मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

Share your love
3.8/5 - (28votes)

मल्हार बिलासपुर का इतिहास | Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh

Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर का इतिहास ) मल्हार नगर बिलासपुर से दक्षिण पश्चिम में बिलासपुर से शिवरीनारायण जाने वाली सड़क पर स्थित मस्तूरी से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । बिलासपुर जिले में 2155 अक्षांश उत्तर एवं देशांतर 8220 पूर्व में स्थित मल्हार में ताम्र पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक का इतिहास सजीव हो उठता है ।

कौशांबी से दक्षिरपूर्वी  समुद्र तट की ओर जाने वाला प्राचीन मार्ग भरहुत ,बांधवगढ़, अमरकंटक ,खरौद, मल्हार तथा शिरपुर होकर जगन्नाथपुरी की ओर जाता था|  मल्हार के उत्खनन में ईशा की दूसरी सती ब्राम्ही लिपि में आलेखित एक मृण मुद्रा प्राप्त हुई है |

Whatsapp Group Join

जिस पर गामस कोसलिया (कोसली ग्राम की) लिखा है कोसली या कोसला ग्राम का तादात्म्य मल्हार से 16 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित कोसला ग्राम से किया जा सकता है कोसला गांव से पुराना गढ़ प्राचीर तथा परिखा आज भी विद्यमान है जो उसकी प्राचीनता को मार्यो के समयुगीन  ले जाती है , वहां कुषाण  शासक विमकैडफाईसिस  का एक सिक्का भी मिला है | Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़

Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh : History of Malhar Bilaspur Chhattisgarh. मल्हार बिलासपुर इतिहास

सातवाहन वंश की मुद्राये मल्हार में : Malhar Bilaspur Chhattisgarh

सातवाहन शासकों की गजांकित  मुद्राएं मल्हार उत्खनन से प्राप्त हुई है , रायगढ़ जिला के बालपुर ग्राम से सातवाहन शासक अपिलक  का सिक्का प्राप्त हुआ था , वेदश्री के नाम की मृरमुद्रा  मल्हार से प्राप्त हुई है | इसके अतिरिक्त सातवाहन कालीन कई अभिलेख गूंजी, किरारी, मल्हार ,सेमसल दुर्ग आदि स्थलों से प्राप्त हुए हैं  |

छत्तीसगढ़ क्षेत्र से  कुषाण शासकों के सिक्के भी मिले , उनमे विमकैडफाईसिस  तथा कनिष्क प्रथम के सिक्के उल्लेखनीय हैं , योधयो के भी कुछ सिक्के इस क्षेत्र में उपलब्ध हुए | मल्हार उत्खनन से ज्ञात हुआ है कि इस क्षेत्र में सुनियोजित नगर का निर्माण  का प्रारंभ सातवाहन काल में हुआ | इस काल में ईट से बनीं भवन  एवं ठम्मांकित मृदभांड  यहां मिलते हैं मल्हार के गढ़ी  क्षेत्र में राजमहल एवं  अन्य सभारतजनों आवास रहे होंगे | Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh : History of Malhar Bilaspur Chhattisgarh. मल्हार बिलासपुर इतिहास

सुचना

आप लोग चाहे तो अपने मन मुताबिक जॉब्स/PDF/Previous year question paper/syllabus/Timetalble/Notes/Study materials को हमारे अलग अलग पेज पर देख सकते है निचे दिए हुए टेबल पर क्लिक करके आप जान सकते है की अभी लेटेस्ट में कौन सा जॉब आया है ?

