बूटीगं क्या होता है Booting Kya hota hai

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यूज़र द्वारा कम्प्यूटर को स्विच ऑन करने पर ऑपरेटिंग सिस्टम में जो प्रक्रिया सबसे पहले क्रियान्वित होती है, उसे बूटिंग कहते हैं। यह प्रक्रिया कम्प्यूटर के स्विच ऑन (Switch On) होने पर प्रारम्भ होती है तथा ऑपरेटिंग सिस्टम के हार्ड डिस्क से मुख्य मैमोरी (Main Memory) में लोड होने तथा कम्प्यूटर के उपयोगकर्ता द्वारा दी गई कमाण्ड लेने के लिए तैयार होने तक समाप्त होती है। ये प्रक्रियाएँ एक निश्चित बूट अनुक्रम के अनुसार क्रियान्वित होती हैं।

बूटिंग दो प्रकार की होती है- वार्म (Warm) बूटिंग तथा कोल्ड (Cold) बूटिंग। कम्प्यूटर के ऑन (On) रहते हुए यज़र द्वारा उसे रीस्टार्ट करने को वार्म बूटिंग तथा यूज़र द्वारा कम्प्यूटर का पावर स्विच ऑफ करने के बाद पुनः स्विच ऑन करना कोल्ड बूटिंग कहलाता है।

बूटिंग प्रोसेस Booting Process

जब कम्प्यूटर स्टार्ट (Start) होता है, तब सबसे पहले यह मदरबोर्ड को एक संकेत भेजता है, जिससे बिजली की आपूर्ति (Supply) प्रारम्भ हो जाती है। प्रत्येक डिवाइस के पास पर्याप्त मात्रा में बिजली की आपूर्ति होने के बाद, यह एक संकेत, जिसे पावर ओके (Power Ok) कहते हैं, बायोस (BIOS) को भेजता है।

बायोस मदरबोर्ड में रहता है, बायोस पावर ओके संकेत प्राप्त करके प्रक्रिया आरम्भ (First Initializing a Process) करता है, जो पोस्ट (POST Power On Self Test) कहलाती है, बूटिंग प्रोसेस प्रारम्भ कर देता है।

सबसे पहले पोस्ट (POST) यह देखता है कि सभी डिवाइसेज के पास सही मात्रा में पावर (Power) है या नहीं और फिर उसके बाद यह देखता है कि मैमोरी अनुपयोगी तो नहीं है, तब यह प्रत्येक उपकरण का प्रोसेस प्रारम्भ करता है और अन्त में इसकी बूटिंग के लिए बायोस को नियन्त्रण दे देता है। फिर बूटिंग की अन्तिम प्रक्रिया प्रारम्भ होती है।

इसके लिए बायोस पहले 512 बाइट्स (512 Bytes) की इमेज, जिसे एम.बी.आर.- मास्टर बूट रिकॉर्ड (MBR-Master Boot Record) कहते हैं या हार्ड डिस्क या फ्लॉपी डिस्क से बूट सेक्टर (Boot Sector), जो बूटिंग के लिए प्रयोग होते हैं, उन्हें खोजता है। बूट डिवाइसों की प्राथमिकता यूज़र के द्वारा बायोस की सेटिंग में निर्धारित कर दी जाती है।

सामान्य प्राथमिकता, पहले फ्लॉपी डिस्क बाद में हार्ड डिस्क को होती है। बायोस बूट सेक्टर को खोजकर, बायोस मैमोरी में इमेज को लोड (Load) करके उसे क्रियान्वित (Execute) कर देता है। यदि वैद्य (Valid) बूट सेक्टर नहीं मिलता है, तो बायोस बूट क्रम में अगली ड्राइव के लिए देखता है जब तक कि उसे वैद्य (Valid) बूट सेक्टर नहीं मिल जाता।

यदि बायोस वैद्य बूट सेक्टर प्राप्त करने में विफल (Fail) हो जाता है, तब सामान्य तौर पर यह इसका क्रियान्वयन (Execution) बन्द कर देता है और एक त्रुटि सन्देश ‘डिस्क बूट फेलियर’ (Disk Boot Failure) देता है। मैमोरी में ऑपरेटिंग सिस्टम लोड और उसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी बूट सेक्टर की ही होती है।

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Rajveer Singh
Rajveer Singh

Hello my subscribers my name is Rajveer Singh and I am 30year old and yes I am a student, and I have completed the Bachlore in arts, as well as Masters in arts and yes I am a currently a Internet blogger and a techminded boy and preparing for PSC in chhattisgarh ,India. I am the man who want to spread the knowledge of whole chhattisgarh to all the Chhattisgarh people.

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