शुक्र ग्रह के सूर्य से अधिक करीब होने एवं वहां मौजूद ग्रीनहाउस प्रभाव से उसका तापमान करीब 400 डिग्री है। इस कारण वहां जल द्रव्य रूप में नहीं रह सकता।
शुक्र के वायुमंडल में भी वाष्प पृथ्वी की अपेक्षा बहुत कम है। इसके दो मुख्य कारण हैं। शुक्र में चुंबकीय क्षेत्र नहीं है। इस कारण सौर पवन के अधिक ऊर्जा वाले आवेशित कण सीधे उसकी सतह तक पहुंच सकते हैं।
शुक्र पर ओजोन परत नहीं होने से सूर्य से आती अतिनील किरणें भी नीचे तक आ सकती हैं। इन दोनों कारणों से पानी ऑक्सीजन एवं हायड्रोजन में विभाजित हो जाता है।
गैस रूपी हायड्रोजन, हलका होने के कारण वायुमंडल की ऊपरी सतह तक जाकर शुक्र से पलायन करता है। इस कारण शुक्र में हायड्रोजन की भी कमी देखी गयी है।