Latest JobsClick Here
Chhattisgarh JobsClick Here
Central Gov. JobsClick Here
Graduate VacancyClick Here
Defence VacancyClick Here
Police VacancyClick Here
Railway VacancyClick Here
Bank VacancyClick Here
12th pass VacancyClick Here
10th pass VacancyClick Here
ITI VacancyClick Here
Aaganbadi VacancyClick Here
State wise VacancyClick Here
Chhattisgarh G.KClick Here
PDFClick Here
Previous PapersClick Here
Admit CardClick Here
Answer KeyClick Here
Current AffairsClick Here
ResultsClick Here
SyllabusClick Here

शरभपुरीय राजवंश का शासन केंद्र मल्हार : Malhar Bilaspur Chhattisgarh

दक्षिण कौशल में कल के शासक के पहले दो प्रमुख राजवंशों का शासन रहा , वे है शरभपुरीय तथा सोमवंशी  | इन दोनों वंशो का राज्यकाल  लगभग 425 से 655 ईसवी के बीच रखा जा सकता है , यह काल  छत्तीसगढ़ के इतिहास का स्वर्ण युग कहा जा सकता है धार्मिक तथा ललित कलाओ के क्षेत्र में यहाँ विशेष उननति हुई | इस क्षेत्र में ललित कला के पांच मुख्य केंद्र विकसित हुऐ:- 1.मल्हार 2.ताला 3.खरोद 4.सिरपुर 5.राजिम Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh : History of Malhar Bilaspur Chhattisgarh. मल्हार बिलासपुर इतिहास

कलचुरी वंश का शासन मल्हार में : Malhar Bilaspur Chhattisgarh

नवी सती के उत्तरार्ध में त्रिपुरी के कलचुरी शासक कोकलदेव प्रथम के पुत्र शंकरगढ़ (मुग्धतुंग) ने डाहल मंडल से कौशल पर आक्रमण किया | पाली पर विजय प्राप्त करने के बाद उसमें अपने छोटे भाई को तुम्माण  का शासक बना दिया | कलचुरीकी यह विजय अस्थाई नहीं रह पाई , सोमवंशी शासक अब तक काफी प्रबल हो चुके थे उन्होंने तुम्माण से कलचुरिओ  को निष्कासित कर दिया 

लगभग इसवी 1000 में कोकल देव द्वितीय के 18 पुत्रों में से एक पुत्र कलिंगराज  ने दक्षिण कौशल पर पुनः तुम्माण को कलचुरिओ की राजधानी बनाया , कॉलिंगराज के पश्चात कमलराज, रतनराज-प्रथम तथा पृथ्वीदेव-प्रथम क्रमशः कौशल के शासक बने | Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

मल्हार पर सर्वप्रथम कलचुरीवंश का शासन जाजलदेव प्रथम के समय में स्थापित हुआ, पृथ्वीदेव द्वितीय के राजत्वकाल में मल्हार पर कलचुरियो का मांडलिक शासक  ब्रह्मदेव था , पृथ्वीदेव के पश्चात उसके पुत्र जाजलदेव द्वितीय के समय में सोमराज नामक ब्राम्हण ने मल्हार में प्रसिद्ध केदारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया ,यह मंदिर अब  पातालेश्वर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है | 

Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh : History of Malhar Bilaspur Chhattisgarh. मल्हार बिलासपुर इतिहास

मराठो की ताकत मल्हार में 

कलचुरी वंश का अंतिम शासक रघुनाथ सिंह था, ई. 1742 में नागपुर  का रघुजी भोसले मराठा अपने सेनापति  भास्करपंत  के नेतृत्व में ओडिशा तथा बंगाल पर विजय हेतु  छत्तीसगढ़ से गुजरा | उसने रतनपुर पर आक्रमण किया तथा उस पर विजय प्राप्त कर ली इस प्रकार छत्तीसगढ़ से हैहय वंशी कलचुरियो डीके शासन लगभग सात शताब्दियों पश्चात् समाप्त हो गया | Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh : History of Malhar Bilaspur Chhattisgarh. मल्हार बिलासपुर इतिहास

