गोरखपुर में मुसलमान जातिया , Gorakhpur me Musalman Jatiya: हिन्दुओं की अपेक्षा मुसल्मानों में जातिभेद कम है। फिर भी जनपद में, उपभेदों को छोड़कर, मुसल्मान जातियों की संख्या 61 है। इनमें से 22 जातियों की संख्या तो 100 से भी कम है; 12 जातियों की संख्या लगभग 1000; और केवल 7 ऐसी जातियाँ हैं जिनकी संख्या 10000 से ऊपर है। बहुत सी जातियाँ हिन्दू और मुसल्मान दोनों हैं।
मुसल्मान जातियों में सबसे बहुसंख्यक जाति जुलाहों की है। ये मुसलिम जनसंख्या के लगभग 25 प्रतिशत हैं। पड़रौना, महराजगंज और सदर तहसील में बहुतायत से ये बसे हुये हैं। इनमें से अधिकांश हिन्दू बुनकर जातियों के वंशज हैं | जिन्होंने सामूहिक रूप से इस्लाम ग्रहण कर लिया है। जुलाहा लोग अपने को ● मीमिन कहते हैं। जुलाहों से मिलती दूसरी जाति धुनियों की हे जो मुसलिम जनसंख्या के लगभग 10 प्रतिशत हैं। जुलाहों के ही तरह धुनिया भी पहले हिन्दू थे और उन्होंने इस्लाम पीछे ग्रहण किया।
राजपूत मुसल्मान भी गोरखपुर जनपद में हैं जो अपने प्राचीन राजपूत वंश को अब भी याद किये हुए हैं। लगभग 12 हजार राजपूत मुसल्मान बेस, पवार, चौहान, बिसेन, चन्देल, दीक्षित, रघुवंशी, सूर्यवंशी आदि वंशों के हैं। ऐसा जान पड़ता है कि श्रीनेत क्षत्रियों में से प्रायः कोई मुसल्मान नहीं हुआ।
है शेखों की संख्या जनपद में लगभग 49 हजार है जो मुसलिम जनसंख्या का 16 प्रतिशत है। हाटा और देवरिया तहसील में ये अधिकतर बसे हैं। इनमें से बहुत तो हिन्दुओं से मुसल्मान हुये हैं। शेख जाति के काजी अथवा मुफ्ती द्वारा इस्लाम में दीक्षित होने के कारण इन्होंने शेख उपाधि धारण की। शेखों की कुर्रेशी, सिद्दीकी, अंसारी, अब्बासी, फारुकी और उस्मानी शाखायें हैं। इन शाखाओं के अतिरिक्त प्रायः वे शेख हैं जो हिन्दू से मुसल्मान हुये हैं।
पठान लगभग 40 हजार और मुसलिम जनसंख्या के 13 प्रतिशत हैं। इनकी शाखायें लोदी, युसुफजई, ककर, गोरी, दिलजाक, रोहिला आदि हैं। स्थानीय राजपूत जातियों से पठान हुये मुसल्मानों में प्रायः इन शाखाओं का नाम नहीं मिलता। सैयद मुसलमानों की संख्या जनपद में कम है। इनकी शाखायें हुसेनी, रिजवी और जैदी हैं।दूसरी मुसल्मान जातियाँ राकी, दर्जी, फकीर, नाई या हजाम, चुरिहार, मनिहार, भाँट, कुंजड़ा, गद्दी या घोषी (मुसल्मान अहीर), डफाली, धोबी, नट, कस्सब आदि हैं।
महराजगंज तहसील में मुसल्मान बनिया भी हैं। इनमें से कई जातियाँ-मनिहार (= मणिहार), भाँट (= भट्ट), घोषी, नट-तो सामूहिक रूप से हिन्दू से मुसल्मान हुई हैं और अन्य जातियां में भी कतिपय नव मुसलिम हैं