नमस्ते विद्यार्थीओ आज हम पढ़ेंगे भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh के बारे में जो की छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी परीक्षाओ में अक्सर पूछ लिया जाता है , लेकिन यह खासकर के CGPSC PRE और CGPSC Mains में आएगा , तो आप इसे बिलकुल ध्यान से पढियेगा और हो सके तो इसका नोट्स भी बना लीजियेगा ।
भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh
✅ भील मीणा जनजाति की उतपत्ति
भील मीणा मध्य प्रदेश की एक जनजाति है, इनकी जनसंख्या राजस्थान में अधिक है। 2011 की जनगणना अनुसार मध्य प्रदेश में इनकी जनसंख्या 2244 दर्शाई गई है। मध्य प्रदेश में भील मीणा जनजाति के लोग मुख्यतः नीमच, मदसौर और रतलाम जिले में निवास करते हैं। राजस्थान में इनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना में 105393 दर्शित है। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
छत्तीसगढ़ में इनकी जनसंख्या जनगणना 2011 में 71 दर्शाई गई है। इनमें पुरुष 47 तथा स्त्रियाँ 24 थीं संभयतः राजस्थान व मध्य प्रदेश के भील मीणा जनजाति के कुछ परिवार राज्य विभाजन में राज्य शासन के कर्मचारी के रूप में तथा केन्द्र के कार्यालयों में कर्मचारी के रूप में पदस्थ हैं, उनका परिवार है।
भील मीणा जनजाति के उत्पत्ति के संबंध में ऐतिहासिक अभिलेख नहीं मिलता। भील मीणा जनजाति भील और मीणा जाति के वैवाहिक संबंध से उत्पन्न एक नवीन जाति मानी जाती है। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
✅ भील मीणा जनजाति का रहन-सहन
भील मीणा जनजाति मुख्यतः भील, डामौर आदि जनजाति तथा अन्य जातियों के साथ ग्राम में निवास करते हैं। इनके घर मिट्टी के बने होते हैं, जिस पर बाँस तथा देशी कवेलु का उप्पर होता है। घर की दीवार पर मिट्टी का ही प्लास्टर होता है। इसकी पुताई पीले या सफेद मिट्टी से करते हैं। घर के मिट्टी के फर्श को गोबर से लीपते हैं। घर में दो-तीन कमरे होते हैं।
घरेलू वस्तुओं में अनाज रखने की कोठी, मिट्टी, एल्युमिनियम के बर्तन, खेती के उपकरण, दराती, कुल्हाड़ी, धारिया, तीर-कमान, मछली पकड़ने के जाल, मूसल, घंट्टी, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र, वाद्ययंत्र आदि होते हैं। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
वस्त्र विन्यास में पुरुष धोती, बंडी, पगड़ी, महिलायें घाघरा, कांचली, ओदनी, पहनती हैं। स्त्रियाँ गुदना गोदवाती है। महिलाएँ आभूषणों की शौकीन होती हैं। गले में काँच की मोतियों से निर्मित गुरिया, सुतिया, चाँदी की हंसली, पैर में कड़ी, कमर में करदोना, नाक में नथनी, कान में एरिंग, सिर में बोरियु बाँधती है। अधिकांश आभूषण गिलट या नकली चाँदी के होते हैं।
इनके मुख्य भोजन मक्का, ज्वार, बाजारा, गेहूँ की रोटी, मौसमी साग-भाजी, उदर, तुबेर की दाल आदि हैं। मांसाहार में मुर्गा, बकरा, मछली आदि खाते हैं। महुआ से निर्मित शराब पीते हैं। पुरुष बीड़ी भी पीते हैं। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
✅ भील मीणा जनजाति के व्यवसाय
भील मीणा जनजाति मुख्यतः कृषि मजदूरी पर निर्भर है। इनकी खेती असिंचित है इसमें मक्का, ज्वार, गेहूं, मूंग, उड़द, तुवेर आदि बोते हैं। जमीन पथरीली होने के कारण उत्पादन कम होता है। रतलाम, मंदसौर तथा गुजरात, राजस्थान के शहरों में प्रवासित होकर मजदूरी करने भी कई युवक-युवतियाँ चले जाते हैं।
स्थानीय कृषकों के खेतों में भी मजदूरी करते हैं। कुछ लोग फागुन चैत्र में महुआ तथा आषाढ़ में गुल्ली एकत्र कर बेचते हैं। वर्षा ऋतु में स्थानीय नदी, नाले से अपने उपयोग के लिये मछली पकड़ते हैं। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
