Shivrinarayan ke Mandir : Shivrinarayan Temples Nar narayan, Keshav Narayan, Chandrachur Mahadev, Jagananth, Triveni sangam, kharaud ka shivmandir chhattisgarh शिवरीनारायण के अन्य सभी मंदिर
आदि काल से छत्तीसगढ़ अंचल धार्मिक एवं सांस्कृतिक केंद्र रहा है यहां अनेक राजवंशों के साथ विविध आयामी संस्कृति या पल्लवित पुष्पित हुई है यह पावन भूमि रामायण कालीन घटनाओं से भी जुड़ी हुई है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ मे हिन्दू धर्म के मंदिर स्थापत्य का बोलबाला रहा है |
हिन्दू धर्म के नगर के रूप में शिवरीनारायण का नाम प्रमुख रूप से सामने आता है, बिलासपुर से 64 किलोमीटर दूर महानदी के पावन तट पर बसे इस नगर में कलचुरी कालीन स्थापत्य कला के सर्वाधिक मंदिर हैं ,शिवरीनारायण को नारायण या पुरुषोत्तम क्षेत्र भी कहा जाता है यहां के सभी मंदिर पूर्ण रूप से भगवान विष्णु को समर्पित है जिनकी भव्यता देखते ही बनती है |
इसे भी पढ़े : मल्हार बिलासपुर की खूबसूरती देखकर चौक जायेंगे आप ?
महानदी शिवनाथ नदी व जोक नदी के संगम पर बसे इस नगर का एक अलग ही महत्व इतिहास रहा है इस नगर का नाम शिवरीनारायण क्यों पड़ा इस विषय में कुछ इतिहास हैं जिनके अनुसार यह स्थान रामायण कालीन राम भक्त शबरी की तपोभूमि था , यहां शबरी ने राम को झूठे बेर खिलाए थे अतः शबरी के नाम पर यह सबरी-नारायण हो गया यहां शबरी का ईटो से बना एक प्राचीन मंदिर भी है इसके अलावा भी बहुत से प्रमाण हैं जो इस तथ्य का समर्थन करते हैं | ( Shivrinarayan Temples Nar narayan, Keshav Narayan, Chandrachur Mahadev, Jagananth, Triveni sangam, kharaud ka shivmandir chhattisgarh )
आगे हम और भी मंदिरों के बारे में बताएंगे जो शिवरीनारायण के आसपास है :-
नर-नारायण मंदिर: Narnarayan Mandir Chhattisgarh
यह प्राचीन मंदिर लगभग 12 वीं सदी ईस्वी में बना है , इतिहास के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा सबर ने करवाया था इस मंदिर की खासियत यहां की स्थापत्य कला व मूर्ति कला है , यहां बहुत बारीक बेल बुटो का सुंदर अलंकरण किया है
यह मंदिर मेरु शिखर के रूप में है जो कुछ-कुछ श्रीयंत्र ऐसा प्रतीत होता है मंदिर के मंडप में बाई और भगवान लक्ष्मी नारायण की एक प्राचीन मूर्ति है इस मूर्ति के चारों ओर भगवान विष्णु के सभी 10 अवतारों का बारी-बारी से अत्यंत सूक्ष्म व सुंदर चित्रण किया गया है |
थोड़ा आगे बढ़ने पर मुख्य मंदिर के प्रवेश द्वार पर दंड व चवन लिए भगवान विष्णु के पार्षद शंखपुरुष और चक्र-पुरुष खड़े हैं | शंख के ठीक ऊपर गंधर्व विद्याधर का अंकन है चक्र पुरुष के ऊपर भी गंधर्व विद्याधर दरशनीयहै पूर्व प्रवेश द्वार में गंगा ,यमुना , सरस्वती ,नाग ,नागिन ,कछुआ ,मगर आदि का अत्यंत दर्शनीय चित्रांकन किया गया है यहां पर भगवान विष्णु के द्वारपाल जय-विजय को भी प्रदर्शित किया गया है |
उनके साथ में त्रिवेणी अर्थात गंगा ,यमुना ,सरस्वती की मूर्तियां है प्रवेश द्वार के ठीक ऊपर बीच में भगवान गणेश की लघु आकार की प्रतिमा है इसके ऊपर भगवान विष्णु के सभी अवतारों एवं नौ ग्रहों का मनोहारी चित्रण किया गया है
मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने पर भगवान नारायण की नयन भी राम मूर्ति के दर्शन होते हैं यह मूर्ति खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी इस मूर्ति के बगल में लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित है भगवान नारायण की मूर्ति बलुआ पत्थर की बनी हुई है |
केशव नारायण मंदिर : Keshav Narnarayan Mandir Chhattisgarh
12 वीं शताब्दी का यह मंदिर नर-नारायण मंदिर के ठीक सामने है इस मंदिर में भगवान विष्णु की अत्यंत प्राचीन भव्य प्रतिमा है इस मूर्ति के चारों और भगवान विष्णु के 10 अवतारों का सुंदर अंकन है इस मंदिर में दो स्तंभ हैं एक स्तंभ में सुंदर चित्रकारी की गई है जबकि दूसरे स्तंभ को खाली छोड़ दिया गया है |
