यह नामकरण उसके ग्रह होने की जानकारी होने के पूर्व किया गया होगा या फिर आम आदमी को, विशिष्ट रूप से कवियों को, ग्रह व तारों के बीच का फर्क मालूम ना होने से किया गया होगा।
पृथ्वी की अपेक्षा सूर्य के पास होने से हमें वह हमेशा सूर्य के निकट ही दिखता है और इसलिये या तो प्रातःकाल या संध्या के समय दिखता है।