खालिस्तान क्या है ? खालिस्तान आंदोलन क्या है ? ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या है ?

Share your love
3.6/5 - (24votes)
khalistan kya hai khalistan andolan kya hai
khalistan kya hai khalistan andolan kya hai

खालिस्तान क्या है ? खालिस्तान आंदोलन क्या है ? |ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या है ?

नमस्ते विद्यार्थियों आज मैं आपको बताऊंगा कि खालिस्तान क्या है ? खालिस्तान आंदोलन क्या है ? और ऑपरेशन ब्लू स्टार क्या है ?   जो कि इंदिरा गांधी के समय हुआ था और उससे पहले से भी चला आ रहा है , आज मैं आपको  खालिस्तान आंदोलन के बारे में एक एक बात बताने की कोशिश करूँगा । ( सुचना :- यहाँ  सिख शब्द विद्रोही सिखो के लिए इस्तेमाल किया गया है । )

खालिस्तान शब्द का क्या मतलब है ?

विद्यार्थीओ सबसे पहले हमें इस शब्द खालिस्तान के बारे में ही पता होना चाहिए , की इसका मतलब क्या होता है , क्योकि आजकल आप यह  बहुत सुन रहे होंगे यह “खालिस्तान” तो आखिर  इस शब्द का मतलब क्या है ?  इसको हिंदी में कहा जाए तो इसे सबसे “पवित्र स्थान” कहा जाता है, इसमें सिखों का यह मानना है कि पंजाब को एक नया देश बनाया जाए जो कि सिखों के लिए पवित्र स्थान होगा ।

तो खालिस्तान का मतलब अब आप समझ ही गए होंगे , और आजकल आप न्यूज़ में समाचारों में टीवी चैनलों में देखते होंगे की कुछ सिख खालिस्तान आंदोलन को  सपोर्ट करते हैं कुछ सिख  इसका विरोध भी करते हैं तो चलिए आज हम लोग जानते हैं कि एक खालिस्तान का जो मुद्दा है वो आखिर था क्या ?

पंजाब का इतिहास खालिस्तान आंदोलन से पहले

18 वी शादी तक आते आते उस वक्त के सिखों ने अपना एक इलाका बना लिया था जिसे  वह लोग मिस्ल कहते थे । वैसे देखे जाये तो सिख  साम्राज्य की स्थापना राजा रंजीत सिंह ने 1799 से 1849 के बीच कर दी थी, उनके जीवित रहते तक तो अंग्रेज सिख राज्य का तो कुछ नहीं बिगड़ पाए , लेकिन उनकी मृत्यु के बाद , 2 बार अंग्रेजो से युद्ध हुए और पंजाब को अंग्रेजो ने अपने साम्राज्य में विलय कर लिया ।

फिर अंग्रेजों का पूरा कब्जा हो गया , समय के साथ पूरा पंजाब जिसमे भारत का पंजाब एवं पाकिस्तान का पंजाब मिलकर के अंग्रेजों ने एक पंजाब रियासत बनाया था ।

खालिस्तान आंदोलन क्या था ?

आगे चलके  पंजाब रियासत में एक संगठन बना जो कि था अकाली दल , अकाली दल 1920 में बना जो कि अपने आप को Political Arms of Sikh Religious Body कहते थे , ये लोग ज्यादातर अपने सिख धर्म के लिए आवाज उठाते थे ।

हमारे देश का बंटवारा जैसा ही 1947 में हुआ उस समय बहुत सारे सिख लोग मारे गए , हिंदू भी मारे गए , मुस्लमान भी मारे गए , बहुत सारे लोग मारे गए , यह सब को देखते हुए कुछ सिखो ने अपने लिए एक अलग से राज्य मांगा एक देश मांगा जिसको तत्कालीन सरकार ने यह कहते हुए मना कर दिया कि सब लोग अलग राज्य नहीं मांग रहे हैं सिर्फ तुम लोग मांग रहे हो , तुम लोगो का दिमाग ही बस घुटने में है ।

कुछ संगठन  ऐसे थे जो पूरा का पूरा खालिस्तान मांग रहे थे यानी कि खालिस्तान नाम से एक देश मांग रहे थे, उनका आधार धर्म नहीं था वे चाहते थे कि जितने लोग पंजाबी भाषा बोलते हैं उन लोगो के लिए एक देश चाहिए, अकाली संगठन ने इस बात का समर्थन नहीं किया उसने देश कभी नहीं मांगा।

Diaspora क्या होता है ?

