Chhattisgarh ka Hareli Tyohar | छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार
छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध : छत्तीसगढ़ लोकपर्व हरेली को लोग हरियाली से जोड़कर देखते है। वर्षा ऋतु प्रत्येक पर्व हरियाली और पर्यावरण से समीकृत है। हरेली वस्तुतः हलेरी का अपभ्रंश है। इस दिन हलदि कृषि उपकरणों को धोकर उसकी पूजा अर्चना की जाती है।
श्रावण की अमवस्या में भामि दलदलनुमा कीचड़ से युक्त हो जाती है, अतः हल की शक्ल में गेड़ी बनाकर एक स्थल से दूसरे स्थल गमन की परंपरा प्रचलित रही होगी, यह अनुमान सहजत: किया जा सकता है।
ऐसी भामि में विषैली जीव-जंतुओं से बचाव के लिए भी गेड़ी महत्वपूर्ण प्रमाणित होता है। इस दिन रावत गृह स्वामी के घरों और गौशालों में जाकर नीम की डाल खोंस देते हैं। इससे बरसाती बीमारियों से तो बचा सकता है- शीतल, मंद समीकरण से पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होने पाता। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
हरेली अमूस |
बस्तरांचल में श्रावण मास की अमावस्या को हरेली अमूस मुख्यतः पशुओं की सुरक्षा को समर्पित होता है। इस पर्व के एक दिन पूर्व धोरई चरवाहा सेदावरी, रसना, रचना, दशमूल, महुआ, भँवर जड़ी मेहदा, छाली, बंगला पेड़ के कंद आदि का पूजन कर गायता के दिशा निर्देशन में गुणकारी औषधि तैयार करता और हरेली अमूस के दिन पशुओं को खिलाया जाता है। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
सनवाही |
सनवाही पसनवाही पर्व सावन-भादों माह में चौपाये को खुर की बीमारी से बचाने और उसे दूर करने के लिए खुर में एरंड, अलसी अथवा भिलबा का तेल लगाना फायदेमंद होता है। इसी तरह लुहार अपने गृह स्वामी के गृह के मुखय द्वार की चौखट पर कील ठोंक कर त-प्रेम औश्र पिशाच की बाधा को दूर करने का टोटका करता है।
यद्यपि तांत्रिकों की सिद्धि के लिए प्रत्येक मास की अमावस्या का महत्व है तथापि लोकजीवन में हरेली, पोला और दीपावली की अमावस्या को विशेष महत्व दिया जाता है। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
खमरछठ – हल्दी मिश्रित पोता |
हलषष्ठी को छत्तीसगढ़ में खमरछठ के रूप में संबोध्य किया जाता है। यदि श्रीकृष्ण गो-पालन की महत्ता प्रतिपादित करते हैं तो उनके अग्रह हलधर अर्थात् बलराम कृषि कर्म को महिला मंडित करते है। संतात की सुख शांति, यशोकामना और दीर्घायु को लेकर इस दिन माता उपवास रखती हैं।
माताएँ पूजा के पश्चात् संतान को आमंत्रित कर रुई के फोहे को छुट्टी मिट्टी की घोल में गोकर पीठ कर काँस फूल, बेर या पलाश की डाल से छह बार मारने का उपक्रम करके रक्षा कवच धारण कराती है। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
और हल्दी मिश्रित पोता मारने का कार्य करती हैं तो यह भी सुरक्षा प्रदान करने का टोटका ही कहा जाएगा। बिन हल जोते हुए, भामि का चावल विशेष पसहर, मुनगे-सहित छह प्रकार की भाजी, भैंस का घी, दही, सेंधा नमक, धनमिर्चि का सेवन किया जाता है। भगवती माता के छठे अंश छठी देवी की पूजा संतान की कामाना को केन्द्र में रखकर किया जाने वाले पर्व है।
उराँव समान में हरियारी पूजा |
