इंद्रधनुष के समान ही प्रभामंडल एक अपवर्तन से होने वाली घटना है। जबकि इंद्रधनुष में वर्षा की बूंदों से अपवर्तन होता है, प्रभामंडल में यह वायुमंडल के ऊपरी स्तर में स्थित बर्फीले कणों से होता है।
चंद्र किरणें जब इन कणों से टकराती हैं तो अपवर्तन के कारण उनकी दिशा बदलती है और वे हमें चंद्रमा के चारों ओर फैले एक वलय से आती दिखती हैं।
यह वलय चंद्रमा के बिंबों से बना होता है और चंद्रमा से निकलते हुए शंकु के आकार का होता है। यही घटना सूर्य साथ भी होती है, लेकिन हम सूर्य की तरफ सीधा देख नहीं पाते, यही वजह है कि उसका हमें दिखाई पड़ना कठिन होता है।