मल्हार की कलाएं 

उत्तर भारत से दक्षिण पूर्व की ओर जाने वाले प्रमुख मार्ग पर स्थित होने के कारण मल्हार का महत्व बढ़ा। यह नगर धीरे-धीरे विकसित हुआ तथा वहां शैव, वैष्णव तथा जैन धर्मावलंबियों के मंदिरों, मठों मूतियों का निर्माण बडे रूप हुआ। मल्हार में चतुर्भुज विष्णु की एक अद्वितीय प्रतिमा मिली है। उस पर मौर्यकालीन ब्राम्हीलिपि में लेख अंकित है।

 इसका निर्माण काल लगभग ई. पूर्व 200 है। मल्हार तथा उसके समीपवर्ती क्षेत्र से विशेषतः शैव मंदिरों के अवशेष मिले हैं जिनसे इस क्षेत्र में शैवधर्म के विशेष उत्थान का पता चला है। इसवी प्रांची से सातवीं सदी तक निर्मित शिव, कार्तिकेय, गणेश, स्कन्द माता, अर्धनारीश्वर आदि की उल्लेखनीय मूर्तियां यहां प्राप्त हुई हैं।  Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

एक शिलापट्ड पर कच्छप जातक की कथा अंकित है। शिलापट्ट पर सूखे तालाब से एक कछुए को उड़ाकर जलाशय की ओर ले जाते हुए दो हंस बने है। दूसरी कथा उलूक-जातक की है। इसमें उल्लू को पक्षियों का राजा बनाने के लिए सिंहासन पर बैठाया गया है| सातवीं से दसवीं शती के मध्य विकसित मल्हार की मूर्तिकला में उत्तर गुप्तयुगीन विशेषत्ञांए स्पष्ट प्रिलल्षित हैं | 

 मल्हार में बौद्ध स्मारकों तथा प्रतिमाओं का स्पष्ट परिलक्षित है। मल्हार में बौद्ध स्मारकों तथा प्रतिमाओं का निर्माण इस काल की विशेषता है। बुद्ध, बोधिशत्व, तारा, मंजुश्री, हैवज़ आदि अनेक बौद्ध देवों की मल्हार में मिली हैं। उत्खनन में बौद्ध बेवता हेवज का मंदिर मिला है। इससे ज्ञात हुआ है, कि ईसवी छठी शती के पश्चात्‌ यहां तांत्रिक बौद्ध धर्म का विकास हुआ। जैन तीर्थकरों, यक्ष – यक्षिणियां, विशेषतः अंबिका की प्रतिमाएं भी यहां मिली हैं Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ )

दसवीं से तेरहवीं शत्ती तक के समय में मल्हार में विशेष रूप से शिव मंदिरों का निर्माण हुआ। इनमें कलचुरि संवत्‌ 919 (1167 ईसवी) में निर्मित केदारेश्वर मंदिर (पातालेश्वर) सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इस मंदिर का निर्माण सोमराज नामक एक ब्राम्हण द्वारा कराया गया। धूर्जटे महादेव का अन्य मंदिर कलचुरि नरेश पृथ्वीदेव द्वितीय के शासन-काल में उसके सामंत ब्रम्हदेव द्वारा कलचुरि संवत 915 (1163 ईसवी) में बनवाया गया । 

इस काल में शिव, गणेश, कार्तिकेय, विष्णु, लक्ष्मी, सूर्य तथा दुर्गा की प्रतिमाएं विशेष रूप से निर्मित की गयी। कलचुरि शासकों, उनकी रानियों, आचार्यों तथा गणमान्य दाताओं की प्रतिमाओं का निर्माण भी उल्लेखनीय है। मल्हार में ये प्रतिमाएं प्रायः काले ग्रेनाइट पत्थर या लाल पत्थर पर बनायी गई | स्थानीय भूरा-बलुआ की.और हल्के-पीले रंग के चूना पत्थर का प्रयोग भी मूर्ति-निर्माण हेतु किया गया है । Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

 

Malhar Bilaspur Ka Itihas Chhattisgarh : History of Malhar Bilaspur Chhattisgarh. मल्हार बिलासपुर इतिहास

