श्वेत विवर क्या होता है ? ये आकाश में किस प्रकार खोजे जा सकते हैं ?

Share your love
Rate this post

माना की किसी वस्तु का लगातार आकुंचन होकर (प्रश्न 94 देखिए) वह कृष्ण विवर बनने जा रही है। अगर इस घटना की फिल्म ली जाए और वह उल्टी देखी जाए तो हमें क्या दिखाई पड़ेगा? एक छोटी सी जगह से वह वस्तु विस्फोटक तरीके से बाहर आती दिखाई देगी। श्वेत विवर (White Hole) ऐसी ही चीज है।

श्वेत विवर के केंद्र में बड़ा विस्फोट होकर भारी मात्रा में ऊर्जा एवं पदार्थ के मूल कण बाहर निकलते हैं। आरंभ में उनकी गति प्रकाश की गति के करीब होती है।

समय के साथ यह घटती जाती है। बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा निकलने के कारण श्वेत विवर अत्याधिक चमकीला होता है और इसे दूर से भी देखा जा सकता है।

किसी जगह किसी विस्फोट में ऊर्जा एवं मूल कण बाहर निकलते दिखे तो वहां श्वेत विवर होने की संभावना बनती है। इस दावे के अनुसार आकाशगंगाओं के केंद्र में देखे गए विस्फोट श्वेत विवर के कारण हो सकते हैं।

परंतु इन विस्फोटों के कारण अलग भी हो सकते हैं जैसे कि वहां कृष्ण विवर का अस्तित्व।

Share your love
Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

Articles: 1117

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *