किसी भी बड़े परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन एवं प्रोटॉन इन मूल कणों का संग्रह होता है। आपसी आकर्षण से ये एक साथ रह सकते हैं।
किंतु, कुछ परमाणुओं के नाभिक साम्य की स्थिति कायम नहीं रख सकते और फूट कर उसमें से कुछ कण बाहर निकलते हैं। इसे ही किरणोत्सर्ग कहा जाता है।
बाहर निकलने वाले कण तीन प्रकार के होते हैं। वे क्या हैं, यह वे ठीक प्रकार समझने से पहले उन्हें अल्फा, बीटा और गामा किरणें कहा जाने लगा।
इनमें से अल्फा कण हीलियम परमाणु का नाभिक होता है। इसमें दो प्रोटॉन एवं दो न्यूट्रॉन होते हैं। बीटा कण ऋणात्मक विद्युतभार वाला इलेक्ट्रॉन होता है।
इसका द्रव्यमान अल्फा कण से बहुत कम (करीब 7300 वां भाग) होता है। गामा किरणें याने प्रकाश की किरण ही होती हैं लेकिन इनका तरंग दैर्ध्य दृश्य प्रकाश से बहुत कम और तीव्रता बहुत ज्यादा होती है।
प्रयोगशाला में और नैसर्गिक स्थिति में किरणोत्सर्गों के अध्ययन से वैज्ञानिकों ने परमाणु के नाभिक के बारे मे काफी जानकारी हासिल की है ।