प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास | Pratham Vishwa Yudh Ka Itihas
विश्वयुद्ध प्रथम ( World war-1 ) कि वह दास्तां जिसे दुनिया कभी नहीं भूलेगी मेरे मित्रों मैं आपको विश्व युद्ध प्रथम के बारे में ऐसे समझा दूंगा कि आप भी इसे कभी नहीं भूलेंगे मैं आपको बताऊंगा कि विश्व युद्ध प्रथम में कौन-कौन से देश शामिल थे मैं आपको बताऊंगा कि इसका कारण क्या था ऐसा क्या वजह था जिसके वजह से यह युद्ध हुआ मैं आपको बताऊंगा कि विश्व युद्ध प्रथम में भारत का क्या योगदान था और मैं आपको यह भी बताऊंगा कि इस भयानक युद्ध के बाद दुनिया पर इसका क्या प्रभाव पड़ा ।
विश्व युद्ध प्रथम या फिर कहे World War-1 इसे The Great war, The war to end all Wars और Global War के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह बहुत ही भयानक, विशाल, डरावना युद्ध था इसलिए इसे The Great war कहा जाता है इस युद्ध में सभी Wars को खत्म कर दिया इसलिए इसे The war to end all Wars कहा जाता है और इसे Global War इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें पूरी दुनिया शामिल थी ।
विश्व युद्ध प्रथम ( 28 जुलाई 1914 से लेकर एक 11 नवंबर 1918 ) को हुआ था, यह युद्ध इतना भयानक था कि इसमें 1 करोड़ 70 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी संख्या और भी ज्यादा हो सकती है लेकिन अधिकारिक पुष्टि यही है।
विश्व युद्ध प्रथम में दुनिया दो हिस्सों में बट चुकी थी एक थी Allied Power जिसे मित्र-राष्ट्र कहा जाता है दूसरा था Central Power जिसे धुरी-राष्ट्र कहा जाता है मित्र-राष्ट्र में रसिया, फ्रांस,अमेरिका, जापान, इटली, सर्बिया, ब्रिटेन, ब्रिटेन के अंतर्गत भारत भी आएगा, वहीं दूसरी तरफ धुरी राष्ट्र में ऑस्ट्रो-हंगरी अंपायर, जर्मनी, ऑटोमन-साम्राज्य यानी टर्की, संभवतः सभी मुस्लिम देश , बुल्गारिया इत्यादि शामिल थे।
विश्व युद्ध होने के कारण ( Causes For World War-1 )
विश्व युद्ध होने के मुख्यत: चार कारण थे वह थे MAIN:-
- M→Militarism
- A→Allaince System
- I→Imperialism
- N→Nationalism
- Militarism:- यहां Militarism का मतलब है कि यह सभी देश अपने सेना की संख्या बढ़ा रहे थे बहुत सारे देशों के बीच यह प्रतिस्पर्धा थी, इन सभी में सबसे ज्यादा Machine-gun कौन बनाएगा, हथियार कौन बनाएगा, टैंक कौन बनाएगा बड़े-बड़े जहाज कौन बनाएगा, और जब कोई देश इन सब संसाधनों से परिपूर्ण होता था तब उनके लोगों में एवं उनकी सेना में यह अवधारणा आ गई थी कि कोई भी दूसरा देश हमारी सेना को हमारे देश को हरा नहीं सकता है।
- Allaince System:-का तात्पर्य है गुप्त-समझौते यह ऐसे समझौते होते थे जो किसी अन्य दूसरे देशों को पता नहीं होता था यह समझौते गुप्त तरीकों से दो देशों के बीच हुआ होता था जिसकी जानकारी किसी तीसरे देश को नहीं होती थी यही मुख्य कारण था जिससे अन्य देश भी विश्व युद्ध में कूदे थे जिनका कोई लेना-देना नहीं था इस युद्ध से फिर भी वे इन समझौतों के कारण इस युद्ध में कूदे थे।
- Imperialism:-से तात्पर्य यह है किअफ्रीका बहुत बड़ा महाद्वीप था और उस समय के ताकतवर देश यह सोचते थे कि जो जितना कब्ज़ा करेगा उसे ही सबसे ज्यादा संसाधन मिलेंगे, इसमें ब्रिटेन हमेशा सबसे आगे रहता था एवं हर बार सफल भी होता था, इसमें एक महत्वपूर्ण शब्द आता है, Balconisation इसका मतलब यह है कि अंग्रेज सोचते थे कि भारत में भी Imperialism हो जाएगा और कई देश लड़ेंगे भारत को लूटने के लिए जब हम भारत को आजाद कर देंगे। ब्रिटेन की तरफ से 13 लाख भारतीय सैनिक विश्व युद्ध प्रथम में लड़े थे।
- Nationalism:- इसका मतलब है कि कुछ देश ऐसे थे जो किसी ताकतवर देश द्वारा गुलाम थे वह इस युद्ध में लड़कर अपना एक स्वयं आजाद देश बनाना चाहते थे तो वह देश भी इस युद्ध में कूद पड़े ।
कुछ अन्य कारण ( Some Other Causes for World war-1 )
- यूरोपीय देश एवं वहां के लोगों का मानना था कि Technology आ गई है तो लड़ाई बहुत छोटी होगी और हम जीत जाएंगे .