प्राचीन मान्यता के अनुसार भगवान नारायण के पैर के पास जिस स्त्री का चित्रांकन किया गया है वहीं सबरी है पंचरथ तल विन्यास पर निर्मित यह भूमिज शैली का ईटो से निर्मित सुन्दर मंदिर है इस मंदिर का निर्माण काल 9वीं सदी ईस्वी माना जाता है इस मंदिर के प्रवेश द्वार स्थित स्तंभों पर विष्णु के व्यूहरूप 24 अवतारों का अंकन उल्लेखनीय है |
चंद्रचूड़ महादेव मंदिर : Chandrachur Mahadev Mandir Chhattisgarh
नर नारायण मंदिर के बाजू में शिवजी का एक प्राचीन मंदिर है जिसे चंद्रचूर महादेव का मंदिर भी कहा जाता है चेदि संवत 919 का बना यह मंदिर नारायण के इस क्षेत्र में अपवाद के रूप में लिया जा सकता है इस मंदिर में कलचुरी कालीन शिलालेख भी प्राप्त हुए हैं |
जगननाथ मंदिर : Jagananth Mandir Chhattisgarh
सन 1927 में बना यह मंदिर नर नारायण मंदिर से कुछ कदम की दूरी पर है मंदिर की रचना कुछ-कुछ पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सदृश्य जान पड़ता है इस मंदिर के समीप ही एक वटवृक्ष है जिसे “कृष्ण वक्त” या “माखन कटोरी” नाम से संबोधित किया जाता है इस पेड़ की खासियत यह है कि इसका हर तथा दोनों के आकार का है |
माघ पूर्णिमा को हर साल यहां एक भव्य मेला लगता है जिसमें शामिल होने लोग दूर-दूर से आते हैं , मेला लगभग 15 दिनों तक चलता है प्राचीन मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा में हर साल भगवान जगन्नाथ यहां आते हैं महाशिवरात्रि को मेले का अंत होता है उस दिन यहां के लोगों का उत्साह देखते ही बनता है|
त्रिवेणी संगम : Triveni Sangam Chhattisgarh
शिवरीनारायण में 3 नदियां- महानदी, शिवनाथ नदी व जोक नदी का संगम होता है संगम का जल अत्यंत स्वच्छ रहता है और यहां आने वाले सैलानी इसका पूर्ण आनंद उठा सकते हैं नदियों के आजू-बाजू लगे तरबूज खरबूज और ककरी के हरे भरे खेत अत्यंत सुंदर एवं मनभावन लगते हैं |
खरौद का शिवमंदिर : Kharaud ka Shivmandir
शिवरीनारायण से 3 किलोमीटर दूर शिव मंदिर व शैवमठ के कारण शिवाकाशी कहलाता है यहां शिव के विराट स्वरूप की पूजा दूल्हा देव के रूप में की जाती है शिव के साथ शक्ति एवं कंकाली देवी की पूजा ग्राम देवी के रूप में की जाती है
नगर के प्रवेश द्वार पर तालाब एवं उनके किनारे भव्य मंदिर स्थित है इसमें लक्षमारेश्वर मंदिर , पूर्व में शीतला माता का मंदिर उत्तर में राम सागर का देवधारा तालाब और हनुमान की कीर्तिपताका , दक्षिण में शबरी देवी का मंदिर है |
तथा मध्य में इंदलदेव का मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है इनमें सबसे प्राचीन मंदिर है लक्षमारेश्वर-महादेव का मंदिर | सिरपुर के सोमवंशी राजाओं द्वारा बनवाए गए इस मंदिर में जागृत एवं खंडित शिलालेख मै इंद्रबल तथा इशानदेव नामक दो शासकों का उल्लेख है यह ईसवी सं 1192 के एक शिलालेख में कलिंगराज् तृतीय तक हैहयों की पूर्ण वंशावली का विवरण है|
लगभग 1300 साल पुराने सातवीं शताब्दी के इस मंदिर के गर्भ में एक अद्भुत व अनोखा शिवलिंग है इसमें सवा लाख लिंग है इस संबंध में प्राचीन मान्यता है की लंका विजय के पश्चात जब लक्ष्मण वापस अयोध्या लौट रहे थे तब वह कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए और वही गिरे
तब उन्होंने सवा लाख शिवलिंग बनाकर भगवान शंकर का आह्वान किया तब शंकर भगवान ने उन्हें रोग मुक्त कर दिया यहां हर वर्ष फरवरी माह में मेला लगता है और महाशिवरात्रि में बड़ा मेला लगता है यह भी कहा जाता है कि लक्ष्मणेश्वर शिवलिंग पर सवा लाख चावल के दाने चढ़ाने से दर्शनार्थियों की हर मनोकामना पूरी होती है
दोस्तों अंत में मैं राजवीर सिंह , हमारे पोस्ट को इतने देर तक पढ़ने के लिए , हमारे सोशल मिडिया अकौंट्स में जुड़ने के लिए , हमारे ब्लॉग को दायी ओर की नीली घंटी दबा के हमें सब्सक्राइब करने के लिए , हमारे साथ इतने देर तक जुड़े रहने के लिए आपका हाथ जोड़ के धन्यवाद् करता हु .