जो लोग NRI होते है , यानि पहले वो भारतीय थे अभी दूसरे देशो में रहते है उन्हें NRI कहा जाता है । तो ऐसे ही कुछ NRI सिख जो Canada , USA , UK में रहते है , और वह से पैसे भेजते है सीखो को की वो दंगा भड़काए , लोगो को उकसाये, हिन्दुओ और सिखों के बिच अलगावाद पैदा करे ।

इसकी शुरुवात जगजीत सिंह चौहान ने किया था , वह विदेशो में जाकर अलग देश की मांग के लिए पैसा जमा करने लगा । उसने अलग अलग देशो में जाकर नकली पैसे छापने लगा और भारत में भेजने लगा , वो पैसा सिखों को देता था ताकि  वे दंगे करें या लोगो को भड़काए   कि हमें एक देश चाहिए ऐसा पहले भी होता था और ऐसा आज भी हो रहा है आप आजकल भी देख रहे होंगे कि लोग खालिस्तान के नारे लगाते हैं और एक देश की मांग करते हैं

आनंदपुर शाहिब रेसोलुशन 1973

तो चलिए जान लेते हैं कि आनंदपुर साहिब रेजोल्यूशन 1973 क्या था इस आनंदपुर साहिब रेसोलुशन 1973 का मुख्य उद्देश्य यही था कि पूरा का पूरा चंडीगढ़  पंजाब को सौंप दिया जाए, क्योकि  पंजाबी बोलने वाले कुछ लोग हरियाणा, चंडीगढ़ में भी हैं, तो इसलिए वह सब हिस्सा जहां लोग पंजाबी बोलते हैं उसको पंजाब में शामिल कर दिया जाए ।

सेंट्रल गवर्नमेंट के शक्तियों को भी कम किया जाए और वे यह भी चाहते थे की “ऑल इंडिया गुरुद्वारा एक्ट” बने जिसके अंदर भारत के सारे गुरुद्वारे हो , सरकारी नौकरियों में सरकार में ज्यादा से ज्यादा सिख लोगों को लिया जाए।

इन सभी प्रस्ताव को 1982 में अकाली दल और भिंडरावाले ने प्रस्तुत किया था, उस वक्त प्रधानमंत्री ने  इन सब को यह कहते हुए मना कर दिया की यह एक अलगाववाद है यह देश में तनाव पैदा करेगा यह कहते हुए इंदिरा गांधी ने इन सभी बातों को रिजेक्ट कर दिया।

1975 से 1977 तक पंजाब में क्या हुआ ?

अब चलिए जान लेते हैं कि 1975 से लेकर 1977 तक जब इंदिरा गांधी प्राइम मिनिस्टर थी तब क्या हुआ पंजाब में , पंजाब में अकाली दल की सरकार चुनाव जीत गई कांग्रेस पार्टी हार गई और जनता पार्टी की सरकार आ गई ,  ज्ञानी जैल सिंह और संजय गांधी ने जनरल सिंह भिंडरावाले को समर्थन किया ताकि अकाली दल को कमजोर कर दिया जाए और कांग्रेस पार्टी फिर आ जाए और बाद में हुआ यही कांग्रेस पार्टी फिर आ गई , उस वक्त  भिंडरावाले ने निरंकारी सिखों का विरोध किया था।

आप यहां कुछ यह भी सोच रहे होंगे कि निरंकारी सिख कौन होते हैं तो देखिए दो तरह के सिख होते हैं एक होते हैं निरंकारी सिख और एक होते हैं कट्टर सिख । निरंकारी सिख उन्हें कहते हैं जो यह मानते है की अभी भी जीवित गुरु हो सकते हैं, वही कट्टर सिख कहते हैं कि कोई गुरु नहीं है हमारा गुरु अगर है तो मात्र एक पुस्तक है जिसे गुरु ग्रंथ साहिब कहा जाता है।

सुलगता पंजाब दहकता पंजाब

समय के साथ चुनाव हुए, 1980 में कांग्रेस की सरकार वापस आ गई, और कांग्रेस की सरकार आते 1980 में ही  बाबा गुरबचन सिंह को मार दिया गया , सिखो का कहना था की यह काम कांग्रेस ने किया है , और हम बदला लेकर रहेंगे । फिर अगले 1 साल बाद 1981 में जनगणना हुआ यह जानने के लिए इस राज्य में हिंदी बोलने वाले कितने हैं और पंजाबी बोलने वाले कितने हैं ।

