छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye

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( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )
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छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye

स्वतंत्रता के पूर्व छत्तीसगढ़ में वर्ष 1913 में रायपुर सहकारी केंद्रीय बैंक की स्थापना की गई थी। इस बैंक की एक शाखा उसी समय रायपुर नगर के अतिरिक्त धमतरी में भी खोली गई थी। सहकारी केंद्रीय बैंक ने सन 1920 में बलौदाबाजार में और एक दशक पश्चात महासमुंद में एक एक शाखा खोला। आरंभिक संकटकाल के पश्चात रायपुर केन्द्रीय बैंक के वित्तीय पुनर्गठन का कार्य प्राय: 1924 1925 एक पूरा हो गया था।

बैंकिंग इन्कारी कमेटी 1020 30 द्वारा बताए अनुसार केंद्रीय बैंक की कार्य-पूंजी आदि के संबंध में स्थिति यह थी कि बैंक के पास प्रदत्त हिस्सा पूंजी 84,678 रुपए की थी। वर्ष की समाप्ति पर संस्थाओं से लिए गए ऋण तथा जमा रकमें 71,413 रुपए थीं । प्रांतीय या केंद्रीय बैंकों से लिया गया ऋण 11,510 रुपए तथा व्यक्तियों से एवं जमा रकमों के अन्य स्रोतों से 2.82,762 रुपए था। रक्षित निधियां आदि 76,818 रुपए थी। ( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )

इसके साथ ही बैंक की कार्य पूंजी 5,27, 181 रुपए थी। वर्ष 1944 तक सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर की दो और शाखाएं एक 1937 में नागरी में तथा दूसरी 1944 में भाटापारा में खोली गई। आजादी के पूर्व वर्ष 1902 में तत्कालीन बिलासपुर जिले में सहकारिता साख आंदोलन सन 1902 में आरंभ किया गया था। इस वर्ष पहली संस्था . का पंजीयन किया गया और इस समय तक सहकारी संस्था अधिनियम 1904 भी पारित नहीं हुआ था ।

तथापि जिले में सन 1915 में बिलासपुर सहकारी केंद्रीय तथा भू-बंधक बैंक की स्थापना हो जाने से, जिसकी हिस्सा पूंजी 5,000 रुपए थी, इस आंदोलन में तेजी आ गई। शुरू-शुरू में यह बैंक केवल साख संस्थाओं की वित्त व्यवस्था करने का कार्य करता था। सन 1916 में बैंक की हिस्सा पूंजी बढ़कर 45,700 रुपए हो गई। बैंक से 29 सहकारी संस्थाएं इससे संबद्ध थीं, जिनकी कुल सदस्य संख्या 5,621 थी। ( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )

बैंक ने उस वर्ष इन संस्थाओं को 23,782 रुपए की रकम का ऋण दिया। सन 1928 तक बैंक की हिस्सा पूंजी बढ़कर 68,860 रुपए हो गई। इससे संबद्ध संस्थाओं की संख्या भी बढ़कर 195 हो गई जिनके सदस्यों की कुल संख्या 3.119 थी। 1931-32 तक इस बैंक से संबद्ध संस्थाओं की संख्या 295 थी और उनकी कुल सदस्य संख्या 4,647 थी। इस बैंक का काम काम ऐसा दक्षतापूर्ण था कि सेंट्रल प्रार्थिसेज प्रादिशियल एक्वायरी कमेटी 1929 30 ने यह कहा कि प्रांत में दक्षता की दृष्टि से बिलासपुर केंद्रीय बैंक का स्थान पहला है।

तथापि सन 1940 में इससे संबद्ध संस्थाओं की संख्या बढ़कर 506 हो जाने और उनके सदस्यों की संख्या 7,964 हो जाने के बावजूद इसकी हिस्सा पूंजी घटकर 59,336 रुपए रह गई। तथापि इन संस्थाओं को दिए गए ऋण की रकम स्थिर रही जो कि 2,26,293 रुपए थी। वर्ष 1942-43 में इसके क्षेत्राधिकार के अधीन 542 सहकारी संस्थाएं थी, जिनमें 15  कृष्येतर संस्थाएं शामिल थीं जिनको कुल सदस्य संख्या 9,371 इनमें कृषि संस्थाओं की सदस्य संख्या 8,241 तथा कृषि के अलावा अन्य क्षेत्रों में कार्यरत सहकारी संस्थाओं सदस्य संख्या 1,130 थी। ( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )

वहीं तत्कालीन बिलासपुर जिले में वर्ष 1915 में बिलासपुर सहकारी केंद्रीय और भूमि बंधक बैंक की स्थापना हो चुकी थी। तत्कालीन दुर्ग जिले में आजादी के पहले ही 1911 में जिला सहकारी केन्द्रीय तथा भूमि बंधक बैंक की स्थापना की गई थी। दुर्ग जिला सहकारी केन्द्रीय तथा भूमिबंधक बैंक से उस समय 29 सहकारी संस्थाएं संलग्न थीं।

प्रदेश में सहकारिता की आधारभूत संरचना

सहकारी संस्थाओं का वर्गीकरण

छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा 10 के तहत सहकारी संस्थाओं की संरचना एवं उनके उद्देश्य के आधार पर वर्गीकरण किया गया है । सहकारी संस्थाओं का वर्गीकरण निम्नानुसार है –

संरचना पर आधारित

  • शीर्ष संस्था
  • केन्द्रीय संस्था
  • प्राथमिक संस्था

राज्य की शीर्ष सहकारी संस्थाएँ 

  • छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित रायपुर
  • छग राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित रायपुर
  • छग राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित रायपुर
  • छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी संघ मर्यादित रायपुर
  • छग राज्य सहकारी मत्स्य महासंघ मर्यादित रायपुर
  • छग राज्य लघु वनोपज सहकारी (व्यापार एवं विकास) संघ मर्यादित रायपुर
  • छुगराज्य सहकारी बैंकर्स एसोसियेशन मर्यादित रायपुर ( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )
  • छग राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर 
  • छग राज्य अन्त्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम मर्यादित रायपुर
  • छग राज्य सहकारी आवास संघ मर्यादित रायपुर छग राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ मर्यादित रायपुर

जिला स्तरीय प्रमुख सहकारी संस्थाएं

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायपुर, दुर्ग राजनांदगांव, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर

नागरिक सहकारी बैंक

  • लक्ष्मी महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर,
  • व्यवसायिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर,
  • नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायपुर,
  • दि रायपुर अर्बन मर्केन्टाईल कोआपरेटिव्ह बैंक
  • मर्यादित, रायपुर, महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, महासमुंद,
  • नागरिक सहकारी बैंक मर्यादितं, दुर्ग,
  • प्रगति महिला नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित,भिलाई, 
  • भिलाई नगर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, भिलाई नगर,
  • बिलासपुर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, बिलासपुर,
  • रायगढ़ नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, रायगढ़, ( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )
  • रेणुका नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, अंबिकापुर, नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित, जगदलपुर ।

जिला सहकारी संघ मर्यादित

रायपुर, महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार, गरियाबंद,दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम,बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, कोरिया, जगदलपुर,कांकेर, नारायणपुर

सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित

  • भोरमदेव कवर्धा, ग्राम राम्हेपुर, जिला कबीरधाम
  • दन्तेश्वरीमैय्या बालोद, ग्राम- करकाभाट, जिला बालोद
  • माँ महामाया सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, अंबिकापुर, ग्राम करता, जिला सूरजपुर,
  • लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल सहकारी शक्कर
  • कारखाना मर्यादित, पण्डरिया, ग्राम बिसेसरा, जिला कबीरधाम

सहकारी संस्थाओं का पंजीयन संपरीक्षा, निर्वाचन एवं विवाद

  • विभाग के द्वारा सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1960 की धारा (9) के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं का पंजीयन किया जाता है। जिला स्तरीय सहकारी समितियों का पंजीयन जिला कार्यालय, संभाग स्तरीय सहकारी समितियों का पंजीयन संभागीय कार्यालय एवं राज्य स्तरीय सहकारी समितियों का पंजीयन मुख्यालय स्तर पर किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 में संशोधन कर सहकारी समितियों के पंजीयन के प्रावधान का सरलीकरण किया गया है, जो निम्नानुसार है।
  • पूर्व में सोसाइटी का गठन कम से कम 20 व्यक्तियों के द्वारा किया जाता था, अब सोसाइटी का गठन 10 व्यक्तियों द्वारा किया जा सकेगा। ( छत्तीसगढ़ की सहकारी संस्थाए | Chhattisgarh ki sahkari sansthaye )
  • पूर्व में सोसाइटी का पंजीयन 90 दिवस के भीतर किया जाता था, अब सोसाइटी का पंजीयन 45 दिवस के भीतर किया जावेगा ।

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Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

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