मानव शरीर पर सूक्ष्म गुरुत्वीय बल के परिणामों को समझने के लिये यात्री अंतरिक्ष में अधिकाधिक समय बिता रहे हैं। तथापि लंबे समय तक ऐसी परिस्थिति में रहने वाले मानव के शरीर एवं मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में अभी कह पाना संभव नहीं है।
अंततः अगर मानव मंगल ग्रह पर गया तो पहले वहां एक प्रांगण में पृथ्वी सदृश्य स्थिति बनाकर रहेगा। मंगल पर जीवसृष्टि का पनपना समझने के लिये पहले सूक्ष्मजीवों को यहां रखकर उनके बचने एवं परिस्थितिनुकूल बनने का अध्ययन करना पड़ेगा।