इरॅटोस्थनीज़ नामक ग्रीक खगोल निरीक्षक ने (ईसा पूर्व 273-195) निम्नलिखित पद्धति से पृथ्वी की त्रिज्या नापी । ऐतिहासिक प्रमाणों के आधार पर हम इसे त्रिज्या नापने का पहला प्रयास कह सकते हैं।
साइन व अलेक्झन्ड्रिया गाँव एक ही रेखांश पर करीब 800 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। दोनों जगह लंबवत छड़ियाँ गाड़कर एक ही समय उनकी छाया नापने का कार्य इरॅटोस्थनीज ने किया (चित्र 3 देखिए)।
इससे उसने पाया कि सूर्य जब माथे पर होता है तो साइन में छाया की लंबाई लगभग शून्य के बराबर होती है, पर अलेक्झन्ड्रिया में वह थोड़ी अधिक होती है। इस लंबाई से उसने यह निष्कर्ष निकाला की अलेक्झन्ड्रिया में सूर्य माथे से 7.5 डिग्री का कोण बनाये हुए है।
फिर ज्यामिति का उपयोग कर उसने पृथ्वी की परिधि का मूल्य 39459 किलोमीटर निश्चित किया और उसे 2 से विभाजित कर त्रिज्या का मूल्य 6283 किलोमीटर निकाला। यह आधुनिक उपकरणों द्वारा नापी गई त्रिज्या से केवल 51 किलोमीटर कम है। याने की उसकी त्रुटि का परिमाण 1 प्रतिशत से भी कम था।