मल्हार में मिले उत्खनन  

विगत वर्षो में हुएं उत्खननों से मंल्हार की संस्कृति का क्रम इस प्रकार उभरा हैः

1. प्रथम काल- ईसा पूर्व लगभग  1000 से मौर्य काल के पूर्व तक।

2. द्वितीय काल- मौर्य सातवाहन कुषाणकाल [ई. पू. 325 से ई.300 तक)

3. तृतीय काल- शरभपुरीय तथा सोमवंशी काल (ई.300 से ई.650 तक)

4. चतुर्थ काल-  परवर्ती सोमवंशी काल [ई. 650 से 900 तक) आवास व्यवस्था

5. पंचम काल- कलचुरि काल (ई.900 से ई. 4300 तक) Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ 

मल्हार में रहने के लिए आवास व्यस्था 

मल्हार में लोक निर्माण विभाग सोमवंशी का दो कमरों से युक्त विश्राम गृह है । बिलासपुर नगर में आधुनिक सुविधाओं से युक्‍त अनेक होटल ठहरने के लिए उपलब्ध हैं। 

मल्हार बिलासपुर कैसे पहुंचे

1.वायु मार्ग: रायपुर (।48 कि.मी.) निकटतम इवाई अड्डा…है जो मुंबई दिल्ली, नागपुर, हैदराबाद, कोलकाता,

विशाखापट्नम एवं चेन्नई से जुड़ा हुआ है।

2.रेल मार्ग: हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर बिलासपुर (32 कि.मी.)समीपस्थ रेलवे जंक्शन है।

3.सड़क मार्ग: बिलासपुर शहर से निजी वाहन अथवा नियमित परिवहन बसों द्वारा मस्तूरी होकर मल्हार तक सड़क मार्ग से यात्रा की जा सकती है।  ( Malhar Bilaspur Chhattisgarh | मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ )

✅ मल्हार बिलासपुर के बारे में और जानकारिया प्राप्त करने के लिए निचे क्लिक करे :-

Malhar Bilaspur click here

Malhar Bilaspur click here

दोस्तों अंत में मैं राजवीर सिंह , हमारे पोस्ट को इतने देर तक पढ़ने के लिए , हमारे सोशल मिडिया अकौंट्स में जुड़ने के लिए , हमारे ब्लॉग को दायी ओर की नीली घंटी दबा के हमें सब्सक्राइब करने के लिए , हमारे साथ इतने देर तक जुड़े रहने के लिए आपका हाथ जोड़ के धन्यवाद् करता हु .

हमारे इस कार्य को करने में काफी समय और मेहनत लगता है जो आप के सहयोग से कम हो सकता है , आप अपने मन से हमें कुछ भी सहयोग दे सकते है ।

याद रहे हम आपके सहयोग  की भी प्रतीक्षा करेंगे : UPI ID-iamchhattisgarh@apl

छत्तीसगढ़ से अन्य सभी जानकारिया जो आपको इंटरनेट पर कभी नहीं मिलेगा 

👉माँ मड़वारानी मंदिर : आखिर क्यों मंडप छोड़ भाग आयी थी माता मड़वारानी 

👉पाताल भैरवी मंदिर : शिव , दुर्गा , पाताल भैरवी एक ही मंदिर में क्यों है ?

👉फणीकेश्वरनाथ महादेव मंदिर : सोलह खम्बो वाला शिवलिंग अपने नहीं देखा होगा !

👉प्राचीन शिव मंदिर : भगवन शिव की मूर्तियों को किसने तोडा , और नदी का सर धार से अलग किसने किया ?

मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

👉प्राचीन ईंटों निर्मित मंदिर : ग्रामीणों को क्यों बनाना पड़ा शिवलिंग ?

👉चितावरी देवी मंदिर  : शिव मंदिर को क्यों बनाया गया देवी मंदिर ?

