न्यूटन के गति के एवं गुरुत्वाकर्षण के नियम ज्ञात होने के बाद उनके समकालीन रहे एडमंड हैली ने देखा कि पुराने अभिलेखा के अनुसार कुछ धूमकेतु तकरीबन 76 साल की अवधि के बाद पृथ्वी के नजदीक पाये गये हैं।
उन्होंने तर्क दिया कि ग्रहों की तरह ही धूमकेतु भी न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियमानुसार, सूर्य के दीर्घवृत्ताकार कक्षा में परिक्रमा करते हैं।
साथ ही 76 साल बाद देखे जाने वाले धूमकेतु अलग-अलग न होकर एक ही धूमकेतु है, जिसकी परिक्रमा अवधि उतने साल है।
हैली की यह अटकल सच साबित हुई और उनके बताये अनुसार धूमकेतु अगली बार सन 1758 में देखा गया। उसे हैली का नाम दिया गया।
आजकल पृथ्वी के पास आने वाले धूमकेतुओं का अचूक निरीक्षण संभव होने के कारण उनका परिक्रमा काल नापा जा सकता है।
कुछ धूमकेतुओं का काल हैली धूमकेतु की तरह कम होता है, पर अन्य कई धूमकेतुओं का काल 1000 साल से अधिक पाया गया है। इन धूमकेतुओं के लिये भूतकाल में देखे जाने के सबूत पाना संभव नहीं है।