भील मीणा मुख्यतः दो समूह क्रमशः उजले और मैले में विभक्त है। उजले समूह को भगत भी कहते हैं, जो धार्मिक सम्प्रदाय के सम्पर्क आकर शराब, मांसाहार छोड़ चुके हैं। मैले समूह के लोग शराब व मांसाहार सेवन करते हैं। भील मीणा विवाही गोत्रों (अटेक) में विभक्त है।
इनके प्रमुख गोत्रचमाणा दायणा, परमार, राठौड़, भणांत, राणा, रावत, सोलंकी, मकवाणा आदि हैं। प्रत्येक कुल की कुल देवी पाई जाती है। परिवार पितृवंशी, पितृ उत्तराधिकारी तथा पितृ निवास स्थानीय पाया जाता है। विवाह के 2-3 वर्ष बाद लड़के अलग घर बनाकर रहने लगते हैं। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
✅ भील मीणा जनजाति के परम्पराये
प्रथम गर्भावस्था में “खोड़ो भरने ” का रस्म होता है। प्रसव घर पर ही परिवार की बुजुर्ग महिलाएँ व “सुवारनी” (दाई कराती है। नाल बाँस की पतली पंधी (नेर) से काटती हैं। प्रसूता को गेहूँ की दलिया, गुड़, घी व उड़द के लड्डू, सौंठ, पीपर, जड़ी-बूटी का काढ़ा देते हैं। सातवें दिन बच्चे व प्रसूता को नहलाकर “सावा” पूजा करते हैं। रिस्तेदारों को भोजन कराते व दारू पिलाते हैं। नामकरण हेतु अब ब्राह्मण को बुलाने लगे हैं।
विवाह प्रस्ताव पर पक्ष की ओर से होता है। विवाह उम्र लड़कों में 16-18 वर्ष तथा लड़कियों में 14-16 वर्ष माना जाता है। वर का पिता वधू के पिता को वधू मूल्य नगद और पशुओं के रूप में चुकाता है। विवाह की रस्म पहले जाति प्रमुख सम्पन्न कराता है। ” गोल गधोड़ों” की प्रथा भी कहीं-कहीं दिखाई देती है। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
सहपलायन, विनिमय, सेवा विवाह, नातरा (पुनर्विवाह), देवर-भाभी पुनर्विवाह को भी सामाजिक मान्यता है।
मृत्यु होने पर मृतक को जलाते हैं। छोटे बच्चे को दफनाते हैं। घर की स्वच्छता सफाई कर सिर के बाल मुण्डन कराते हैं। तेरहवें दिन मृत्यु भोज देते हैं। अकाल मृत्यु पर “गाथा” बनाने की प्रथा है। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
इनमें परम्परागत जाति पंचायत पाई जाती है। जाति पंचायत का प्रमुख पटेल कहलाता है। पद प्रायः अनुवांशिक होता इस पंचायत में “दीपा “, विवाह, “छूटाछेड़ा”, अनैतिक संबंध, दूसरे जाति के पुरुष या स्त्री से विवाह, उत्तराधिकार के झंगड़े आदि का निपटारा परम्परागत तरीके से सामाजिक भोज व जुर्माना द्वारा करते है।
✅ भील मीणा जनजाति के देवी-देवता
भील मीणा जनजाति के प्रमुख देवी-देवता भैरोजी, माता जी, नागदेवता, श्यामलाजी, आदि हैं। इनके अतिरिक्त हिन्दू देवी-देवता, नदी, पहाड़, वृक्ष, धरती, सूरज आदि की भी पूजा करू हैं। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
इनके प्रमुख त्योहार रक्षाबंधन, जन्माष्टमी. नवाखानी, दशहरा, दिवाली, होली आदि हैं। त्योहारों के अवसर पर देवी-देवता को बलि के रूप में बकरा, मुर्गी चढ़ाते हैं भूत-प्रेत, जादू-टोना पर विश्वास करते हैं। इनके धार्मिक पुजारी ” बढ़वा” कहलाता है।
भील मीणा जनजाति के लोग विवाह, होली, गोल गधोड़ों आदि के अवसर पर नृत्य करते हैं। पूजा के समय भजन, विवाह में विवाह गीत, होली में फाग गाते हैं। ( भील मीणा जनजाति छत्तीसगढ़ Bhil Mina Janjati Chhattisgarh bhil mina tribe chhattisgarh )
भील मीणा जनजाति में साक्षरता 2011 की जनगणना में 87.1 प्रतिशत दर्शाई गई है। पुरुषों साक्षरता 95.3 प्रतिशत तथा महिलाओं में 68.4 प्रतिशत थी। साक्षरता प्रतिशत यह भी इंगित करती है कि छत्तीसगढ़ में निवासरत भील मीणा परिवार राज्य विभाजन में आये कर्मचारियों अथवा केन्द्र शासन के कार्यालयों के कर्मचारियों का परिवार प्रतीत होता है।
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