Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi
दोस्तों इससे पहल भी एक Poetry Collection आयी थी जिसे William Wordsworth और S.T Coleridge ने Collaboration में लिखा था जिसका नाम था “Lyrical Ballad” . तो आज इस Essay “Preface the Lyrical ballad” जो हम पढ़ने वाले है उसमे आज उसी Work का Introduction है जिसे दोनों ने मिलकर लिखा था । यह Romantic Period का एक बहुत बड़ा Work है , इसे एक तरह से Manifesto(घोषणा) माना जाता है , मतलब की यहाँ से ही Romantic period शुरू हो रहा है । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
यहाँ wordsworth कहते है की 1798 में जो हमारी First Volume publish हुए थी “Lyrical Ballad” के नाम से वो मेरा एक Experiment था , यह Check करने के लिए की Public का Reaction क्या होता है , क्योकि मैंने इस Poem में इंसान की Real Language use किया था , Common language use किया था , हा वैसे मेरे चारो तरफ Late Neo Classical age में ऐसे Poetry लिखी जा रही थी , तो मैंने उसे वक्त common language की poetry लिखी , मै सच में एक तरह से test करना चाह रहा था , की readers का reaction क्या होता है , मेरा यह experiment successful रहा , लोगो ने इसे welcome किया , क्योकि इस age में ( Late neo classical age ) poet अपने 5 senses से जो महसूस करता है , वह लिख देता है , मैंने भी वही किया है । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
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मै यह भी मंटा हु की मेरे दोस्त S.Colerdge ने उस पोएम में अपनी कुछ रिम्स लिखी है , जैसे “Rhymes ऑफ़ अन्सिएंट meridian” हम लोग मिलकर एक अच्छे पोएट्री शुरू करना चाहते थे , जैसे की अपने “Lyrical Ballad” में देखा .
मै यह preface नहीं लिखना चाहता था , क्योकि मै यह किसी को reason नहीं देना चाहता था , की लोग इसे क्यों पसंद करे , और हा इस नए type के poetry को शुरू करने का काम बड़ा ही complex था , इसलिए मै यह preface लिख रहा हु । हमारी poem हमारी age के अन्य poem से बिलकुल अलग है , क्योकि हर author को यह हक़ है की वह किसी भी ideas को अपने तरीके से चाहे तो उसे कर सकता है , और हम यह इस तकनीक को भी जानते है , की हर एक age में अलग अलग type के poetry , style , निकलकर आये है , और लोगो ने उसे accept भी किया है ।( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
cashless tyrant से Alexander pope तक आप देख सकते है की मै उनसे थोड़ा हट के लिखता हु , मै nature के ऊपर लिखता हु , इसका मतलब यह नहीं की मै lazy हु ,मै थोड़ा हट के लिखना चाहता हु ।
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मैंने इस poetry में common life को दिखने की कोशिश की है । Late neo classical age की कवि upper class logo के life के ऊपर कविताये लिखते है , जो की बिलकुल सही नहीं है , मै जो देहाती language है , village की language है , countryside की language है उसमे लिखना पसंद करता हु , यह nature से communicate करने के लिए बिलकुल सही लैंग्वेज है ।
wordsworth कहते है , की जो दूसरे poet है उनकी language में एक Harsh होता है , एक नफरत वाली टोन होती है , वे ये समझते है की इस type की poetry लिखने से Honor मिल जायेगा, जबकि इनको पता नहीं है या अपने readers से connect नहीं हो पा रहे है , ये सारे poet लोग बार बार अपने language भी change कर देते है , ये लोग अपने हिसाब से poetry को चलते रहते है , ये सरे लोग self serving लोग है , ये लोग पढ़ी लिखी जनता को Ignore कर रहे है , मै सच में मानता हु की इस वक्त Serious होके poetry नहीं लिखी जा रही है । मेरे हिसाब से poetry Powerful feelings का एक spontaneous overflow है । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
