
2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास
मुंगेली को तहसील का दर्जा 1860 में मिला था ! 142 साल पुरानी प्रदेश की सबसे बड़ी तहसीलों में से एक मुंगेली को जिला बनाया गया। जिले में 5 राजस्व निरीक्षक सर्किल, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 711 प्राथमिक शाला, 71 हाई स्कूल, 6 महाविद्यालय भी इस जिले में हैं ! मुंगेली जिले में 3 पुलिस चौकियां 13 आयुर्वेदिक औषधालय, 4 कृषि उपज मंडी, 1 भूमि विकास बैंक, 4 जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, 6 पशु औषधालय, 3 नगर पंचायत और 149 पटवारी हल्के हैं। मुंगेली जिले में मिडिल स्कूलों की संख्या 269, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों की संख्या 36 एवं छात्रावासों की संख्या 21 हैं! जिले में 5 आरक्षी केन्द्र, 3 सामुदयिक स्वास्थ्य केंद्र 512 उचित मूल्य की दुकानें, 2 मिनी आईटीआई, 7 ग्रामीण बैंक, 4 पशु प्रजनन केन्द्र, 3 वन परिक्षेत्र और 4 नदियां है! ( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास मुंगेली जिले का इतिहास )
मुंगेली जिले का सामान्य परिचय
सामान्य परिचय | मुंगेली राज्य का 21 व जिला है , जिसका गठन बिलासपुर जिले का बिभाजन कर किया गया है ।a |
जिला मुख्यालय | मुंगेली |
जिले की स्थापना | 1 जनवरी 2012 |
क्षेत्रफल | 2750.36 वर्ग किलोमीटर |
जनसंख्या 2011 | 701707 |
लिंग अनुपात | 1000/974 |
साक्षरता दर | 64.75% है |
जनसँख्या पुरुष | 355449 |
जनसँख्या महिला | 346258 |
सीमावर्ती जिले | बिलासपुर , बलौदाबाजार बेमनेतारा कबीरधाम |
सीमावर्ती राज्य | मध्यप्रदेश |
तहसील | मुंगेली ,पथरिया , लोरमी |
विकासखंड | मुंगेली ,पथरिया , लोरमी |
नगर पंचायत | 3 |
नगर पालिका | 1 |
ग्राम | 669 |
जनजातीय | बैगा , गोंड |
भाषा/बोली | हिंदी और छत्तीसगढ़ी |
पर्व | कर्मा , छेरता , तीजा , वटिया , अठे, देथुन के साथ दीपावली , दशहर एवं सम्पूर्ण हिन्दू त्यौहार |
पर्यटन स्थल | अचानकमार , टाइगर रिज़र्व , मदकूद्वीप , शिवघाट , खरेघाट , सेतगंगा , सत्यनारायण मंदिर , |
उपज | चावल , गेहू , चना , तुवर , अलसी , मूंगफली , सोयाबीन |
वनोपज | तेन्दु , महुवा , चिरौंजी , आम , जामुन , शहद |
खनिज | डोलोमाइट |
मुंगेली जिले का पर्यटन स्थल
सेतगंगा
दक्षिण कौशल छत्तीसगढ़ धर्म संस्कृति, पर्यटन कला,. संगीत और इतिहास के संबंध में अपना एक विशिष्ट स्थान रखता है। यहाँ अनेक ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के तीर्थ हैं। जिनमें से एक है सेतगंगा । वस्तुतः इसका प्राचीन नाम है- श्वेतगंगा, जिसका अर्थ है सफ़ेद गंगा। कई शताब्दियों पूर्व यहाँ एक कुंड का प्राकट्य हुआ, जिसका जल गंगा की तरह शीतल, स्वच्छ तथा निर्मल था। ( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
इसे तपस्वी, साधुओं ने माँ गंगा के नाम पर श्वेतगंगा कहा जन श्रुति के अनुसार फणीनागवंशी राजा को स्वप्न आया की मैं विष्णुपदाब्ज संभूत, त्रिपथगामिनी गंगा तु हारे राज्य की पश्चिमी सीमा मे प्रकट होकर प्रवाहित हो रही हूँ। वहाँ मेरे कुंड व मंदिर स्थापित करो। 10वीं 11वीं शताब्दी में राजा ने वहाँ श्रीराम जानकी मंदिर व श्वेतगंगा कुंड का निर्माण कराया। ग्राम सेतगंगा के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक ग्राम होने का गौरव प्राप्त है। यहाँ गुरुघासीदासजी के मंदिर में प्रतिवर्ष जयंती समारोह मनाया जाता है। ( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
राजीव गांधी जलाशय (खुड़िया जलाशय)
इस जलाशय का निर्माण तीन प्राकृतिक पहाड़ियों को जोड़कर किया गया है। इन तीनों पहाड़ियो के मध्य से होकर मनियरी नदी बहती है। अंग्रेजी शासन काल में कृषि की संभावनाओं को देखते हुये इन तीन पहाड़ियों को जोड़कर बांध बनाने की प्रक्रिया 1927 में शुरू हुयी, जो तीन साल बाद 1930 मे पूरी हुयी बाद मे इसका नाम राजीव गांधी जलाशय कर दिया गया। खुड़िया ग्राम मे यह बांध निर्मित होने के कारण यह बांध खुड़िया जलाशय के नाम से भी जाना जाता है। मुंगेली लोरमी एवं ब्लॉक के किसान कृषि के लिए मु यतः राजीव गांधी जलाशय पर ही आश्रित है। ( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
सत्यनारायण मंदिर
