Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh, barnawapara wildlife sanctuary barnawapara abhyaran balaoda bazar, chhattisgarh
महानदी की सहायक नदियां यहां के लिए जलस्त्रोत हैं। बालमदेही नदी इसकी पश्चिमी सीमा एवं जोंक नदी उत्तर-पूर्वी दिशा में विभाजक रेखा का निर्माण करती है। अभयारण्य के घने वनों को सागौन, साल और मिश्रित वनों में बांटा जा सकता है।
वन में सीधे तने वाले भव्य सागौन (टेक्टोना ग्रांडिस) के साथ अन्य वृक्ष जैसे साजा (टर्मिनालिया टोमेन्टोसा), बीजा (टेरोकार्पस मार्सुपियम), लेंडिया (लेगरस्ट्रोमिया पार्विफ्लोरा), हल्दू (अदीना कार्डिफोलिया), धौंरा (आनोगेसिस लेटिफोलिया), सलई (बासवेलिया सेराट), आंवला (इंब्लिका अफिकीनालिस), अमलतास (केसिया फिस्तुला), कर्रा आदि शामिल हैं वन में बांस के शानदार स्वरूप को देखा जा सकता है।( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
सफेद कूलू (स्टेरकुलिया यूरेअस) के ध्यान आकर्षित करते पेड़ पूरे वन में खड़े है। दिसंबर माह से अभयारण्य की नदियों व नालों का पानी कम होने लगता है। नदी तल में अलग-अलग हिस्सों में पानी के छोटे- छोटे ताल देखने में बड़े आकर्षक लगते हैं। यहां मानव निर्मित कई जलाशय, तुरतुरिया झरना एवं अन्य जलप्रपात हैं ।( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
अभयारण्य के मध्य में लगभग 45 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र को कोर जोन के रूप में चिन्हित किया गया है जिसमें पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित है तथा बफर जोन पर्यटकों के भ्रमण हेतु खुला रहता है। अभयारण्य में तेंदुए, बाघ, गौर, भालू, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली शूकर सामान्यतः देखे जा सकते हैं |
साथ ही कोटरी चौसिंगा, जंगली कुत्ता, लकड़बग्घा, लोमड़ी इत्यादि भी आसानी से दिखते हैं। रेंगने वाली प्रजातियों में कोबरा करैत, अजगर जैसे अनेक सर्प प्रजातियां पाई जाती है। इस अभयारण्य में 150 से भी अधिक प्रजातियों के पक्षी पाये जाते हैं।
जिनमें. प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। प्रमुख पक्षी प्रजातियों. में मोर, दूधराज, तोते, गोल्डन अरियल, डरैंगो, राबिन, पाई, कठफोड़वा, बुलबुल, हुदहुद, बाझ, उल्लु इत्यादि हैं।( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
पर्यटक मौसमः( Baranwapara Tourist Seasons )
फरवरी से जून का मौसम अच्छा रहता है हलाकि ठंडा मौसम अधिक आरामदायक और वन्य जीवन के अनुकूल होता है | 01 जुलाई से 31 अक्टूबर तक मानसून के कारन पार्क बंद रहता है यहाँ की यात्रा के लिए कम से कम तीन दिनों के प्रवास की योजना बनाएं ताकि दुर्लभ जानवरों को देखने का पर्याप्त अवसर मिल सके।( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
क्या पहने-( What to wear in Baranwapara)
यहां के लिए सूती वस्त्रों को प्राथमिकता देनी चाहिए। साथ ही ऊनी वस्त्र होने चाहिए क्योंकि यात्रा के दौरान, ठंडे मौसम में, सुबह-शाम के समय ठंड होती है। जहां तक हो सके गहरे-भड़कीले रंग न पहनें ।( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
बारनवापारा अभयारण्य के आसपास कई पर्यटन महत्व के दर्शनीय स्थल है:-( There are many tourist spots of importance around the Barnavapara Sanctuary)
