छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क कहा कहा पाया जाता है | Chattishgadh Me Lauh Ayaska Kahan Kahan Paya Jata Hai
- कुल खनिज राजस्व का 823 करोड़ रुपये लोहा से प्राप्त होता है .
- दूसरे नंबर का राजस्व प्रतप्त होता हिअ । ( प्रथम कोयला )
- लोहा दक्षिण भाग में मिलता है ।
- लोहा धारवाड़ छत्तं में मिलता है ।
- छत्तीसगढ़ का लोहा हेमेटाइट प्रकार का है ।
- लोहा का उत्पादन 15.77% होता है ।
- लोहा का भण्डारण 19.59% है ।
- भारत का सबसे बड़ा मशीनीकृत लोहा खदान बैलाडीला , दंतेवाड़ा है ।
- लोहा का खनन NMDC द्वार किया जा रहा है ।
- बैलाडीला के लोहा को जापान द्वारा विशाखापत्तनम के बंदरगाह से जापान ले जाया जा रहा है ।
- प्रथम खनन संयत्र :- किरंदुल ( 1968 )
- द्वितीय खनन संयत्र :- बचेली ( 1980 )
- तृतीया खनन संयत्र :- बैलाडीला ( 1988 )
- बैलाडीला में 14 डिवीज़न लगा हुआ है ।
भारत में | छत्तीसगढ़ में | ||||
क्रमांक | भण्डारण | उत्पादन | क्रमांक | भण्डारण | उत्पादन |
1. | झारखण्ड | कर्णाटक | 1. | दंतेवाड़ा | दंतेवाड़ा |
2. | ओडिशा | छत्तीसगढ़ | 2. | कांकेर | बालोद |
3. | छत्तीसगढ़ | ओडिशा | 3. | कवर्धा | कांकेर |
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में सर्वाधिक कोयला पाया जाता है
- दंतेवाड़ा :- किरंदुल , बचेली , बैलाडीला
- नारायणपुर :- छोटे डोंगरे
- कांकेर :- राजघाट , आरी डोंगरी , कॉलमसार , मेटा बदले
- राजनांदगाव :- बोरिया टिब्बू
- कवर्धा :- एकलमा
- बालोद :- दल्ली राजहरा , डौंडी ( डौंडी लोहरा नहीं )
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