- उस वक्त के लेखकों ने भी उकसाया, लोगों कोआक्रामक किया, उनमें जोश भरा, किताबे छापी ,मैगजीन अखबारों में छपता था की लड़ने से देश बहादुर होता है
- बल्कन के युद्ध से ऑस्ट्रिया-हंगरी-अंपायर( Austria-Hungry-umpire ) से बहुत सारे छोटे छोटे देश बाहर आना चाहते थे
महत्वपूर्ण कारण ( Immediate Causes for World war-1 )
- ऑस्ट्रिया-हंगरी(Austria-Hungry) के राजकुमार Archduke Franz Ferdinand की हत्या बोस्निया(Boasnia) के व्यक्ति ने की, जिस की साजिश सरबिया(Serbia) देश के लोगों ने रची थी.
- इससे ऑस्ट्रिया ने सरबिया को धमकी दिया और कहा कि वे सरेंडर करले लेकिन सर्बिया ने ऐसा नहीं किया ।
- Serbia ने रसिया(Russia) से मदद माँगा ।
- और फिर इसे देखते हुए Austria ने भी जर्मनी से मदद मांगी एवं अंततः 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-जर्मनी ने मिलकर सरबिया पर आक्रमण कर दिया ।
- गुप्त समझौते हुए थे इसी कारणवश रसिया ने भी जर्मनी,ऑस्ट्रिया-हंगरी पर हमला कर दिया ।
- रसिया का एक गुप्त समझौता France के साथ भी हुआ था इसलिए फ्रांस ने भी जर्मनी पर हमला कर दिया ।
- इटली के भी गुप्त समझौते हुए थे लेकिन फिर भी इटली ने इस युद्ध में शामिल होने से मना कर दिया ।
- जर्मनी ने सबसे पहले फ्रांस को हराने के लिए बेल्जियम का रास्ता चुना और जब हम बेल्जियम के रास्ते हमला कर रहे थे तो ब्रिटेन के साथ गुप्त समझौते(Belgium के साथ ) के कारण ब्रिटेन ने जर्मनी पर हमला कर दिया ।
- जर्मनी काफी ताकतवर था जर्मनी फ्रांस तक घुसा फ्रांस को हराया, रसिया को हराया, इधर ओटोमन-अंपायर ने भी रसिया पर हमला कर दिया ।
- यहाँ युद्ध हो रहा था तभी 1914 में अमेरिका ने इस युद्ध में आने से मना कर दिया था लेकिन 1917 में तैयार हो गया था।
- यूएसए पहले सक्रिय था लेकिन सिर्फ गुपचुप तरीके से हथियार बेचता था , जर्मनी ने मेक्सिको को अमेरिका पर हमला के लिए भेजा था एक पत्र के जरिए लेकिन वह पत्र अमेरिका को मिल गया।
- Wilson 114 Points मैं अमेरिका ने अपना उद्देश्य बताया कि हम विश्व युद्ध प्रथम में क्यों आ रहे हैं इसका कारण था कि अमेरिका के जहाज को मार दिया गया था, जिसमें काफी Americans की मौत हो गई थी ।
- जर्मनी से लड़ने के लिया रूस के लेनिन ने मना कर दिया ।
- 1918 में सेंट्रल-पावरआर्मी हार रहे थे लेकिन फिर भी अमेरिका ने जर्मनी को हरा दिया ,और Treaty of versalilies संधि हुई और इस युद्ध की पूरी जिम्मेदारी जर्मनी पर डाल दिया गया इस संधि की वजह से जर्मनी को बहुत सारे देशों को पैसा देना पड़ा ।
- जीते हुए कॉलोनी को फ्रांस और ब्रिटेन ने बाट लिया ।
- जर्मन-अंपायर, ओटोमन-अंपायर, खलीफा सब कुछ खत्म हो गया रशिया और जर्मनी से बहुत सारे देश बने और अंत में Allied Power यानी मित्र राष्ट्र जीत गए ।
विश्व युद्ध प्रथम में भारत का योगदान
- भारत के लोगों ने France ,Middle-east, Egypt में भी लड़ाइयां लड़ी थी।
- विश्व युद्ध प्रथम में 13 लाख भारतीय सैनिक ब्रिटेन की तरफ से लड़े थे।
- जिसमें से 50,000 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए।
- आज भी इंडिया गेट का मेमोरियल इन शहीदों की याद में बनाया गया है.
दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ा ( Effect of World War-1)
- विश्व युद्ध प्रथम के बाद बहुत सारे लोग बीमारी से मर गए तभी एलेक्स फ्लेमिंग पेनिसिलिन ने एंटीबायोटिक की खोज की।
- इस युद्ध के बाद बहुत सारे सैनिक सदमे में चले गए।
- इस पूरे युद्ध में 5 करोड़ लोग मरे थे ।
- इसी युद्ध की वजह से यूरोप में आदमियों की संख्या कम हो गई थी ।
- और अंततः देश का नाम रोशन करना, लड़ाई करना युद्ध करना, यह सब सोच लोगों के भीतर से खत्म हो गई।
- औरतें फैक्ट्री में काम करने लगे वोटिंग में अधिकार मांगने लगी।
- ब्रिटेन और फ्रांस को बहुत सारी कॉलोनी मिली।
- अमेरिका सुपर पावर बन गया ।
- और तभी नाजी पार्टी से Weimer Republic ( जर्मनी का नया नाम ) से हिटलर का उदय हुआ।
-:प्रथम विश्व युद्ध की कुछ याद रखने योग्य बाते:-
- प्रथम विश्वयुद्ध की शुरूवात ” 28 जुलाई 1914″ को आस्ट्रिया द्वारा सर्विया पर आक्रमण किये जाने के साथ हुई।
- यह चार वर्षों तक चला। इसमें “37 देशों ने भाग लिया।
- प्रथम विश्वयुद्ध का तात्कालिक कारण आस्ट्रिया के “राजकुमार फर्डिनेंड” की योस्निया की राजधानी सेराजेवों मे
- प्रथम विश्वयुद्ध में सम्पूर्ण विश्व दो खेमों में बंट गया मित्र राष्ट्र एवं धुरी राष्ट्र
- धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया। इसमें शामिल अन्य देश थे (आस्ट्रिया, हंगरी और इटली आदि। )
- मित्रराष्ट्र इंग्लैंड जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस एवं फ्रांस शामिल था। )
- गुप्त संधियों को प्रणाली का जनक “बिस्मार्क” था।
- ऑस्ट्रिया, जर्मनी एवं इटली के बीच त्रिगुट का निर्माण 1882 ई. में हुआ ।
- सर्विया का गुप्त क्रांतिकारी संस्था थी – काला हाथ ।
- रूस जापान युद्ध (1904-05 ई.) का अन्त अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट की मध्यस्थता” से हुआ।
- मोरक्को संकट 1906 ई. में पैदा हुई
- प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर आक्रमण 1अगस्त, 1914 ई. में एवं फ्रांस पर आक्रमण 3 अगस्त, 1914 ई. में किया।
- 8 अगस्त,1914ई. को “इंग्लैंड” प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।
- 26 अप्रैल 1915 ई. को “इटली मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध मे शामिल हुआ।
- प्रथम विश्वयुद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति “वुडरो विल्सन” था।
- अमेरिका 6 अप्रैल, 1917 ई. को प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ।
- जर्मनी के यू-थोट द्वारा इंग्लैंड के “लुसीतानिया” नामक जहाज की डुबाने के बाद अमेरिका प्रथम विश्वयुद्ध में शामिल हुआ, क्योंकि उस जहाज पर मरने वाले 1153 व्यक्यिों में 128 व्यक्ति अमेरिकी थे।
- प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति 11 नवम्बर, 1918 ई. को हुई।
- 18 जून, 1919 ई. को पेरिस शांति सम्मेलन हुआ, जिसमें “27 देश” भाग ले रहे थे, मगर शांति-संधियों की शर्ते केवल तीन देश ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका तय कर रहे थे।
- पेरिस शांति सम्मेलन मे शांति-संचियों की शर्तें निर्धारित करने में जिन राष्ट्राध्यक्षों ने मुख्य भूमिका निभाई, ये थे अमेरिकी राष्ट्रपति “वुडरो विल्सन“, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री “लॉयड जॉर्ज” और फ्रांस के प्रधानमंत्री “जॉर्ज क्लेमेसो“।
- वर्साय की संधि 28 जून 1919 ई. को जर्मनी के साथ हुई।
- युद्ध के हजाने के रूप में जर्मनी से 6 अरब 50 करोड़ पौड” की राष्ट्रसंघ की स्थापना थी।
- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान होने वाली वर्साय की संधि में द्वितीय विश्वयुद्ध का बीजारोपण हुआ।
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