हमारे इस कार्य को करने में काफी समय और मेहनत लगता है जो आप के सहयोग से कम हो सकता है , आप अपने मन से हमें कुछ भी सहयोग दे सकते है । याद रहे हम आपके सहयोग की भी प्रतीक्षा करेंगे : UPI ID-iamchhattisgarh@apl |
छत्तीसगढ़ से अन्य सभी जानकारिया जो आपको इंटरनेट पर कभी नहीं मिलेगा
👉माँ मड़वारानी मंदिर : आखिर क्यों मंडप छोड़ भाग आयी थी माता मड़वारानी
👉पाताल भैरवी मंदिर : शिव , दुर्गा , पाताल भैरवी एक ही मंदिर में क्यों है ?
👉फणीकेश्वरनाथ महादेव मंदिर : सोलह खम्बो वाला शिवलिंग अपने नहीं देखा होगा !
👉प्राचीन शिव मंदिर : भगवन शिव की मूर्तियों को किसने तोडा , और नदी का सर धार से अलग किसने किया ?
👉प्राचीन ईंटों निर्मित मंदिर : ग्रामीणों को क्यों बनाना पड़ा शिवलिंग ?
👉चितावरी देवी मंदिर : शिव मंदिर को क्यों बनाया गया देवी मंदिर ?
👉शिव मदिर : बाली और सुग्रीव का युद्ध करता हुआ अनोखा मंदिर !
👉सिद्धेश्वर मंदिर : आखिर त्रिदेव क्यों विराजमान है इस मंदिर पर ?
👉मावली माता मंदिर : महिसासुर मर्दिनी कैसे बन गयी मावली माता ?
👉कुलेश्वर मंदिर : ब्रह्मा, विष्णु , शंकर के रचयिता अदि शिव का मंदिर
👉चंडी माता मंदिर : विचित्र ! पत्थर की स्वयंभू मूर्ति निरंतर बढ़ रही है !
👉खरौद का शिवमंदिर : लक्ष्मण जी ने क्यों बनाये थे सवा लाख शिवलिंग ?
👉जगननाथ मंदिर : चमत्कार ! पेड़ का हर पत्ता दोने के आकर का कैसे ?
👉केशव नारायण मंदिर : भगवान विष्णु के पैर के नीचे स्त्री, शबरी की एक कहानी !
👉नर-नारायण मंदिर : मेरु शिखर के जैसा बना मंदिर !
👉राजीव लोचन मंदिर : कुम्भ से भी अनोखा है यहाँ का अर्धकुम्भ !
👉देवरानी और जेठानी मंदिर : क्या है सम्बन्ध दोनों मंदिरो के बीच ?
👉मामा भांजा मंदिर : ऐसा मंदिर जिसका निर्माण एक दिन में किया गया !
👉लक्ष्मण मंदिर : पुरे भारत में ईंटो से निर्मित पहला मंदिर
👉जैन मंदिर : राजपूत राजाओ द्वारा बनाये गए जैन मंदिर
👉विष्णु मंदिर : कलचुरी शासको द्वारा बनाया गया अब तक का जबरजस्त मंदिर !
👉गणेश मंदिर : पुत्री उषा और चित्रलेखा की कहानी !
👉दंतेश्वरी मंदिर : 52वा शक्तिपीठ जिसके बारे में बहुत हिन्दू नहीं जानते !
👉हटकेश्वर महादेव मंदिर : जिसे मुग़ल भी नहीं तोड़ पाए !
👉महामाया देवी मंदिर : यहाँ 31 हजार ज्योति कलश क्यों जलाते है श्रद्धालु !