👉शिव मदिर : बाली और सुग्रीव का युद्ध करता हुआ अनोखा मंदिर !

👉सिद्धेश्वर मंदिर : आखिर त्रिदेव क्यों विराजमान है इस मंदिर पर ?

👉मावली माता मंदिर : महिसासुर मर्दिनी कैसे बन गयी मावली माता ?

👉कुलेश्वर मंदिर : ब्रह्मा, विष्णु , शंकर के रचयिता अदि शिव का मंदिर 

👉चंडी माता मंदिर : विचित्र ! पत्थर की स्वयंभू मूर्ति निरंतर बढ़ रही है !

👉खरौद का शिवमंदिर : लक्ष्मण जी ने क्यों बनाये थे सवा लाख शिवलिंग ?

👉जगननाथ मंदिर : चमत्कार ! पेड़ का हर पत्ता दोने के आकर का कैसे ?

👉केशव नारायण मंदिर : भगवान विष्णु के पैर के नीचे स्त्री, शबरी की एक कहानी !

👉नर-नारायण मंदिर : मेरु शिखर के जैसा बना मंदिर !

👉राजीव लोचन मंदिर : कुम्भ से भी अनोखा है यहाँ का अर्धकुम्भ !

👉खल्लारी माता का मंदिर : जहा भीमपुत्र घटोच्कच का जन्म हुआ , कौरवो ने पांडवो को मरने के लिए लाछागृह भी यही बनवाया था !

👉देवरानी और जेठानी मंदिर : क्या है सम्बन्ध दोनों मंदिरो के बीच ?

👉मामा भांजा मंदिर : ऐसा मंदिर जिसका निर्माण एक दिन में किया गया !

👉लक्ष्मण मंदिर : पुरे भारत में ईंटो से निर्मित पहला मंदिर 

👉जैन मंदिर : राजपूत राजाओ द्वारा बनाये गए जैन मंदिर 

👉विष्णु मंदिर : कलचुरी शासको द्वारा बनाया गया अब तक का जबरजस्त मंदिर !

👉गणेश मंदिर  : पुत्री उषा और चित्रलेखा की कहानी !

👉दंतेश्वरी मंदिर : 52वा शक्तिपीठ जिसके बारे में बहुत हिन्दू नहीं जानते !

👉हटकेश्वर महादेव मंदिर : जिसे मुग़ल भी नहीं तोड़ पाए !

👉महामाया देवी मंदिर : यहाँ 31 हजार ज्योति कलश क्यों जलाते है श्रद्धालु !

👉शिवरीनारायण मंदिर : जहा भगवान राम ने खाये थे शबरी के झूठे बेर ।  

👉माँ बम्लेश्वरी मंदिर : आखिर क्यों तालाब में कूदी थी कामकंदला ?

👉नगपुरा जैन मंदिर : राजा गज सिंह ने 108 जैन मुर्तिया बनाने की प्रतिज्ञा क्यों ली ? 

👉भोरमदेव मंदिर : दाढ़ी-मुछ वाले योगी की मूर्ति के पेट पर क्या लिखा है ? 

👉माता कौशल्या मंदिर : वह धरती जिसने भगवान राम की माता कौशल्या को जन्म दिया !

👉डीपाडीह मंदिर : सामंत की रानियाँ क्यों कूद पड़ी आग में ?

👉शिवरीनारायण के आस पास के अन्य सभी मंदिर ।

👉बाबा सत्यनारायण धाम रायगढ | Baba Satyanarayan Dham Chhattisgarh

👉लुतरा शरीफ बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Lutra Sharif Bilaspur Chhattisgarh

👉शदाणी दरबार छत्तीसगढ़ | Shadani Darbar Raipur Chhattisgarh

👉छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल | Chhattisgarh ke Dharmik Sthal

👉श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा | Shree Guru Singh Sabha Gurudwara Chhattisgarh

👉बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ | Bastar Dashhara Chhattisgarh

