जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh

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जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh

प्रो. जयनारायण पाण्डेय

जयनारायण पाण्डेय प्रखर स्वतंत्रता

संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी पत्रकार, कवि, लेखक, शिक्षाशास्त्री एवं समाजवादी। विचारक थे। उनका जन्म 30 दिसम्बर सन् 1925 ई. को ग्राम रामापुर, जिला इलाहाबाद, उश्ररप्रदेश में हुआ था। उनके पिता श्री विश्वनाथ पाण्डेय रायपुर. के नयापारा स्कूल में अध्यापक थे। जयनारायण ने यहीं से चैथी कक्षा तक तथा पाँचवी से दसवीं तक की पढ़ाई गवर्नमेण्ट हाईस्कूल से की। ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

यह अब प्रो. जयनारायण पाण्डेय शासकीय बहु उद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नाम से जाना जाता है। जयनारायण पाण्डेय को सन् 1936-37 ई. में गवर्नमेण्ट हाईस्कूल के आलराऊण्डर छात्र का खिताब मिला। मात्र सोलह वर्ष की आयु में ही स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग ले उन्होंने अपने विद्यालय की प्राचीर पर फहरा रहे ब्रिटिश झण्डे को हटाकर भारतीय तिरंगा झण्डा फहरा दिया तथा रायपुर सेंट्रल जेल की दीवार को डायनामाइट से भेदने की कोशिश की। ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

गिरफ्तार कर छह माह की सजा वे 6 जून सन् 1943 से 16 नवम्बर, 1943 तक जेल में रहे। मेधावी छात्र जयनारायण पाण्डेय को मैट्रिक की परीक्षा में प्रावीण्य सूची में स्थान मिला था। इसके बावजूद उनके स्थानांतरण प्रमाण-पत्र के ‘चरित्र’ कालम में ‘वह अवांछित राजनीतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करता था’ दर्ज था। मेधावी विद्यार्थी होने से वे छत्तीसगढ़ कॉलेज, रायपुर में बी.ए. आनर्स में दाखिला पा गए। उन्होंने शास्त्री, साहित्य रत्न, बी.ए. आनर्स की उपाधि प्रथम श्रेणी में हासिल की। ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

अपनी पढ़ाई-लिखाई का खर्च स्वयं वहन करते हुए कभी अरुंधती शाला आरंग में तो कभी छत्तीसगढ़ कॉलेज, रायपुर में अध्यापन किया कभी शालेय शिक्षा की पाठ्यपुस्तकों का लेखन कार्य तो कभी सोशलिस्ट पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ता (कालांतर में प्रांतीय मंत्री) बनकर कार्य किया। ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

एम.ए. तथा एल.एल.बी की पढ़ाई नागपुर के मॉरिस कॉलेज से की। इस समय वे नागपुर से प्रकाशित सोपलिस्ट पार्टी के मुखपत्र जनमत के प्रमुख संपादक रहे। जनमत के व्यवस्थापक श्यामनारायण काश्मीरी थे। सन् 1949 ई. में जयनारायण पाण्डेय का विवाह सुप्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री पं. रामनरेश मिश्र की सुपुत्री श्याम कुमारी से वैदिक रीति से दहेज मात्र एक रुपए ही स्वीकार किए थे।

सन् 1951 ई. में वे रायपुर के दुर्गा कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य बने । सन् 1955 ई. में शासकीय सेवा में आने के पश्चात् प्रो. पाण्डेय राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक के पद पर क्रमश- महाकौशल महावि जबलपुर, संस्कृत महाविरायपुर, जगदलपुर, नीमच तथा अंबिकापुर में पदस्थ रहे।

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प्रो. पाण्डेय कुशल शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता तथा राजनीति विज्ञान के सुप्रसिद्ध लेखक होने के साथ ही हिन्दी के अच्छे कवि, आलोचक तथा निबंधकार थे। उनका हिंदी व संस्कृत, उर्दू और अंग्रेजी भाषा पर भी था। ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

प्रो. पाण्डेय की मई सन् 1956 ई. में लिखी हुई आदिवासी जीवन की एक मार्मिक प्रणय गाथा वसुधा में सिंगार बहार छपी थी। उनकी अमरकृति ‘ प्रमुख राजनीतिक विचारकों की चिंतनधारा’ उत्तरप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत व सागर विश्वविद्यालय द्वारा बी.ए. के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम के रुप में मान्य किया गया था।

अमेरिकी राजदूत ऐलन के रायपुर आगमन पर उनके भाषण का सभास्थल पर ही हिंदी में अनुवाद, रायपुर आगमन पर भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के अभिनंदन पत्रों का लेखन प्रो. जयनारायण पाण्डेय ने ही किया था। संभागीय स्तर पर सन् 1959 तथा 1961 ई. में कालिदास महोत्सव के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

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रायपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भी उन्होंने अथक प्रयास किए थे। मात्र 39 वर्ष की अवस्था में 20 जनवरी सन् 1965 ई. को बनारस में प्रो. जयनारायण पाण्डेय का देहांत हो गया। उनकी धर्मपत्नी श्यामकुमारी जी, जिसे विवाह के बाद प्रो. जयनारायण पाण्डेय ने पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित किया था, ने अपने चारों बच्चों को • स्वयं अध्यापन कार्य करते हुए उच्च शिक्षा दिलाई . ( जयनारायण पांडेय छत्तीसगढ़ | Jaynarayan Pandey Chhattisgarh )

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