वैसे तो छत्तीसगढ़ में हिन्दू धर्म के सभी सभी संप्रदाय के देवी देवताओं के मंदिर हैं, लेकिन मुंगेली में एक ऐसा मंदिर है जो अपने आप में अनोखा है। जानकारों के मुताबिक पूरे देश में सत्य नारायण भगवान का यह दूसरा मंदिर है। मुंगेली शहर के मलहापारा में स्थित यह मंदिर • दिखने में तो आम मंदिरों जैसा ही है, लेकिन इस मंदिर मे स्थापित मूर्ति कई मायनों में दूसरे मंदिरों से अलग है।
विद्वानों के अनुसार भगवान सत्यनारायण की पुजा अर्चना करने से मनोकामना की पूर्ति होती है। वैसे तो मंदिर के निर्माण का सही समय किसी को नहीं मालूम है, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुमान के अनुसार यह 200 साल पुराना मंदिर है। ऐसा कहा जाता है की भगवान सत्यनारायण का मंदिर मुंगेली के अलावा केवल राजस्थान के पुष्कर में है। भगवान सत्यनारायण मंदिर जिला मु यालय मुंगेली के हृदय स्थल कहे जाने वाले मलहापारा (राजेंद्र वार्ड) में स्थित है।( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
अचानकमार टाइगर रिजर्व
मनोरम, नैसर्गिक, नयनाभिराम सौंदर्य से समृद्ध अचानकमार टाइगर रिजर्व सतपुड़ा के 553.286 वर्ग किमी के एक क्षेत्र पर विशाल पहाड़ियों के मैकाल रेंज में साल, बांस और सागौन के साथ अन्य वनस्पतियों को समाहित किया हुआ है। अचानकमार अ यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत की गई। 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अ यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया।( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
अचानकमार टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, आल लकडबग्घा सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव एवं 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजीतियों के पक्षी देखे जा सकते हैं।
मदकु द्वीप (ऐतिहासिक स्थल)
मद् द्वीप शिवनाथ नदी की धारा के दो भागों मे विभक्त होने से द्वीप के रूप में प्रकृतिक सौन्दर्य परिपूर्ण अत्यंत प्राचीन रमणीय स्थान है। इस द्वीप पर प्राचीन शिव मंदिर एवं कई स्थापत्य खंड हैं। लगभग 10वीं 11वीं सदी के दो अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर इस द्वीप पर स्थित है। इनमें से एक धूमनाथेश्वर तथा इसके दाहिने ओर उत्तर दिशा में एक प्राचीन जलहरी स्थित है जिससे पानी का निकास होता है। इसी स्थान पर दो प्राचीन शिलालेख मिले हैं।( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
पहला शिलालेख लगभग तीसरी सदी ई. का ब्रा ही शिलालेख है। इसमें अक्षय निधि एवं दूसरा शिलालेख शंखलिपि के अक्षरों से सुसज्जित है। इस द्वीप में प्रागैतिहासिक काल के लघु पाषाण शिल्प भी उपलब्ध हैं। सिर विहीन पुरुष की राजप्रतिमा की प्रतिमा स्थापत्य एवं कला की दृष्टि से 10वीं 11वीं सदी ईसा की प्रतीत होती है। आज भी पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई मेँ गुप्तकालीन एवं कल्चुरी कालीन प्राचीन मूर्तियाँ मिली हैं। कल्चुरी कालीन चतुर्भुजी नृत्य गणेश की प्रतिमा बकुल पेड़ के नीचे मिली है। 11वीं शताब्दी की यह एकमात्र सुंदर प्रतिमा है।
मोतीमपुर (अमर टापू)
छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मुंगेली के ग्राम मोतीमपुर का महत्व अपने प्रकृतिक संरचना एवं सामाजिक धार्मिक विश्वास और श्रद्धा के केंद्र के रूप में निरंतर प्रगति पर है। ग्राम पंडरिया के समीप भुरकुंड पहाड़ से आगर नदी का उद्गम एवं लंबी दूरी के साथ शिवनाथ नदी पर संगम का दृश्य मनोहारी है। निर्मल जल के मध्य एक द्वीप जैसा स्थान विकसित है। इसके कारण इसका सौन्दर्य पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।( 2023 मुगेली जिला सामान्य ज्ञान Mungeli jila samanya gyan mungeli gk मुंगेली जिले का इतिहास )
आगर नदी, मनियारी, रहन और शिवनाथ नदी के आंचल में फैले इस नये जिले में चार कृषि उपज मण्डी और 32 राईस मिल भी कार्यरत है। बैंक सेवाओं की दृष्टि से इस जिले में भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंदौर सहित सहकारिता के क्षेत्र में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक और जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की शाखाएं संचालित हो रही हैं।
डॉ जॉर्ज ई मिलर 20 वीं सदी के दौरान मुंगेली में विदेशी ईसाई मिशनरी समाज के लिए एक चिकित्सा मिशनरी के रूप में कार्य किया।