👉शिवरीनारायण मंदिर : जहा भगवान राम ने खाये थे शबरी के झूठे बेर ।
👉माँ बम्लेश्वरी मंदिर : आखिर क्यों तालाब में कूदी थी कामकंदला ?
👉नगपुरा जैन मंदिर : राजा गज सिंह ने 108 जैन मुर्तिया बनाने की प्रतिज्ञा क्यों ली ?
👉भोरमदेव मंदिर : दाढ़ी-मुछ वाले योगी की मूर्ति के पेट पर क्या लिखा है ?
👉माता कौशल्या मंदिर : वह धरती जिसने भगवान राम की माता कौशल्या को जन्म दिया !
👉डीपाडीह मंदिर : सामंत की रानियाँ क्यों कूद पड़ी आग में ?
👉शिवरीनारायण के आस पास के अन्य सभी मंदिर ।
👉बाबा सत्यनारायण धाम रायगढ | Baba Satyanarayan Dham Chhattisgarh
👉लुतरा शरीफ बिलासपुर छत्तीसगढ़ | Lutra Sharif Bilaspur Chhattisgarh
👉शदाणी दरबार छत्तीसगढ़ | Shadani Darbar Raipur Chhattisgarh
👉छत्तीसगढ़ के धार्मिक स्थल | Chhattisgarh ke Dharmik Sthal
👉श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा | Shree Guru Singh Sabha Gurudwara Chhattisgarh
👉बस्तर दशहरा छत्तीसगढ़ | Bastar Dashhara Chhattisgarh
👉प्रथम विश्व युद्ध का इतिहास | Pratham Vishwa Yudh Ka Itihas
👉[2021] छत्तीसगढ़ के सरकारी योजनाए
👉छत्तीसगढ़ में शिक्षा स्कूल विश्वविद्यालय
👉छत्तीसगढ़ के औधोगिक पार्क काम्प्लेक्स
👉Chhattisgarh Dolomite Tin Heera Sona Diamond Gold
👉छत्तीसगढ़ में बॉक्साइट ऐलुमिनियम
👉छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क कहा कहा पाया जाता है |
👉दीवानपटपर गांव कवर्धा छत्तीसगढ़
👉छत्तीसगढ़ी कलेवा व्यंजन पकवान भोजन
👉छत्तीसगढ़ में शिक्षा प्रेस का विकास
👉छत्तीसगढ़ के साहित्य साहित्यकार
👉छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण तिथि क्रम
👉छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न भवनों के नाम
👉Pandit Ravishankar Shukla ka Jeevan Parichay
👉छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थापना
👉ठाकुर प्यारेलाल सिंह छत्तीसगढ़
👉इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय
👉छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यक्तित्व
👉केंद्र संरक्षित स्मारक छत्तीसगढ़
👉छत्तीसगढ़ संभाग एवं जिलो का गठन
👉छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास केंद्र
👉गोरेला पेंड्रा मरवाही छत्तीसगढ़
👉Chhattisgarh Corundum Alexandrite Uranium Graphite Copper
👉छत्तीसगढ़ राज्य संरक्षित स्मारक
👉छत्तीसगढ़ के प्राचीन स्थानों-शहरो नाम
👉प्रज्ञागिरी पर्वत डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़
👉छत्तीसगढ़ के महिला सांसद और विधायक
👉छत्तीसगढ़ में नदियों किनारे बसे शहर
👉शिवनाथ नदी अपवाह तंत्र छत्तीसगढ़
👉महानदी बेसिन छत्तीसगढ़ का मैदान
👉 छत्तीसगढ़ की जबरजस्त चित्रकला जिसे अपने नहीं देखा !
👉 छत्तीसगढ़ के त्यौहार क्यों है दूसरे राज्यों से अच्छा !
👉 छत्तीसगढ़ का लोकनृत्य लोकनाट्य देखकर आप ठुमकना छोड़ देंगे !
👉 छत्तीसगढ़ के लोकगीत जिसे अपने अबतक नहीं सुना ?
👉 छत्तीसगढ़ के देवी देवता जो बाहरी हिन्दू नहीं जानते होंगे ?
👉 छत्तीसगढ़ जनजाति विवाह गीत सुनते ही गुनगुनाने का मन करेगा !
👉 छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजातियाँ
👉 छत्तीसगढ़ी भाषा छत्तीसगढ़ी बोली
👉 छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियाँ
विद्रोह :-
👉 मुरिया विद्रोह में आदिवासियों ने कैसे अंग्रेजो को धूल चटाई ?
👉 लिंगागिरी विद्रोह के मंगल पांडेय से मिलिए !
👉 मेरिया माड़िया विद्रोह में दंतेश्वरी मंदिर पर अंग्रेजो ने कैसे हमला किया ?