तब ही लाला जगत नारायण जी को सिखों ने भी मार दिया, इसके बदले में भिंडरावाले की गिरफ्तारी हुई जेल गया और इन सब के कारण भिंडरावाले बहुत प्रसिद्ध हो गया, लोग आपस में हिंसा पर उतर आए, इसके लिए बहुत दंगे हुए 1982 में भिंडरावाले और अकाली दल दोनों ने मिलकर धर्म युद्ध मोर्चा शुरू किया ,और यह योजना बनाई कि दिल्ली में एशियन गेम्स होगा तो उसी में हम प्रदर्शन करेंगे ।

इसलिए पंजाबी हरियाणवी जब यह लोग दिल्ली जा रहे थे तो उनकी चेकिंग भी होने लगी थी , इन सबसे परेशान होकर सिखो ने फिर अप्रैल 1983 में  DIG AS.Atwal जी को गोल्डन टेंपल में मार दिया, जिसके पीछे भिंडरावाले का ही हाथ था । पूरे राज्य में दहशत फैल गया फिर 1983 को सिखों ने 6 हिंदू बस पैसेंजर में आग लगा दी, सब के सब हिन्दू बस में जलकर मारे गए और फिर पंजाब में राष्ट्रपति शासन लग गया

ऑपरेशन ब्लूस्टार क्या था  ?

विद्यार्थियों हम आगे बढे इससे पहले  हमें यह समझ लेना चाहिए कि ऑपरेशन ब्लू स्टार था क्या, तो पंजाब में हरमंदिर साहिब(गुरुद्वारा ) के अंदर जो सिख मिलिटेंट थे वह घुसे हुए थे, तो भारत सरकार का यानी, आर्मी का यह उद्देश्य था कि गुरुद्वारे के अंदर छिपे सिख आतंकवादियों को मार दिया जाए या उन्हें वहां से भगा दिया जाए । ( ऑपरेशन ब्लूस्टार की शुरुवात आर्मी ने 3 जून से 6 जून तक किया )

3 जून 1984 को सिखो के गुरु अर्जुन सिंह जी की वर्षगांठ थी, उस दिन लोग धूमधाम से यह त्यौहार मन रहे थे , तो भिंडरावाले ने लोगों को अंदर ही बंद कर लिया था ,उन्हें अंदर ही रोक दिया था । तो उस वक्त आर्मी के मेजर जनरल कुलदीप सिंह को लीडर बनाया गया था,  भिंडरावाले का मदद एक और अधिकारी ने किया जिनका नाम था , मेजर जनरल शाहबेग सिंह ।

आर्मी का उद्देश्य ही था कि मिलिटेंट को गुरुद्वारे से बाहर निकाला जाए, 15 दिसंबर 1983 को भिंडरावाले ने अकालतख्त ( गोल्डन साहिब के अंदर , सिख धर्म में सबसे बड़ा स्थान माना जाता है ) पर कब्ज़ा किया । अकाली नेता सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए थे लेकिन इंदिरा गांधी बहुत ही गुस्से में थी, उन्होंने हमले का आदेश दे दिया ।

सिखों ने हिंदुओं को मारना चालू किया और उस वक्त कम से कम 300 से ऊपर हिंदुओं को मार दिया, फिर स्थिति को देखते हुए 1 जून 1984 को कर्फ्यू लगा दिया गया, मोबाइल ट्रेन सब कुछ बंद हो गया । पंजाब राज्य को मान के चलिए पूरा का पूरा आर्मी, पैरा मिलिट्री, सबको घुसा दिया गया ताकि जो दंगे हो रहे थे वह ना हो ।

आर्मी के बीच और भिंडरावाले के बीच 5 जून को बहुत बड़ी लड़ाई हुए , आर्मी को लगा कि भिंडरावाले कमजोर , यहाँ  तो कुछ ही लोग हैं इनके पास ज्यादा हथियार नहीं होंगे, लेकिन इन विद्रोहियों के पास एंटी टैंक, गन ,रॉकेट लॉन्चर, मशीन गन ,सब चीज थी, क्योंकि इनका सहयोग एक मेजर जनरल शाहबेग सिंह कर रहा था ।

फिर आर्मी ने स्थिति को देखकर टैंक बुलवा लिया और फिर ये लोग अंदर घुस गए और भिंडरावाला मारा गया, पूरा का पूरा लाइब्रेरी में आग लग गया, नुकसान तो काफी हुआ था उस गुरुद्वारे में तो इन सब को देखते हुए पूरे दुनिया के जितने भी सिख लोग हैं, जहां जहां से रहते थे  सब गुस्सा हो गए  कि भारत सरकार हमारे गुरुद्वारे में तोप चलवा रही है बम फोड़ रही है। इस लड़ाई में भारत के 83 जवान शहीद हुए और 500 सिख मिलिटेंट मारे गए । पूरे पंजाब के मिलिटेंट को मार दिया गया दिया गया, कुछ पाकिस्तान भाग गए मान के चलिए इनका सफाया हो गया , लेकिन फिर भी कुछ मिलिटेंट इधर उधर पंजाब में  छिपे ही थे और अभी भी इनका कब्ज़ा था ।