उराँव समान में इसे हरियारी पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हल का उपयोग वर्जित होता है तथा आराधना के रूप में कामना की जाती है कि फसल लहलहाते रहे, किसी प्रकार की बीमारी न हो तथा कृषि में संलग्न पशु स्वस्थ्य रहें। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
इसी तरह कदलेटा नामानुरूप कीचड़ में लथपथ होकर खेती करने के समय धान रोपाई के पर्व मास में खेत का पानी रोककर मनाया जाने वाला पर्व है। इस वर्षा का सुरक्षित पानी रोपा के लिए पृष्ठभूमि तैयार करता है। कृषि पर परा का यह लोकविज्ञान भी पीढ़ियों से प्रचलित है। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
ग्रीन ब्लड – भोजली भू-जल से समीकृत है |
अंधेरे कक्ष में टोकरी में विसर्जित भोजली के हरित और पीत आभा को निरखकर तथा उसके सघन विरल रूप को परखकर फसल का पूर्वानुमान लगाया जाता है। इस तरह ये लोकविज्ञान प्रकृति के आराधक-पुत्र को आध्यात्म की धरती प्रदान करते है। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
गेहूँ और जौ के दानों का अंकुरण पादप भोजली और नवरात्रि में जँवारा के पौधों से प्राप्त शुध्द वायु जहाँ साँस के माध्यम से फेफड़ों को शुध्द करती है, वहीं इसका रस कैंसर जटिल बीमारी के साथ भगंदर, पीलिया, थैलसीमिया, ल्यूकेमिया, बवासीर, मधुमेह, गठिया, अनिद्रा, खून की कमी आदि के लिए उपयोगी प्रमाणित हुआ है।
इस रस में सत्तर प्रतिशत तरल क्लोरोफिल, पोटेशियम, केरोटीन, प्रोटीन, नब्बे प्रतिशत से अधिक खनिज, लौहतत्व, कैल्शियम एन्जाइम, अमीनो एसिड और अधिकाधिक विटामिन मौजूद है, जो मनुष्य के चालीस प्रतिशत रक्त से मेल खाते है। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
इसी आधार पर इसे ग्रीन ब्लड कहा जाता है जो खून के लाल कणों की श्रीवृध्दि के साथ पाचन की क्रिया में सहायक होकर मनुष्य को स्वस्थ्य कर देता है। भाद्र प्रतिपदा को अर्थात् भोजली के पावन प्रसंग पर छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति भोजली को साक्षी मानकर और एक-दूसरे के कान में खोंसकर भोजली बदलती है और इस रिश्ते को जीवन पर्यंत निभाने की शपथ लेती ।
इस तरह यहाँ जातिगत कट्टरता नहीं है। इसी तरह पुरूष मितान, जँवारा महापरसाद बटते हैं, जबकि स्त्रियाँ भोजली के अतिरिक्त गीयाँ, गजामूंग, सखी आदि इस आत्मीय रिश्ते को ही संबोधन के रूप में स्वीकार करती हैं। ( छत्तीसगढ़ का हरेली त्योहार Chhattisgarh ka Hareli Tyohar, छत्तीसगढ़ का लोकपर्व हरेली , Chhattisgarh ka Lokparv Hareli , Cg lokparv hareli, Hareli Tihar chhattisgarh, Hareli festival chhattisgarh, Hareli Tihar kab hai, हरेली त्यौहार का निबंध )
इन्हे भी पढ़े :-
आजीविका |
1.अर्थव्यस्था में कृषि की भूमिका | क्लिक करे |
2.हरित क्रांति | क्लिक करे |
3.कृषि में यंत्रीकरण | क्लिक करे |
4.कृषि सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारिया | क्लिक करे |
5.कृषि सम्बंधित महत्वपूर्ण योजनाए | क्लिक करे |
6.राज्य के जैविक ब्रांड | क्लिक करे |
7.शवेत क्रांति | क्लिक करे |
8.राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन | क्लिक करे |
9.दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान | क्लिक करे |
10.दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौसल योजना | क्लिक करे |
11.आजीविका एवं ग्रामोद्योग | क्लिक करे |
12.ग्रामोद्योग विकास के लिए छत्तीसगढ़ शासन के प्रयत्न | क्लिक करे |
13.संस्थागत विकास- Cg Vyapam ADEO Notes | Cg vyapam ADEO Book pdf Download | क्लिक करे |
15.आजीविका हेतु परियोजना प्रबंध सहकारिता एवं बैंक | क्लिक करे |
16.राज्य में सहकारिता | क्लिक करे |
17.सहकारी विपरण | क्लिक करे |
18.भारत में बैंकिंग | क्लिक करे |
19.सहकारी बैंको की संरचना | क्लिक करे |
20.बाजार | क्लिक करे |
21.पशु धन उत्पाद तथा प्रबंध | क्लिक करे |
22.छत्तीसगढ़ में पशु पालन | क्लिक करे |
23.पशु आहार | क्लिक करे |
24.पशुओ में रोग-Cg Vyapam ADEO Notes | Cg vyapam ADEO Book pdf Download | क्लिक करे |
25.मतस्य पालन | क्लिक करे |
ग्रामीण विकास की फ्लैगशिप योजनाओ की जानकारी |
1.महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना | क्लिक करे |
2.महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की विशेषताएं | क्लिक करे |
3.सुराजी गांव योजना | क्लिक करे |
4.स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना | क्लिक करे |
5.इंदिरा आवास योजना-Cg Vyapam ADEO Notes | Cg vyapam ADEO Book pdf Download | क्लिक करे |
6.प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) | क्लिक करे |
7.प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना | क्लिक करे |
8.मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना | क्लिक करे |
9.मुख्यमंत्री ग्राम गौरव पथ योजना | क्लिक करे |
10.श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन | क्लिक करे |
11.अटल खेतिहर मजदूर बीमा योजना | क्लिक करे |
12.आम आदमी बिमा योजना | क्लिक करे |
12.स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) | क्लिक करे |
13.सांसद आदर्श ग्राम योजना | क्लिक करे |
14.विधायक आदर्श ग्राम योजना | क्लिक करे |
17.पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग की योजनाए | क्लिक करे |
19.निशक्त जनो के लिए योजनाए | क्लिक करे |
20..सामाजिक अंकेक्षण-Cg Vyapam ADEO Notes | Cg vyapam ADEO Book pdf Download | क्लिक करे |
21.ग्रामीण विकास योजनाए एवं बैंक | क्लिक करे |
22.सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 | क्लिक करे |
21.जलग्रहण प्रबंधन : उद्देश्य एवं योजनाए | क्लिक करे |
22.छत्तीसगढ़ में जलग्रहण प्रबंधन | क्लिक करे |
23.नीरांचल राष्ट्रीय वाटरशेड परियोजना | क्लिक करे |
पंचायतरी राज व्यवस्था |
1.पंचायती राज व्यवस्था | क्लिक करे |
2.73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 : सार-संक्षेप | क्लिक करे |
3.73 वाँ संविधान संशोधन के प्रावधान | क्लिक करे |
4.छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम | क्लिक करे |
5.छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
6.ग्राम सभा से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
6.अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों के लिए विशिष्ट उपबंध से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
7.पंचायत की स्थापना से सम्बंधित प्रश्न -Cg Vyapam ADEO Notes | Cg vyapam ADEO Book pdf Download | क्लिक करे |
8.पंचायतों के कामकाज -संचालन तथा सम्मिलन की प्रक्रिया से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