👉प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास | Pratham Vishwa Yudh Ka Itihas

👉[2021] छत्तीसगढ़ के सरकारी योजनाए

मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

👉छत्तीसगढ़ के खेल पुरस्कार

👉छत्तीसगढ़ के काव्य गद्य

👉छत्तीसगढ़ में जेल प्रशासन

👉छत्तीसगढ़ में संचार

👉छत्तीसगढ़ में शिक्षा स्कूल विश्वविद्यालय 

👉छत्तीसगढ़ में सिनेमा

👉छत्तीसगढ़ वायु परिवहन 

👉छत्तीसगढ़ रेल परिवहन

👉छत्तीसगढ़ में सड़क परिवहन

👉छत्तीसगढ़ के परिवहन

👉छत्तीसगढ़ में ऊर्जा

👉छत्तीसगढ़ के औधोगिक पार्क काम्प्लेक्स

👉छत्तीसगढ़ के उद्योग

👉Chhattisgarh Dolomite Tin Heera Sona Diamond Gold

👉छत्तीसगढ़ में बॉक्साइट ऐलुमिनियम 

👉छत्तीसगढ़ के चुना पत्थर

👉छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क कहा कहा पाया जाता है | 

👉दीवानपटपर गांव कवर्धा छत्तीसगढ़

👉दाऊ दुलार सिंह मंदराजी

👉छत्तीसगढ़ पदमश्री पदमभूषण 

👉छत्तीसगढ़ी कलेवा व्यंजन पकवान भोजन

👉छत्तीसगढ़ी मुहावरे लोकोक्तिया 

👉विद्याचरण शुक्ल छत्तीसगढ़

👉केयूर भूषण की जीवनी

मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

👉पंडो जनजाति छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ में शिक्षा प्रेस का विकास

👉छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान 

👉छत्तीसगढ़ में प्रथम

👉छत्तीसगढ़ के साहित्य साहित्यकार

👉छत्तीसगढ़ के परियोजनाएं

👉खारुन नदी छत्तीसगढ़ 

👉मरीन ड्राइव तेलीबांधा तालाब

👉नगर घड़ी चौक रायपुर

👉राजकुमार कालेज रायपुर

👉डोंगरगढ छत्तीसगढ़

👉भिलाई स्टील प्लांट

👉बैगा जनजाति

👉जिंदल रायगढ़ छत्तीसगढ़

👉कांकेर जिला छत्तीसगढ़

👉बीजाकाशा जलप्रपात

👉लक्ष्मण झूला रायपुर छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ के पहाड़ो की ऊंचाई

👉छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक विभाजन

👉छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण तिथि क्रम 

👉छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्‍न भवनों के नाम 

👉छत्तीसगढ़ के लोक खेल 

👉भगवान धनवंतरि छत्तीसगढ़

👉दानवीर भामाशाह छत्तीसगढ़

👉Pandit Ravishankar Shukla ka Jeevan Parichay

👉महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव

👉पाण्डु वंश छत्तीसगढ़

👉गुप्त वंश छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ में मराठा शासन

👉छत्तीसगढ़ में 1857 की क्रांति

👉छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थापना 

👉छत्तीसगढ़ में जंगल सत्याग्रह

मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

👉छत्तीसगढ़ के किसान आंदोलन

👉छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास

👉छत्तीसगढ़ के रियासत

👉छत्तीसगढ़ के 36 गढ़

👉फणिनाग वंश छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ का मध्यकालीन इतिहास

