आंदोलन | क्लिक करे |
41.छत्तीसगढ़ के असहयोग आंदोलन | क्लिक करे |
42.छत्तीसगढ़ में सविनय अवज्ञा आंदोलन | क्लिक करे |
43.छत्तीसगढ़ में शिक्षा | क्लिक करे |
44.छत्तीसगढ़ में प्रथम | क्लिक करे |