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wordsworth कहते है की तो ये जरुरी है की अगर हम किसी चीज को feel करे , उसकी तरफ emotional हो जाये , तो उस पर poem लिखने से पहले उस पर एक बार गहराई से सोचे , उस पर feel करे , फिर जो poetry लिखेंगे , वह जाकर एक अच्छी poetry बनती है , हा ये जरुरी भी नहीं है की पोएट्स को हमेश emotinal होना चाहिए . उसे अपने thoughts का भी use करना चाहिए , मेरा purpose तो ये रहता है की मै thoughts और emotional दोनों का use करता हु , लेकिन कवि यहाँ emotions पर ही focus करते है ।
Industrial revolution और technology के वजह से लोगो में जो नई emotions जागें है , ज्यादा जल्दी सुख , शांति पाने की , उन्हें Late neo poets ने बढ़ाया है । wordsworth खुद इस trend में ढलने के बजाय readers की sensitivity को पुकारते है , ताकि उसका reader common चीजों , देहाती चीजों से जुड़ सके, Late neo classical poets इस time एक आदमी को dull करते जा रहे है । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
मई कॉमन लैंग्वेज इसलिए उसे करता हु क्योकि यह एक रीयलिस्टिक एयर रेलाताब्ले लैंग्वेज है ताकि मई अपने रीडर्स को एक sense दे स्कू , सोचने समझने की शक्ति दे स्कू , ताकि जो चीज जो वह पढ़ रहे है , उसे रियल लाइफ में अप्लाई करने की कितनी जरुरत है ।
मुझे Frustration इस बात की है की कुछ phrases (कहावते) का poetry में तो इतना ज्यादा use किया जाता है , की उनका original meaning ख़त्म हो जाता है , इसके अलावा मैंने कई critics को observe किया है , की वो poems को उनके language की वजह से dissapprove कर देते है , कुछ poets का मानना है , की poetry में strict laws , meter का use करना चाहिए , लेकिन wordsworth कहते है की आप john milton , john greek को देखो , उन्होंने भी तो अपने works को ऐसे ही लिख दिया है , कोई law , कोई meter follow नहीं किया है । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
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मेरा मानना है की poetry और prose इन दोनों के language में कोई खास difference नहीं है , लोग तो poetry और painting को sisters कहते है , कुछ लोग सोचते है की rhyme और meter , poetry को prose से अलग करती है , हमें meter का use इसलिए नहीं करना चाइये की poem सुन्दर हो जाये , और reader को समझ ही न आये , meter का उसे poem को simple बनाने के लिए करना चाहिए ।
मैंने poem को choose इसलिए किया , क्योकि Rhyme और meter दो ऐसे चीज है जिससे poetry में painful emotions को बढ़ाया भी जा सकता है , और कम भी किया जा सकता है , तभी तो shakespear भी अपने काम में meter का use किया करते थे ।
यह preface मैंने खुद को defend करने के लिए नहीं लिख रहा हु , मै चाहता हु की जो दूसरे poets है वो बस किसी भी emotions को देखकर poem न लिखे उस पर विचार विमर्श करे , पल भर की गर्मी आयी और लिख दिया ऐसा नहीं होना चाहिए , हो सकता है की अगर हम अच्छा poem लिखे तो पढ़ने वाले को भी मजा आये । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
wordsworth कहते है की हो सकता है की मेरे ही ballad में कुछ कमिया हो , मेरी poems में बहुत सारी कमिया हो सकती है , लेकिन फिर readers में भी तो कमिया है । satire को भी मजाक में नहीं लिखना चाहिए , मैं readers को कहना चहूंगा की अपने emotions और thoughts से सोचो , क्योकि poetry को पढ़ना और judge करना भी एक talent है , मै नहीं चाहता की मेरे readers कुछ भी जल्दबाजी में judge करे , क्योकि जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत होते है । ( Preface to Lyrical Ballads by William Wordsworth in Hindi | Preface to lyrical ballad in hindi )
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