👉सोमवंश छत्तीसगढ़

👉काकतीय वंश छत्तीसगढ़

👉छिन्दक नागवंश छत्तीसगढ़

👉ठाकुर प्यारेलाल सिंह छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग

👉छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास

👉नल वंश छत्तीसगढ़

👉सातवाहन वंश

👉कलचुरी वंश छत्तीसगढ़

👉सोनाखान विद्रोह छत्तीसगढ़

👉चम्पारण छत्तीसगढ़

👉राजिम प्रयाग छत्तीसगढ़

👉बस्तर छत्तीसगढ़

👉मैनपाट छत्तीसगढ़

👉तालगाओं बिलासपुर छत्तीसगढ़

👉सिरपुर महासमुंद छत्तीसगढ़

👉रतनपुर बिलासपुर छत्तीसगढ़

👉इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय

👉रायपुर का इतिहास

👉मल्हार बिलासपुर का इतिहास

👉छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यक्तित्व

👉छत्तीसगढ़ की जनगणना 2011

👉केंद्र संरक्षित स्मारक छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ के स्थलों के उपनाम

👉छत्तीसगढ़ संभाग एवं जिलो का गठन

👉छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास केंद्र

👉बालोद जिला छत्तीसगढ़

👉गोरेला पेंड्रा मरवाही छत्तीसगढ़

👉दुर्ग के बारे में जानकारी

👉बेमेतरा जिला छत्तीसगढ़

👉Chhattisgarh Corundum Alexandrite Uranium Graphite Copper

👉छत्तीसगढ़ में कोयला उत्पादन

👉कोरबा में शैलचित्र की खोज

👉छत्तीसगढ़ में खनिज उत्पादन

👉पोई भाजी 

👉उड़द दाल के बड़ा 

👉चापड़ा छत्तीसगढ़

👉माड़ा पीठा

👉मखना भाजी

मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

👉मंद-महुआ शराब

👉अइरसा अनरसा

👉मूंग दाल पकोड़ा

👉चौसेला संग चटनी

👉खरखरा बांध

👉खारा रिज़र्व वन

👉मनगटा वन्यजीव पार्क

👉छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल

👉राजनांदगाव जिले की जानकारी

👉छत्तीसगढ़ राज्य संरक्षित स्मारक

👉छत्तीसगढ़ के प्राचीन स्थानों-शहरो नाम

👉छत्तीसगढ़ के अभ्यारण्य

👉छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यान

👉टाइम्स स्क्वायर ,नया रायपुर

👉चित्रकूट जलप्रपात छत्तीसगढ़

👉घटारानी जलप्रपात छत्तीसगढ़

👉शहीद स्मारक भवन रायपुर

👉दानपुरी झरना जशपुर छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ के शैलचित्र

👉कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान

👉प्रज्ञागिरी पर्वत डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़

👉मदकूद्वीप छत्तीसगढ़

👉बारनवापारा अभ्यारण छत्तीसगढ़

👉गंगरेल बांध धमतरी

👉उदंती-सीतानदी टाइगर रिज़र्व

👉रामगढ सरगुजा छत्तीसगढ़

👉दामाखेड़ा सिमगा छत्तीसगढ़

👉गिरौधपुरी धाम छत्तीसगढ़

👉केनापारा तेलईकछार जलाशय

👉मैत्री बाग भिलाई छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ के जलप्रपात

👉हाखिकुड़म जलप्रपात

👉छ:ग कृषि उपज-उत्पादक क्षेत्र

👉छत्तीसगढ़ के सभी तहसील

👉छत्तीसगढ़ नगर निगम

👉छत्तीसगढ़ नगर पालिका

👉छत्तीसगढ़ नगर पंचायत

👉छत्तीसगढ़ में शहरी प्रशासन 

👉उच्च न्यायलय छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ ग्रामीण प्रशासन

👉छत्तीसगढ़ की न्यायपालिका

👉छत्तीसगढ़ की कार्यपालिका

👉छत्तीसगढ़ विधानसभा सीट

👉छत्तीसगढ़ में प्रशासन

👉छत्तीसगढ़ की सिफारिश समितियाँ

👉मिनीमाता का जीवन परिचय

👉छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का गठन

👉डॉ.भंवरसिंह पोर्ते छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ के सम्मान पुरस्कार