1. सिरपुर-( Baranwapara To Sirpur)
बारनवापारा से 32 कि.मी. की दूरी पर स्थित सिरपुर महानदी के तट पर स्थित है। यह प्रदेश का बहुत ही महत्वपूर्ण पुरातत्वीय केन्द्र है, जहां वैष्णव-शैव-बौद्ध एवं जैन संप्रदायों के स्मारकों के अवशेष मिलते है | यहां 7वीं शताब्दी में ईटों से निर्मित लक्ष्मण मंदिर है जो भारत के सुंदरतम प्राचीन मंदिरों में से एक है।
2. तुरतुरिया-( Baranwapara To Turturiya)
यह बारनवापारा अभयारण्य में स्थित है एवं प्राचीन मंदिरों में से एक है। उत्तरी सीमा पर स्थित बैरियर के पास है, जहां पर 8वीं शताब्दी के पुरातत्वीय अवशेष विद्यमान हैं। यहीं पर बाल्मीकि आश्रम है जहां लव एवं कुश का जन्म हुआ था। इसी धार्मिक मान्यता के साथ पौष माह में यहां तीन दिवसीय मेला लगता है |( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
3. मातागढ़-( Baranwapara To Matagadh)
तुरतुरिया से 2 कि.मी. दूर बालमदेही नदी के पश्चिम में देवी मां का प्राचीन मंदिर हैं|
4. नारायणपुर-( Baranwapara To Narayanpur)
तुरतुरिया गेट से 10 कि.मी. की दूरी पर 11वीं शताब्दी में निर्मित भगवान शिव का मंदिर है। महानदी के तट पर यह धार्मिक स्थल स्थित है। शिवरात्रि में यहां बहुत बड़ा मेला लगता है।
5. गिरौदपुरी धाम-( Baranwapara to Giraudpuri dham)
बारनवापारा से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर स्थित गिरौदपुरी धाम संत गुरू घासीदास जी की जन्म स्थली है।
6. मल्हार-( Baranwapar to Malhar)
यहां से 55 कि.मी. उत्तर में पुरातत्वीय केन्द्र मल्हार स्थित है, जहां वैष्णव, शैव, बौद्ध एवं जैन संप्रदायों के स्मारकों के अवशेष मिलते हैं। यहां ईसवी पूर्व दूसरी सदी से कलचुरि काल तक के अवशेष दर्शनीय हैं ।( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
आवास व्यवस्था-( Baranwapara Housing System)
1. छ.ग. पर्यटन मंडल द्वारा संचालित 12 कमरे का हरेली ईको रिसॉट, मोहदा, बारनवापारा |
2. वन विश्राम गृह बारनवापारा, देवपुर, पकरीद, नवागांव तथा पर्यटक ग्राम बारनवापारा में कमरे एवं डॉरमेटरी व्यवस्था |
3. मूबा जंगल रिसॉर्ट में 7 डबल रूम |
4. सेलीब्रेशन जंगल कॉटेजेस– 7 डबल रूम |( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
कैसे पहुंचे:(How to reach Baranwapara)
वायु मार्ग: रायपुर (100 कि.मी) निकटस्थ हवाई अड्डा है जो मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलूरू, विशाखापट्नम, चेन्नई एवं नागपुर से वायु मार्ग से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग: रायपुर, हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलमार्ग पर समीपस्थ रेलवे जंक्शन है।
सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 53 पर रायपुर से 72 कि.मी. पर स्थित ग्राम पटेवा से बायें मुड़कर 28 कि.मी. पर बारनवापारा अभयारण्य स्थित है। सिरपुर से 15 कि.मी. की दूरी पर बरबसपुर बैरियर से भी बारनवापारा अभयारण्य में प्रवेश किया जा सकता है| ( Barnawapara Abhyaran Chhattisgarh : Barnawapara wildlife sanctuary Chhattisgarh )
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