10.ग्राम पंचायत के कार्य से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
11.पंचायतों की स्थापना, बजट तथा लेखा से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
12.कराधान और दावों की वसूली से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
13.पंचायतो पर निर्वाचन का संचालन नियंत्रण एवं उपविधियाँ से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
16.शास्तियाँ-Cg Vyapam ADEO Notes | Cg vyapam ADEO Book pdf Download | क्लिक करे |
17.14 वा वित्त आयोग से सम्बंधित प्रश्न | क्लिक करे |
18.15 वाँ वित्त आयोग क्या था | क्लिक करे |
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान |
1.छत्तीसगढ़ नामकरण | क्लिक करे |
2.छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ | क्लिक करे |
3.छत्तीसगढ़ राज्य का गठन | क्लिक करे |
4.छत्तीसगढ़ की भगौलिक स्थिति , क्षेत्र एवं विस्तार | क्लिक करे |
5.छत्तीसगढ़ का विधायिका | क्लिक करे |
6.छत्तीसगढ़ में अब तक के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री | क्लिक करे |
7.छत्तीसगढ़ की न्यायपालिका | क्लिक करे |
8.छत्तीसगढ़ के राज्य के प्रतिक | क्लिक करे |
9.छत्तीसगढ़ के जिलों की सूचि | क्लिक करे |
10.छत्तीसगढ़ का भूगोल | क्लिक करे |
11.छत्तीसगढ़ की मिट्टिया | क्लिक करे |
12.छत्तीसगढ़ की जलवायु | क्लिक करे |
13.छत्तीसगढ़ का अपवाह तंत्र | क्लिक करे |
14.छत्तीसगढ़ की परियोजनाएं | क्लिक करे |
15.छत्तीसगढ़ के जलप्रपात | क्लिक करे |
16.छत्तीसगढ़ में कृषि सम्बंधित जानकारिया | क्लिक करे |
17.छत्तीसगढ़ में खनिज | क्लिक करे |
18.छत्तीसगढ़ में ऊर्जा संसाधन | क्लिक करे |
19.छत्तीसगढ़ के उद्योग | क्लिक करे |
20.छत्तीसगढ़ के औधोगिक विकास पार्क | क्लिक करे |
21.छत्तीसगढ़ के परिवहन | क्लिक करे |
22.छत्तीसगढ़ की जनगणना | क्लिक करे |
23.छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ | क्लिक करे |
24.छत्तीसगढ़ के किले महल एवं पर्यटन स्थल | क्लिक करे |
25.छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार | क्लिक करे |
26.छत्तीसगढ़ के प्रमुख मेले एवं तिथि | क्लिक करे |
27.छत्तीसगढ़ के लोक महोत्सव | क्लिक करे |
28.छत्तीसगढ़ के प्रमुख व्यंजन | क्लिक करे |
29.छत्तीसगढ़ का लोक नृत्य | क्लिक करे |
30.छत्तीसगढ़ का लोक नाट्य | क्लिक करे |
31.छत्तीसगढ़ का लोकगीत | क्लिक करे |
32.छत्तीसगढ़ के लोक खेल | क्लिक करे |
33.छत्तीसगढ़ का चित्रकला | क्लीक करे |
31.छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प | क्लिक करे |
32.छत्तीसगढ़ के आभूषण | क्लिक करे |
33.छत्तीसगढ़ के प्रमुख चित्रकार एवं शिल्पकार | क्लिक करे |
34.छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास | क्लिक करे |
35.छत्तीसगढ़ का मध्यकालीन इतिहास | क्लिक करे |
36.छत्तीसगढ़ का आधुनिक इतिहास | क्लिक करे |
39.छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोह | क्लिक करे |
40.छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता आंदोलन | क्लिक करे |
41.छत्तीसगढ़ के असहयोग आंदोलन | क्लिक करे |
42.छत्तीसगढ़ में सविनय अवज्ञा आंदोलन | क्लिक करे |
43.छत्तीसगढ़ में शिक्षा | क्लिक करे |
44.छत्तीसगढ़ में प्रथम | क्लिक करे |