फिर इसके बाद  सभी सिख  तो गुस्से  थे ही, तभी 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी के दो अंगरक्षक सतवंत सिंह और बतवंत  सिंह ने इंदिरा गांधी को गोली मार दी, यह सतवंत सिंह बतवंत  सिंह वही है जिनके नाम पर आज चुटकुले बनते हैं संता और बंता के , उसके बाद 1985 में एयर इंडिया हवाई जहाज में, कनिष्क जहाज में सिखों ने बम रखा जिससे 329 पैसेंजर जो कि हिंदू थे सब के सब मारे गए ।

सिख दंगा 1984

अब समय था दंगा करने का , सिखों ने बहुत लोगों को मारा था, काफी दंगे करवाए थे, और जब इंदिरा गांधी को मार दिया तो कांग्रेस के जो नेता थे वह काफी गुस्से में थे, उन्होंने हिंदुओं को भड़काना चालू किया, इसके ऊपर वेब सीरीज भी बनी हुई है चाहे तो आप देख सकते हैं उसका नाम है :Grahan ( यहाँ बहुत ही बढ़िया webseries  है जो आपको देखना चाहिए )

जो नेताओ ने इस दंगे को करवाए थे वे कांग्रेसी नेता थे, वह थे  सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर । इन लोगों ने कम से कम 3 हजार से अधिक सिखों को मरवा दिया। समय आगे बढ़ा थोड़ा सा दंगा शांत हुआ लेकिन अभी भी कुछ सिख विद्रोही हरमिंदर साहिब में ही थे ।

ऑपरेशन ब्लैक थंडर क्या था ?

ऑपरेशन ब्लैक थंडर भी ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसा ही था, इसमें भी हरमिंदर साहिब में जो भी और मिलिटेंट बाद में और आ गए थे या जो इधर-उधर बच गए थे , अपना डेरा जमाये हुए थे हरमिंदर शाहिब में उनको भगाना था, तो ब्लैक थंडर का जो पहला मिशन था , उसे 1986 में चालू किया गया, फिर दूसरा मिशन 2 साल बाद 1988 में चालू किया गया, इस बार यह ध्यान रखा गया कि गुरुद्वारे में कोई नुकसान ना हो किसी की धार्मिक भावना को ठेस ना पहुंचे और फिर अंत में पूरे के पूरे विद्रोहियों को मार दिया गया, भगा दिया गया।

मेरे प्यारे विद्यार्थियों आप हमें कमेंट में बताइएगा कि यह लेख जो आज हमने लिखा वह आपको कैसा लगा इसमें से प्रश्न पूछे जाते हैं पीएससी में यूपीएससी में सब जगह या इंटरव्यू में यह पूछा जाता है इसलिए हमने आज का यह लेख लिखा और यह लेख लिखते हुए हो सकता है कि मुझसे कुछ गलती हो गई हो तो आप मुझे कमेंट में बताइएगा हम उसे सुधारने का प्रयास जरूर करेंगे धन्यवाद।

अगर इस बताये गए लेख में हमसे कुछ गलती हो जाती है , तो यह सयोंग नहीं माना जायेगा यह बिलकुल हमारी गलती है , जिसे सुधारा जा सकता है , तो आप कमेंट में हमें जरूर बताये ।

दोस्तों अंत में मैं राजवीर सिंह , हमारे पोस्ट को इतने देर तक पढ़ने के लिए , हमारे सोशल मिडिया अकौंट्स में जुड़ने के लिए , हमारे ब्लॉग को दायी ओर की नीली घंटी दबा के हमें सब्सक्राइब करने के लिए , हमारे साथ इतने देर तक जुड़े रहने के लिए आपका हाथ जोड़ के धन्यवाद् करता हु .

हमारे इस कार्य को करने में काफी समय और मेहनत लगता है जो आप के सहयोग से कम हो सकता है , आप अपने मन से हमें कुछ भी सहयोग दे सकते है , 

याद रहे हम आपके सहयोग  की  प्रतीक्षा करेंगे : UPI ID-iamchhattisgarh@apl

 

उत्तर प्रदेश से सम्बंधित अन्य जानकारिया जो आपको इंटरनेट पर शायद ही मिलेगा ?

👉 उत्तर प्रदेश की विशालकाय संस्कृति देखकर होश उड़ जायेंगे ?

Share your love
Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

Articles: 1117

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *