छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग | Chhattisgarh Rajya Alpsankhyak Ayog

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छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग | Chhattisgarh Rajya Alpsankhyak Ayog

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन

छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक / डी-1932/2717/ आजाक / 2001 दिनांक 12 7-2001 द्वारा अध्यक्ष सहित 3 सदस्यीय छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1996

आविभाजित मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 प्रवृत्त था । छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास की अधिसूचना क्रमांक / डी-4490 / 479 /. 2002 / आजावि दिनांक 2 सितम्बर, 2002 के द्वारा मध्यप्रदेश पुर्नगठन अधिनियम, 2000 (क्रमांक 28 सन् (2000) की धारा 79 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा विधियों का अनुकूलन आदेश 2002, दिनांक 1 नवम्बर 2000 से संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवृत्त किया गया है।

उक्त अधिसूचना की कण्डिका-2 के द्वारा यह प्रावधानित किया गया है कि समय समय पर यथा संशोधित ऐसी विधियाँ, जो इस आदेश की अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं और जो छत्तीसगढ़ राज्य की संरचना के अव्यवहित पूर्व मध्यप्रदेश राज्य में थी, तब तक विस्तारित तथा प्रवृत्त रहेंगी जब तक कि वे निरस्त या संशोधित न कर दी जाएँ।

उपान्तरणों के अध्यधीन रहते हुए समस्त विधियों में शब्द मध्यप्रदेश जहाँ कहीं भी आए हों, के स्थान पर छत्तीसगढ़ एवं शब्द भोपाल जहाँ कहीं भी आए हों, के स्थान पर रायपुर प्रतिस्थापित किया जाए। उक्त | अधिसूचना की अनुसूची के अनुक्रमांक 9 के तहत मध्यप्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 अनुकूलित कर छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवृत्त है।

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग संशोधन अधिनियम 2020

छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 501 दिनांक 14 अक्टूबर 2020 द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित  छत्तीसगढ़ अधिनियम (क्रमांक 20 सन 2020) छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग (संशोधन) अधिनियम 2020 सर्व साधारण की जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है, जिसमें मुख्य संशोधन हैं, कि – आयोग एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष एवं चार सदस्यों से मिलकर बनेगा तथा समस्त पदाधिकारी जिस तारीख से पदभार ग्रहण करते हैं, राज्य सरकार के प्रसाद प्रर्यन्त तक पद धारण करेंगे। (परिशिष्ट- 1)

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य

• छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 की धारा 3 (2) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के निम्नांकित आदेशों द्वारा धारा 4 (1) के प्रावधानानुसार अध्यक्ष और सदस्यों को तीन वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है-

• छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित  जाति विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-19 12/ 2019 / 25-2 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 15/11/2019 द्वारा महेन्द्र छाबड़ा को छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद पर मनोनीत किया गया है। (परिशिष्ट-02 )

• छत्तीसगढ़ शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ-10-5/2019/1 / एक नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 10/11/2020 द्वारा महेन्द्र छाबड़ा को केबिनेट मंत्री दर्जा प्रदत्त किया गया है। (परिशिष्ट -03)

• छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-19 12/2019 / 25-2 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 15/11/2019 द्वारा हफीज खान को छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। (परिशिष्ट-02)

• छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-19 12 / 2019 / 25-2 नवा रायपुर अटल नगर दिनांक 15/11/2019 द्वारा माननीय श्री अनिल जैन को छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। (परिशिष्ट – 02 )

• आयोग के सचिव के पद पर एम. आर. खान कार्यरत हैं।

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आयोग का कार्यालयीन सेटअप

छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आदेश क्रमांक / डी-4276 / स्था / 2003 / आजावि दिनांक 4 सितम्बर, 2003 एवं आदेश क्रमांक 10443/2007/ 25-3 / आजाक दिनांक 28 नवम्बर, 2007 के द्वारा आयोग का कार्यालयीन सेटअप स्वीकृत किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन, वित्त एवं योजना विभाग के परिपत्र क्रमांक / 72/162/ वित्त / नियम / चार / 2009 दिनांक 24.03.09 के द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2006 से स्वीकृत पुनरीक्षित वेतन अनुसार आयोग का सेटअप निम्नानुसार है- ( टेबल देखें ) ।

आयोग के कार्य एवं दायित्व

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 अध्याय-3 की धारा 9 उपाधार (1) में आयोग के कार्य एवं दायित्व का उल्लेख किया गया है, जो निम्नानुसार है

  1. राज्य के अधीन अल्पसंख्यकों के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करना।
  2. संविधान में और संसद तथा विधान मंडल द्वा अधिनियमित विधियों में उपबंधित रक्षोपायों के कार्य को मानिटर करना।
  3. राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा के लिए रक्षोपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करना।
  4. अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों और रक्षोपायों से वंचित करने के बारे में विनिर्दिष्ट शिकायतों की जांच पड़ताल करना और ऐसे मामलों को राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन समुचित प्राधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करना।
  5. अल्पसंख्यकों के विरूद्ध किसी विभेद कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का अध्ययन करवाना और उनको दूर करने के लिए अध्युपायों की सिफारिश करना ।
  6. अल्पसंख्यकों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विकास से संबंधित विषयों का अध्ययन, अनुसंधान और विश्लेषण करना;
  7. किसी अल्पसंख्यक समुदाय के संबंध में ऐसे समुचित अध्युपाय का सुझाव देना जो राज्य सरकार द्वारा किए जाने चाहिए;
  8. अल्पसंख्यकों से संबंधित किसी विषय पर और विशिष्टतया उन कठिनाईयों पर, जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है, राज्य सरकार को नियतकालिक या विशेष रिपोर्ट देना और
  9. कोई अन्य विषय जो राज्य सरकार द्वारा उसे निर्दिष्ट किया जाए, परंतु यदि आयोग द्वारा की गई कोई सिफारिश राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य से संबंधित किसी मामले पर की गई सिफारिश के विरुद्ध है, तो उस दशा में राज्य आयोग द्वारा की। गई सिफारिश अभिभावी होगी।

आयोग के अधिकार एवं शक्तियाँ

छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1996 अध्याय 3 की धारा 9 उपधारा (2) में आयोग के अधिकारों का उल्लेख किया गया है।

आयोग को अधिनियम की धारा 9 उपधारा (1) के उपखण्ड (ख) और (घ) में वर्णित कृत्यों का पालन करते समय और विशिष्टतया निम्नलिखित विषयों के बाबत किसी वाद का विचारण करने वाले सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां होंगी, अर्थात्

  1.  राज्य के किसी भी भाग से किसी व्यक्ति को सम्मन करना और हाजिर कराना तथा शपथ पर उसकी परीक्षा करना ।
  2. किसी दस्तावेज को प्रकट और पेश करने की अपेक्षा करना ।
  3. शपथ पत्रों पर साक्ष्य ग्रहण करना ।
  4. किसी कार्यालय से किसी लोक अभिलेख या उसकी प्रतिलिपि की अध्यपेक्षा करना।
  5. साक्षियों और दस्तावेजों की परीक्षा के लिए कमीशन निकालना, और
  6. कोई अन्य विषय जो विहित किया जाए।

संविधान में प्रदान किए गए प्रावधान

अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा को भारतीय संविधान में प्रतिष्ठित किया गया है। भारतीय संविधान अल्पसंख्यकों को दो समूहों में अधिकार प्रदान करता है। जिन्हें सामान्य अधिकार क्षेत्र एवं पृथक अधिकार क्षेत्र में रखा जा सकता है।

सामान्य अधिकार क्षेत्र

सामान्य अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी अधिकार हमारे देश के सभी नागरिकों पर लागू होते हैं।

पृथक अधिकार क्षेत्र

पृथक अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी अधिकार वे विशेष अधिकार हैं जो सिर्फ अल्पसंख्यकों पर लागू होते हैं।

  • नागरिकों के किसी भी संभाग को अपनी अलग भाषा, ग्रन्थ या संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार (अनुच्छेद 29 (1) )
  • किसी भी नागरिक को राज्य द्वारा अनुरक्षित या अनुदान प्राप्त किसी शिक्षण संस्थान में प्रवेश से धर्म, नस्ल,  जाति, भाषा या इनमें से कोई भी, के आधार पर इन्कार न किये जाने का अधिकार (अनुच्छेद 29 (2) )
  • सभी धार्मिक एवं भाषायी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शिक्षण संस्थान की स्थापना एवं इसके संचालन का अधिकार; (अनुच्छेद 30 (1) ) ।
  • अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान की सम्पत्ति के अनिवार्य अधिग्रहण के लिए राज्य कानून यह • सुनिश्चित करेंगे कि क्षतिपूर्ति के तहत् दी जाने वाली राशि उपरोक्त गारंटी अधिकार को प्रतिबंधित या निरस्त न करती हो ( अनुच्छेद 30 (1 अ)
  • राज्य से अनुदान प्राप्त करने के मामले में अल्पसंख्यकों द्वारा प्रबंधित शैक्षिक संस्थानों को भेदभाव से स्वतंत्रता (अनुच्छेद 30 (2) )
  • किसी राज्य के नागरिकों के किसी संभाग के द्वारा बोली जाने वाली भाषा के पहचान से संबंधित विशेष प्रावधान (अनुच्छेद 347 )
  • भाषायी अल्पसंख्यकों समूहों के बच्चों को प्राथमिक स्तर पर उनकी मातृ भाषा में निर्देश दिये जाने की सुविधा का प्रावधान; (अनुच्छेद 350 (अ) )
  • भाषायी अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारों तथा उसके कर्तव्यों का प्रावधान; (अनुच्छेद 350 (ब) ) ।। तथा
  • सिक्ख समुदायों को कृपाण धारण करने व साथ रखने का अधिकार ( अनुच्छेद 25 की व्याख्या) ।

सामान्य अधिकार क्षेत्र मौलिक कर्तव्य संविधान का IV ( क ) खण्ड

संविधान का IV क भाग, मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है, जैसा कि अनुच्छेद 51 (अ) में दिया गया है, सभी नागरिकों पर लागू होता है, जिनमें अल्पसंख्यक समुदाय शामिल हैं । अनुच्छेद 51 (अ) जो कि अल्पसंख्यकों के लिए विशेष महत्व रखता है, निम्नानुसार अनुबंध करता है –

  • भारतवर्ष के सभी लोगों में तालमेल एवं समान भाई चारे की भावना, धार्मिक भाषायी तथा क्षेत्रीय अथवा •संभागीय विविधता को प्रोत्साहित करना हर नागरिक का कर्तव्य है; तथा
  • हमारी सम्मिश्रित संस्कृति की प्रचुर विरासत को महत्व देना एवं इसका संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य है ।

जैन समुदाय को अल्पसंख्यक समुदाय घोषित करने संबंधी अधिसूचना

भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधिसूचना पत्र क्रमांक का.आ. 267 (अ) नई दिल्ली दिनांक 27.01.2014 द्वारा भारत का राजपत्र असाधारण में प्रकाशित किया गया है। जिसमें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 (1992 का 19) की धारा-2 खंड (ग) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्र सरकार एतद् द्वारा मंत्रालय की अधिसूचना सं.का.आ. 816 (अ) दिनांक 23.10.1993 द्वारा उक्त अधिनियम के प्रयोजनों हेतु अल्पसंख्यक समुदायों के रूप में पहले से ही अधिसूचित अर्थात मुस्लिमों, ईसाईयों सिक्खों, बौद्धों और पारसियों के अलावा जैन समुदाय को अल्पसंख्यक “समुदाय के रूप में अधिसूचित किया गया है।

अल्पसंख्यक के कल्याण हेतु संचालित केन्द्र सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की योजनाएँ

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (बहुक्षेत्रीय विकास कार्यक्रम) प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) जिसे पूर्व में बहु- क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (एमएसडीपी) के रूप में जाना जाता था, यह नीति आयोग द्वारा राष्ट्रीय विकास एजेंडा के अंतर्गत अति महत्वपूर्ण योजना के रूप में अभिज्ञात केंद्र प्रायोजित योजना है। एमएसडीपी योजना का शुभारंभ 2008-09 में किया गया था। इसका उद्देश्य लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने कोलपत्रसंख्यक बहुल क्षेत्रों में सामाजिक आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं के लिए परिसम्पत्तियां विकसित करना था।

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अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों की पहचान अल्पसंख्यक आबादी (मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, जैन, बौद्ध और पारसी) की बहुलता अर्थात् 25% या अधिक के आघास्यपक्षेत्री नाती उज्यों/

समुदाय बहु संख्या में है, वहां उस राज्य / संज़ बहुसंख्या वाले अल्पसंख्यक समुदाय के अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के 15न के न्यूनतम कट-ऑफ को अपनाया जाता है।

सचिव भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली को आयोग के पत्र क्रमांक / योजना / अ.सं. आ. / 2020-21 / 209 / रायपुर दिनांक 22/06/2021 के द्वारा योजना की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पत्र जारी किया गया जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

नई रोशनी

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकास के लिए एक अभिनव योजना नई रोशनी कार्यान्वित की जाती है जिसका उद्देश्य सभी स्तर पर सरकारी तंत्रों, बैंकों एवं मध्यस्थों के साथ संपर्क करने हेतु जानकारी, उपकरण एवं तकनीक उपलब्ध कराते हुए अल्पसंख्यक महिलाओं का सशक्तिकरण करना तथा उनमें आत्मविश्वास जगाना है। यह योजना केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित पैनल में शामिल गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।

सचिव भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली को आयोग के पत्र क्रमांक /योजना/ अ.सं.आ./ 2020-21/ 209 / रायपुर दिनांक 22/06/2021 के द्वारा योजना की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पत्र जारी किया गया जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

नया सवेरा

भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को सशक्त बनाते और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने हेतु संचालित नया सवेरा योजना के संबंध में वर्ष 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य एवं वित्तीय लक्ष्य की जानकारी आयोग के पत्र क्रमांक / योजना / अ.सं.आ./ 2020-21/209 / रायपुर दिनांक 22/06/21 के द्वारा चाही गई थी जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

हमारी धरोहर

भारत के अल्पसंख्यक समुदायों की समृद्ध संस्कृति और विरासत का संरक्षण तथा कैलीग्राफी एवं संबंधित शिल्पों को सहायता प्रदान करने के लिये हमारी धरोहर नामक एक नई योजना अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आरंभ की गई है।

सिरपुर संसार की सबसे बड़ी बौद्ध विरासतों में से एक है। साथ ही यहां के स्थापत्य पुरातत्व ने अपने में दुनिया की महानतम सभ्यता संस्कृति को संजोए रखा है। दुनिया भर के इतिहासकार, संस्कृति, भाषा एवं पुरातत्व प्रेमी सिरपुर को एक पुरातात्विक भंडार स्त्रोत की दृष्टि से देखते हैं। इस महान सभ्यता एवं संस्कृति को जनमानस से रूबरू कराने के लिए तीन दिवसीय अन्तराष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव एवं शोध संगोष्ठी का आयोजन सिरपुर में किया गया।

जिसमें भारत सहित अन्य देशों के धर्म, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, समाज, इतिहास, कला एवं स्थापत्य से जुड़े बुद्धिजीवी, शोधकर्ता एवं बड़ी संख्या में लोग भागीदार बने। उक्त महोत्सव एवं शोध संगोष्ठी में शोध 7 आलेखों, विचारों का प्रस्तुतीकरण सह संकलन किया गया। जो कि सिरपुर सहित छ.ग. की सभ्यता, संस्कृति एवं इतिहास के अध्ययन हेतु सशक्त दस्तावेज उपलब्ध करायेगा।

पढ़ो परदेश

भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा अल्पसंख्यकों के मेधावी छात्रों को ब्याज इमदाद प्रदान कर विदेश में उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करने हेतु संचालित पढ़ो परदेश योजना के संबंध में वर्ष  2020-21 में निर्धारित लक्ष्य एवं वित्तीय लक्ष्य की जानकारी आयोग के पत्र क्रमांक / योजना / अ.सं.आ./ 2020-21 / 209 / रायपुर दिनांक 22/06/21 के द्वारा चाही गई थी जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

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सीखो और कमाओ

भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा अल्पसंख्यकों के पारंपरिक कौशलों के संरक्षण एवं उनके उन्नयन हेतु संचालित सीखो और कमाओ योजना के संबंध में वर्ष 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य एवं वित्तीय लक्ष्य की जानकारी आयोग के पत्र क्रमांक / योजना / अ.सं.आ./ 2020-21 / 209 / रायपुर दिनांक 22/06/21 के द्वारा चाही गई थी जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

उस्ताद योजना

भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा अल्पसंख्यकों के पारंपरिक कलाओं / शिल्पियों के संरक्षण एवं उद्यमिता कौशलों के संवर्धन हेतु संचालित उस्ताद योजना के संबंध में वर्ष 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य एवं वित्तीय लक्ष्य की जानकारी आयोग के पत्र क्रमांक / योजना / अ.सं.आ./ 2020 – 21 / 209 / रायपुर दिनांक 22/06/ 21 के द्वारा चाही गई थी जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

नई उड़ान

भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा नई उड़ान का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक अभ्यर्थियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराना है।

योजना के संबंध में वर्ष 2020-21 में निर्धारित लक्ष्य एवं वित्तीय लक्ष्य की जानकारी आयोग के पत्र क्रमांक/योजना/अ.स.आ./ 2020-21/209 / रायपुर दिनांक 22/06/21 के द्वारा चाही गई थी जो कि प्रतिवेदनावधि में अपेक्षित है।

वर्ष 2020-21 में योजना से संबंधित निर्धारित लक्ष्य एवं वित्तीय’ लक्ष्य की जानकारी”अल्पसंख्यक कार्य • मंत्रालय की वेबसाईट में अपलोड नहीं गयी है।

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Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

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