👉छत्तीसगढ़ के महिला सांसद और विधायक

👉छत्तीसगढ़ में पशुपालन

👉छत्तीसगढ़ की गुफाये

👉छत्तीसगढ़ में कृषि

👉छत्तीसगढ़ की मिट्टिया

👉छत्तीसगढ़ में नदियों किनारे बसे शहर

👉छत्तीसगढ़ में सिंचाई व्यवस्था

👉छत्तीसगढ़ का नदी परियोजना

👉छत्तीसगढ़ के नदियों की लम्बाई

👉छत्तीसगढ़ जल विवाद

👉इंद्रावती नदी अपवाह तंत्र

👉सोन नदी की सहायक नदिया

👉शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़ 

👉महानदी अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ की नदिया

👉छत्तीसगढ़ में जीवो का संरक्षण

👉छत्तीसगढ़ वन संसाधन 

👉जशपुर सामरी पाट प्रदेश

👉सरगुजा बेसिन बघेलखण्ड

👉बस्तर का पठार

👉महानदी बेसिन छत्तीसगढ़ का मैदान

👉  छत्तीसगढ़ की जबरजस्त चित्रकला  जिसे अपने नहीं देखा !

👉 छत्तीसगढ़ के त्यौहार क्यों है दूसरे राज्यों से अच्छा !

👉  छत्तीसगढ़ का लोकनृत्य लोकनाट्य देखकर आप ठुमकना छोड़ देंगे !

👉 छत्तीसगढ़ के लोकगीत जिसे अपने अबतक नहीं सुना  ?

👉  छत्तीसगढ़ के देवी देवता जो बाहरी हिन्दू नहीं जानते होंगे ?

👉 छत्तीसगढ़ जनजाति विवाह गीत सुनते ही गुनगुनाने का मन करेगा !

👉 छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियाँ 

👉पत्थलगड़ी आंदोलन छत्तीसगढ़

👉छत्तीसगढ़ी बर्तन

👉  नगेसिया जनजाति छत्तीसगढ़ 

👉 छत्तीसगढ़ी भाषा छत्तीसगढ़ी बोली 

👉  छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोह 

👉 भादो जार्ता उत्सव छत्तीसगढ़

👉  बस्तर के मेले मंडई 

👉 छत्तीसगढ़ के प्रमुख महोत्सव 

👉  छेरछेरा त्यौहार छत्तीसगढ़ 

👉 छत्तीसगढ़ के आभूषण

👉  छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियाँ 

👉 छत्तीसगढ़ के मेले

👉 छत्तीसगढ़ के जनजाति आदिवासी

👉  पोला के तिहार 

विद्रोह :-

👉  मुरिया विद्रोह में आदिवासियों ने कैसे अंग्रेजो को धूल चटाई ?

👉  लिंगागिरी विद्रोह के मंगल पांडेय से मिलिए !

👉  मेरिया माड़िया विद्रोह में दंतेश्वरी मंदिर पर अंग्रेजो ने कैसे हमला किया ?

👉  तारापुर विद्रोह छत्तीसगढ़ 

👉 परलकोट विद्रोह छत्तीसगढ़

👉  भोपालपट्नम विद्रोह छत्तीसगढ़

👉  भूमकाल विद्रोह छत्तीसगढ़

👉  कोई विद्रोह छत्तीसगढ़

मल्हार बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Malhar Bilaspur Chhattisgarh

👉 हल्बा विद्रोह छत्तीसगढ़ :-

👉  राउत नाचा छत्तीसगढ़ 

👉 ककसार नृत्य छत्तीसगढ़ 

👉  चंदैनी नृत्य छत्तीसगढ़ 

👉 करमा नृत्य छत्तीसगढ़

👉  सुआ नृत्य छत्तीसगढ़ 

👉  पंथी नृत्य छत्तीसगढ़

Share your love
Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

Articles: 1117

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *